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Salary Hike : आठवें वेतन आयोग में बड़े बदलाव, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 26 से 27 हजार की बंपर बढ़ोतरी

Salary Hike : केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, तब से संभावित फिटमेंट फैक्टर के बारे में बहुत सारी अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन इस बीच एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि मुख्य भत्तों में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है... कहा जा रहा है कि कर्मचारियों की सैलरी में  26 से 27 हजार की बंपर बढ़ोतरी होगी-

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Salary Hike : आठवें वेतन आयोग में बड़े बदलाव, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 26 से 27 हजार की बंपर बढ़ोतरी

HR Breaking News, Digital Desk- (8th pay Commission) केंद्र सरकार ने एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन और अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए प्रमुख सदस्यों की नियुक्ति और संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप देने के बारे में अभी तक कोई बड़ी घोषणा नहीं की है। अब सबकी निगाहें आठवें वेतन आयोग के सदस्यों की आधिकारिक घोषणा और उसके ToR पर टिकी हैं।

बता दें कि जब से केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) की घोषणा की है, तब से संभावित फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) के बारे में बहुत सारी अटकलें लगाई जा रही हैं, जो अंततः कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की मात्रा तय करेगा। चूंकि, कर्मचारियों के संभावित वेतन और पेंशन के बारे में बहुत कुछ कहा जा चुका है, इसलिए आज हम आपको आठवें वेतन आयोग के तहत भत्तों में संभावित बदलावों के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से...

प्रमुख भत्तों के पुनर्गठन का प्रस्ताव-

मार्च में हुई 34वीं SCOVA (स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति) की बैठक में संकेत दिया गया कि 8वां वेतन आयोग पिछले आयोगों की तरह वेतन के साथ-साथ प्रमुख भत्तों के पुनर्गठन का भी प्रस्ताव करेगा। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है, जिसमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रैवल अलाउंस, महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और मेडिकल अलाउंस जैसे भत्ते शामिल हैं। यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम होगा।

फिक्स मेडिकल अलाउंस बढ़कर 3,000 रुपये हो सकता है-

11 मार्च 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित SCOVA की 34वीं बैठक में पेंशनभोगियों के लिए फिक्स मेडिकल अलाउंस (FMA) को मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

बढ़ोतरी क्यों है जरूरी-

वर्तमान में मिल रही एक हजार रुपये की राशि आज की महंगाई और इलाज के बढ़ते खर्च के मुकाबले काफी अपर्याप्त मानी जा रही है। कई पेंशनभोगियों ने सरकार से इसे बढ़ाने की अपील की थी।

कब लागू होगा आठवां वेतन आयोग-

यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, क्योंकि इसे आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) की टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल करने की सिफारिश की गई है। इसका मतलब है कि अब यह सिर्फ सुझाव नहीं रहेगा, बल्कि आधिकारिक समीक्षा का हिस्सा बन जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी-

पिछले आयोग में फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 2.57 गुना था, जिससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तय हुआ था। अब खबरें हैं कि सरकार इसे 2.8 से बढ़ाकर 3.0 गुना करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम वेतन 26,000 से 27,000 रुपये तक पहुंच सकता है और पेंशन (pension) भी मौजूदा 9,000 रुपये से बढ़कर करीब 25 हजार रुपये हो सकती है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

एचआरए, यात्रा भत्ता और अन्य भत्तों में संभावित बदलाव-

रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार एचआरए (House Rent Allowance), परिवहन भत्ता और अन्य भत्तों की नई दरों और संरचना पर काम कर रही है।

मेट्रो शहरों में HRA की दरें अधिक रखी जा सकती हैं-

ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों के लिए TA (यात्रा भत्ता) की गणना अलग हो सकती है।

कुछ अप्रचलित भत्ते समाप्त किए जा सकते हैं-

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पहले से ही सिस्टम को अधिक पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए कई पुराने और अप्रासंगिक भत्तों को हटाने पर विचार कर रही है।

डीए को मूल वेतन में विलय करने की योजना-

एक और बड़ा बदलाव जो चर्चा में है, वह है महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को मूल वेतन में विलय करना। हालांकि इससे कर्मचारियों के कुल वेतन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन भविष्य में डीए दरों में बढ़ोतरी सीमित हो सकती है।

एग्जिक्यूशन में देरी संभव-

आठवें वेतन आयोग (8th pay commisision) की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, और न ही इसकी संदर्भ की शर्तें (टीओआर) अधिसूचित की गई हैं। आमतौर पर, आयोग के गठन से लेकर सिफारिशों को लागू करने तक 18-24 महीने लगते हैं। इस वजह से, यह संभावना कम है कि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होंगी, उनमें देरी हो सकती है।