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Property Rights : तलाक के बाद पति-पत्नी में कैसे होगा प्रोपर्टी का बंटवारा, 90 प्रतिशत लोग नहीं जानते कानून

Property Rights : प्रोपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है. ऐसे में आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताने जा रहे है कि आखिर तलाक के बाद पति-पत्नी में प्रोपर्टी का बंटवारा कैसे होगा.... 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है इसके बारे में जानकारी-

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Property Rights : तलाक के बाद पति-पत्नी में कैसे होगा प्रोपर्टी का बंटवारा, 90 प्रतिशत लोग नहीं जानते कानून

HR Breaking News, Digital Desk- तलाक सिर्फ पति-पत्नी का रिश्ता नहीं तोड़ता, बल्कि दो परिवारों को भी प्रभावित करता है. इसका सबसे बुरा असर मासूम बच्चों पर पड़ता है. यह मामला केवल कानूनी या भावनात्मक नहीं है, बल्कि इसके वित्तीय निहितार्थ भी हैं, जो पति-पत्नी की कमाई और संपत्ति को प्रभावित करते हैं. इसलिए तलाक के बाद संपत्ति का बंटवारा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाता है. (Property Rights)

जब भी तलाक की बात होती है, तब महिला के सामाजिक और वित्तीय अधिकारों की चर्चा अक्सर होती है. लेकिन बहुत कम लोगों को तलाक के मामलों में पुरुषों से जुड़े अधिकारों के बारे में पता है. तलाक के मामले में क्या पति के पास अपनी और पुरखों की संपत्ति सुरक्षित रखने के अधिकार होते हैं? चलिए समझते हैं… (Property rights news)

जानें क्या-क्या हैं आपके अधिकार-

आपके मन में भी तलाक को लेकर कई सवाल आते होंगे. तलाक के बाद पत्नी के साथ-साथ पति के भी कुछ वित्तीय अधिकार होते हैं…

- शादी से पहले, बाद या शादी के दौरान पत्नी के माता-पिता द्वारा दिए गए उपहार पर पति का अधिकार होता है.

 - कोई भी संपत्ति (property) जो पति द्वारा पत्नी के नाम पर खरीदी गई, लेकिन उपहार के रूप में उसे नहीं दी गई, तो उस पर पत्नी का अधिकार नहीं होता है.

- पत्नी किसी भी संपत्ति पर तभी दावा कर सकती है, जब वह उसने खुद खरीदी हो. अगर उस संपत्ति को खरीदने में पति का योगदान है तब उस संपत्ति पर पत्नी पूर्ण रूप से दावा नहीं कर सकती है.

 - पति-पत्नी अगर साथ में कोई संपत्ति खरीदते हैं, लेकिन इसके लिए फाइनेंस अगर पति करता है, तब तलाक की स्थिति में इसकी कुल वैल्यू के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर पति का दावा मजबूत हो सकता है.

 - अगर साथ में ली गई संपत्ति पर पति-पत्नी दोनों ने लोन लिया हो, तब तलाक के केस में संपत्ति को विभाजित किया जाता है. ये विभाजन उस अनुपात को ध्यान में रखकर होता है जिसमें पति-पत्नी ने आर्थिक रूप से योगदान दिया हो.

पति-पत्नी में संपत्ति का बंटवारा-

तलाक (Divorce) के मामलों में, पति द्वारा खरीदी गई और भुगतान की गई संपत्ति पति की ही मानी जाती है. यदि पति ने संपत्ति पत्नी के नाम खरीदी है, तो कानूनी मालिक पत्नी होगी, जब तक पति यह साबित न कर दे कि उसने कर्ज चुकाया है. पैतृक संपत्ति पर पत्नी का कोई दावा नहीं होता. (Division of property between spouses)

 

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