Salary Hike : 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए गुड न्यूज, सैलरी में 180% का इजाफा

HR Breaking News - (Salary Hike)। सरकार ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर जनवरी में ही मंजूरी दे दी थी। सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार के साथ ही महंगाई से लड़ने में सहायता मिलेगी। सरकार की इस घोषणा ने कर्मचारियों और पेंशनर्स में उत्साह भर दिया है। इसके बाद से ही कर्मचारियों में नए वेतन आयोग (8th Pay Commission) के तहत उनकी सैलरी में होने वाले संशोधन को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। आइए जानते हैं कि सैलरी के साथ ही पेंशन में कितना इजाफा हो सकता है।
आयोग कैसे तय करता है सैलरी का स्ट्रक्चर
वेतन आयोग लागू करने के पीछे का सरकार का मकसद कर्मचारियों (Central government employees) को इस बढ़ती महंगाई में राहत देना है। वेतन आयोग एक हाई लेवल कमेटी होती है। जब भी कोई नया वेतन आयोग (8th pay commission Salary Hike) लागू होता है तो इस दौरान कई पहलुओं पर गौर किया जाता है। आयोग में शामिल सदस्य वेतन, वित्त, इकोनॉमी, मानव संसाधन के एक्सपर्ट होते हैं। इसमें महंगाई, देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फैसले लिए जाते हैं।
क्यों किया जाता है वेतन आयोग का गठन
फिलहाल में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत सैलरी और पेंशन मिल रही है। सातवें वेतन आयोग की तुलना में अब इस आयोग के सामने चुनौती यह है कि सैलरी स्ट्रक्चर कैसा प्रदान किया जाए जो प्रतिस्पर्धी होते हुए भी सरकार की ओर से वहन करने योग्य हो। यह आकर्षक, स्वीकार्य होने के साथ-साथ दूरदर्शी और अनुकूल भी हो। इसके अलावा नए वेतन आयोग की सरलता और इसके तर्कसंगत होने को भी मंथन किया जाना है।
कर्मचारियों की परफोर्मेंस भी करती है मैटर
नया वेतन आयोग लागू करने से पहले बढ़ती महंगाई में कर्मचारियों के परफॉर्मेंस पर भी ध्यान दिया जाता है। ये सैलरी स्ट्रक्चर (Salary and Pension Hike) वर्तमान सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों से मेल खाना चाहिए। इन सैलरी स्ट्रक्चर के बदलाव से कर्मचारियों को नई उम्मीद मिलती है। एक 'उचित सैलरी' लेवल तक कर्मचारियों को पहुंचाने के लिए सरकार कई चीजों पर गौर करती है।
भत्तों के लिए भी की जाती है सिफारिश-
वेतन आयोग (Pay Commission) कर्मचारियों के लिए कई चीजों की सिफारिशें करता है। इसमें पेंशन, भत्ते और भत्तों में महंगाई भत्ता, आवास भत्ता, परिवहन भत्ता, मेडिकल भत्ता शामिल है। इसके साथ ही कर्मचारियों की काम की परिस्थितियों में सुधार और बेहतर काम को करने के लिए ट्रेनिंग की भी सिफारिशें की जाती हैं। हालांकि आयोग की ओर से रखी गई सिफारिशों पर अंतिम फैसला सरकार को ही लेना होता है। सरकार अगर सरकार चाहे तो वित्तीय सेहत, राजकोषीय कंडिशन और महंगाई स्तर पर सोच-विचार करने के बाद वेतन आयोग की इन सिफारिशों (वेतन आयोग की इन सिफारिशों ) को मान सकती है।
कितनी बढ़ सकती है कर्मचारियों की सैलरी-
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के जरिए ही सैलरी और पेंशन को तय किया जाता है। फिलहाल सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 चल रहा है। इसके अनुसार ही कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन (Salary and pension of employees) दी जाती है। मतलब यह है कि नए वेतन आयोग में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पिछले बेसिक सैलरी का 2.27 गुना बढ़ सकती है। सातवें वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी (Salary of employees) 18000 हो गई थी, जोकि पहले 7000 हजार थी
ऐसे करें सैलरी और पेंशन की कैलकुलेशन-
आप इस केलकुलेशन(Fitment Factor Calculations) के जरिए (7000x2.57) सैलरी का पता लगा सकते हैं। इसी तरह न्यूनत्तम पेंशन भी 9000 हो गई, जो पहले 3500 थी। पेंशन की कैलकुलेशन 3500x2.57 के फॉर्मूले के आधार पर कर सकते हैं। अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों की मैक्सिमम सैलरी (maximum salary of employees) 2.5 लाख और अधिकतम पेंशन 1.25 लाख रुपये तक पहुंच गई है। आप फिटमेंट फैक्टर के जरिए आसानी से अपनी सैलरी कैलकुलेट कर सकते हैं।
कितना बढ़ सकता है फिटमेंट फैक्टर-
हालांकि अभी सरकार ने केवल इस नए वेतन आयोग (new pay commission) के गठन को लेकर घोषणा की है, लेकिन अभी फिटमेंट फैक्टर के बारे में कोई पुष्टि नहीं की है। एक्सपर्ट्स के अनुसार 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor in 8th Pay Commission) 2.86 तक हो सकता है, जो अभी वर्तमान में 2.57 है। अगर सरकार इतना फिटमेंट फैक्टर कर देती है तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार से बढ़कर 41000 से 51480 रुपये के बीच हो सकती है। इस इजाफे के बाद कर्मचारियों को इस महंगाई में बड़ी राहत मिलेगी।
नए वेतन आयोग के तहत कितनी होगी न्यूनतम पेंशन -
कर्मचारियों की सैलरी के साथ इस आठवें वेतन आयोग का फायदा (benefit of 8th pay commission) पेंशनर्स को भी मिलने वाला है। इतना ही नहीं इसका असर दिल्ली में रह रहे 4 लाख केंद्रीय कर्मचारियों पर भी पड़ेगा। अगर केंद्र सरकार इन सिफारिशों को स्वीकार कर लेती है तो इससे रिटायर्ड कर्मचारियों की 9000 रुपये की न्यूनतम पेंशन (Pension Hike in 8th pay commission) बढ़कर 25,740 हो जाएगी। इस बारे में एक एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार इस नए वेतन आयोग (new pay commission)में 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है तो इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 186 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। वहीं, कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर क्यों है जरूरी-
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor Hike)एक ऐसी संख्या है, जिसका काम कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और महंगाई के बढ़ते स्तर से कर्मचारियों को राहत देना है। फिटमेंट फैक्टर को हर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय किया जाता है और इसी के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में संशोधन (Revision in salary and pension) किया जाता है। नए वेतन आयोग के तहत और समय-समय पर इसमें संशोधन किए जाते हैं।
इसका असर कर्मचारियों की सैलरी के साथ ही रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन (pension for retired employees) पर भी पड़ता है। कर्मचारी भी समय-समय पर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग करते रहते हैं, क्योंकि इसी के जरिए सैलरी और वेतन को तय किया जाता है। अब इस नए वेतन आयोग के तहत कर्मचारी संघ फिटमेंट फैक्टर को 3 प्रतिशत से ज्यादा रखने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी सरकार ने अभी इस बारे में कुछ तय नहीं किया है।
पहले वेतन आयोग में कितनी थी सैलरी-
आजादी के बाद पहले वेतन आयोग (First Pay Commission) का गठन 1946 में किया गया था। उस समय में कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 55 रुपये और अधिकतम 2000 रुपये तय की गई थी। उस समय में पहले वेतन आयोग का फायदा (benefit of first pay commission) लगभग 15 लाख कर्मचारियों को मिला था। उसके बाद से अब तक सात वेतन आयोग लागू हो चुके हैं और वर्तमान में अभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत ही सैलरी और पेंशन (Salary and pension) दी जा रही है।
जानिए अब तक के लागू हुए वेतन आयोग-
वेतन आयोग न्यूनतम सैलरी (रुपये) अधिकतम सैलरी (रुपये) कब लागू हुआ लाभार्थी
पहला वेतन आयोग 55 2000 1946 15 लाख कर्मचारी
दूसरा वेतन आयोग 80 3000 1957 25 लाख कर्मचारी
तीसरा वेतन आयोग 185 3200 1973 30 लाख कर्मचारी
चौथा वेतन आयोग 750 8000 1986 35 लाख कर्मचारी
पांचवां वेतन आयोग 2550 30000 1996 40 लाख कर्मचारी
छठा वेतन आयोग 7000 90000 2006 60 लाख कर्मचारी
सातवां वेतन आयोग 18000 250000 2016 1 करोड़ कर्मचारी
इस दिन लागू होगा नया वेतन आयोग-
अब दिसंबर 2025 में सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जिसके बाद सरकार 1 जनवरी 2026 को नया वेतन आयोग लागू कर सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ऊपर दिये गए आंकड़े सिर्फ कर्मचारियों के बेसिक सैलरी के हैं। वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए मूल वेतन (Basic Pay for Employees) के अलावा महंगाई, मेडिकल, आवास और परिवहन भत्ता भी तय करता है। इन सभी मिलने वाली अन्य सुविधाओं को मिला लिया जाए तो मूल वेतन में जोड़ने पर कर्मचारी की सैलरी लगभग दोगुनी हो जाती है।
राज्य सरकारें भी ले सकती हैं यह फैसला-
केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन व डीए (DA hike) आदि बढ़ने पर विभिन्न राज्यों के कर्मचारियों की मांगें भी वेतन बढ़ौतरी के लिए उठने लगती हैं। केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत ही राज्य सरकारें वेतन कमीशन (State Governments Pay Commission) की सिफारिशें अपने राज्य में लागू कर सकती हैं। हालांकि राज्य सरकारों पर इनका कोई भार नहीं होता है। राज्य सरकारें अपने वित्तीय हालातों को देखते हुए अपने हिसाब से कुछ बदलाव कर सकती हैं।