home page

Adani केस में Supreme Court ने दिखाई सख्ती, SEBI को दिया 3 महीनों का समय

Supreme court decision : हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद SEBI भी अडानी के ऊपर नज़र रखे हुए है और मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय माँगा पर कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए SEBI को ये निर्देश दे दिए | 
 | 
अडानी के केस में कोर्ट ने दिखाई सख्ती, कह दी ये बात

HR Breaking News, New Delhi : अडानी मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ गया है. सुप्रीम कोर्ट 15 मई यानी 3 दिन के बाद में अब अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई करेगा. वहीं, सेबी ने जांच के लिए कोर्ट से 6 महीने का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने 3 महीने में जांच को पूरे करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इस सुनवाई में कहा है कि जांच करने के लिए 6 महीने का समय काफी ज्यादा है या मांग उचित नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि हम इस मामले की 14 अगस्त के आसपास में सुनवाई करेंगे. 

बहुत खतरनाक है UP की स्पेशल टास्क फ़ोर्स, इस खास काम के लिए किया था गठन

सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अडानी समूह-हिंडनबर्ग रिपोर्ट सुनवाई के दौरान सेबी से कहा है कि “हम जांच के लिए समय बढ़ाएंगे, लेकिन छह महीने के लिए नहीं. हम तीन महीने के लिए समय बढ़ाएंगे"

2 मार्च को दिए थे जांच के आदेश
भारत के चीफ न्यायाधीश डॉ. धनंजय यशवंत चद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई कर रही थी. 2 मार्च को, शीर्ष अदालत ने सेबी को निर्देश दिया था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करे, जिसके कारण अडानी समूह के बाजार मूल्य के 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का भारी नुकसान हुआ.

बहुत खतरनाक है UP की स्पेशल टास्क फ़ोर्स, इस खास काम के लिए किया था गठन

सेबी ने मांगा 6 महीने का समय 
समय बढ़ाने की सेबी की अर्जी का याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने विरोध किया है. सेबी ने कहा है कि इन लेन-देन की जांच पूरी करने में कम से कम 15 महीने लगेंगे, लेकिन छह महीने के भीतर इसे समाप्त करने के लिए सभी उचित प्रयास कर रहे हैं.

समिति में कौन-कौन है शामिल?
एक्सपर्ट समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के साथ-साथ अन्य पांच सदस्यों में शामिल हैं - सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेपी देवधर, ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरसन.

बहुत खतरनाक है UP की स्पेशल टास्क फ़ोर्स, इस खास काम के लिए किया था गठन