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supreme court verdict : अब इन बेटियों को नहीं मिलेगा पिता की संपत्ति में हिस्सा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला

supreme court decision : सुप्रीम कोर्ट के फैसले अन्य अदालतों में चल रहे मामलों में भी नजीर बनते हैं। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) का फैसला आता है तो उस सुप्रीम कोर्ट की वर्डिक्ट को जिला अदालतों से लेकर उच्च न्यायाल्यों तक में केस रेफरेंस के तौर पर प्रयोग किया जाता है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट (supreme court) का एक एतिहासिक फैसला आया है। इसके अनुसार बेटी को पिता की संपत्ति में किसी प्रकार आ अधिकार नहीं दिया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

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supreme court verdict : अब इन बेटियों को नहीं मिलेगा पिता की संपत्ति में हिस्सा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला

HR Breaking News (supreme court verdict) : सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में साफ कर दिया है कि बेटी पिता से किसी प्रकार की संपत्ति पाने का अधिकार नहीं रखती है। इस फैसले की तरह ही अन्य मामलों में भी इन बेटियों को पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा।

 

बेटियों और पिता की संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट (daughter's rights) ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट (supreme court order) के फैसले ने साफ किया है कि बेटी पिता से कोई रुपया नहीं मांग सकती है, चाहे वह पढ़ाई का खर्चा क्यों न हो।

 

 
supreme court में डबल बैंच ने सुना मामला
 

मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (supreme court case) की डबल बेंच में की गई। इसमें सुनवाई न्यायाधीश जस्टिस किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने की। सुप्रीम कोर्ट पीठ (supreme court banch) ने सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला दिया है। जिसमें एक 20 साल की लड़की को अपने पिता से से पढ़ाई आदि के लिए पैसे मांगने का अधिकार नहीं दिया गया है। दरअसल, केस लड़की के माता पिता के तलाक का था। 

 

supreme court ने सुनाया ये फैसला


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बोला कि अगर बेटी अपने पिता से कोई रिश्ता नहीं रख रही है तो बेटी को पिता से रुपये मांगने का भी अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (supreme court verdict) के फैसले में साफ हुआ है कि जब कोई संतान अपने पिता से कोई रिश्ता नहीं रख रही है तो उक्त संतान को रुपये या किसी प्रकार की पिता की संपत्ति का भी कोई अधिकार नहीं होता है।

 

 

अपना रास्ता खुद चुनने के लिए आजाद है बेटी
 

सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) में दो जजों की बैंच ने सुनवाई की। वहीं सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में साफ कहा गया कि बेटी  अगर अपने पिता से काफी लंबे समय से किसी भी प्रकार का कोई भी रिश्ता नाता नहीं रख रही है तो बेटी को अपने पिता से रुपये मांगने भी हक नहीं है। वह अपना रास्ता खुद चुनने के लिए आजाद है।

पिता से नहीं रखा कोई नाता
 

दरअसल, मामले में लड़की 20 की साल थी व लड़की खुद अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र थीं। फिर भी लड़की ने पिता से कोई रिश्ता नहीं रखा। ऐसे में कोर्ट (court decision) के अनुवार वह अपने पिता की संपत्ति में भी कोई अधिकार नहीं रखती है।  

मां के गुजारे भत्ते से ले सकती हैं पैसा
 

सुप्रीम कोर्ट (court) ने अपने फैसले के दौरान यह भी कहा कि अगर मां की इच्छा है तो वह अपने गुजारे भत्ते के रुपये से बेटी की सहायता कर सकती हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में तलाक का मामला पहुंचा था। कोर्ट ने इसपर सुनवाई की। पति की ओर से उसके वैवाहिक अधिकारों की बहाली हेतु याचिका लगाई गई थी, जोकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से रिजेक्ट हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में लगाई तलाक की गुहार
 

तलाक की अर्जी को फिर सर्वोच्च न्यायालय में रखा गया। सुप्रीम कोर्ट (supreme court verdict) की ओर से मिडिएशन की कोशिश की गई। वहीं, तलाक की अर्जी दूसरी और लंबित थी। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट मे ही बेटी और पिता के रिश्तों में सुलह की कार्रवाई को लेकर सुनवाई हुई। बता दें कि जन्म से ही बेटी मां के साथ रह रही थीं। इतना ही नहीं, 20 साल की आयु में बेटी ने पिता को देखने तक से मना कर दिया। कोर्ट का फैसला इसी मामले में आया है।