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UP के 741 राजस्व गांवों को मॉडल बनाने के लिए जारी हुए 46 करोड़, गांवों में बनाई जाएंगी ये चीजें

uttar pradesh news : स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब गांवों को माडल विलेज बनाने के लक्ष्य से सरकार तेजी से काम कर रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में 741 राजस्व गांवों को मॉडल बनाने की तैयारी जोरों से चल रही है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 46 करोड़ पास किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस मिशन को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। 
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UP के 741 राजस्व गांवों को मॉडल बनाने के लिए जारी हुए 46 करोड़, गांवों में बनाई जाएंगी ये चीजें

HR Breaking News (ब्यूरो)। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के तहत गांवों को साल 2025 तक माडल विलेज बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत ओडीएफ प्लस में चयनित राजस्व गांवों को उदीयमान, उज्ज्वल और उत्कृष्ट श्रेणी में रखा जा रहा है। जिले के 940 ग्राम पंचायतों के 1809 राजस्व गांव चयनित हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में 145 ग्राम पंचायतों के 237 राजस्व गांवों को माडल बनाने को 58.58 करोड़ रुपये जारी हुए थे।

उसमें अभी तक मात्र 76 गांव ही माडल बन सके हैं। नए वित्तीय वर्ष में 448 ग्राम पंचायतों के 741 गांवों को पूरी तरह स्वच्छ बनाने के लिए 46 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। इसमें 208 ग्राम पंचायतों के खाते में 25.25 करोड़ रुपये भेज भी दिए गए हैं, लेकिन प्रगति अभी भी ठीक नहीं है। गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार काफी धन दे रही है, लेकिन सचिवों और प्रधानों की लापरवाही से आपेक्षित कार्य नहीं हो पा रहा है।

गांवों में कराने हैं यह कार्य

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत गांव में सामुदायिक खाद व व्यक्तिगत खाद गड्डे, नाडेप, वर्मी व विंड्रो कंपोस्टिंग, कूड़ा पात्र, अपशिष्ट एकत्रीकरण के लिए वाहन, मैटेरियल रिकवरी सेंटर आदि बनाए जाएंगे। इसी तरह से तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन आदि कार्य कराए जाएंगे।

इस कार्यक्रम में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर व्यक्ति शौचालय का इस्तेमाल करे। व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा मानदंडों के अनुसार नए पात्र परिवारों को 12 हजार की राशि प्रदान करने का प्रावधान है।

आरआरसी सेंटर के लिए 47 पंचायतों में नहीं मिली जमीन

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में चयनित 237 गांवों में कार्य अभी तक चल रहा है। इसमें 47 ग्राम पंचायतों में अभी तक आरआरसी सेंटर के लिए जमीन नहीं मिली है। ग्राम प्रधान और सचिव की ओर से प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा 103 ग्राम पंचायतों में कार्य की गति काफी धीमी है। कार्य की प्रगति के लिए डीपीआर के नेतृत्व में बुधवार को सचिवों के साथ एक बैठक कर सभी को 31 दिसंबर तक कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के तहत नए वित्तीय वर्ष में 448 ग्राम पंचायतों के 741 राजस्व गांवों को पूरी तरह स्वच्छ बनाने के लिए 46 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। इसमें 208 ग्राम पंचायतों के खाते में 25.25 करोड़ रुपये भेज भी दिए गए हैं। कार्य की प्रगति के लिए प्रयास जारी है। -शैलेश ओझा, जिला सलाहकार, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)।