tenancy act : हर साल कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जान लें रेट एग्रीमेंट से लेकर किराया बढ़ौतरी के नियम

HR Breaking News, Digital Desk - मकान खरीदते या किराए पर लेते समय लेन-देन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए जरूरी है कि आप कोई कदम उठाने से पहले चीजों को अच्छे से समझ लें। इसे करते समय लीगल आस्पेक्ट (legal aspect)को पूरा किया जाना चाहिए और अन्य पॉइंट्स की भी सावधानीपूर्वक जांच की जानी चाहिए,ताकि आपका सफर आनंददायक रहे। कई लोगों को मुंबई में किराए के मकान में रहना पड़ता है।
मुंबई में घर किराए पर लेना न केवल अन्य शहरों की तुलना में अधिक महंगा है, बल्कि इसके साथ कई समस्याएं और डिसप्यूट भी आते हैं। इसलिए मकान मालिकों के साथ-साथ किराएदारों को भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। दोनों को ही कानूनी तौर पर उन जानकारियों को रखना जरूरी है, जिससे विवाद की स्थिति सामने न आने पाए।
क्या होता है रेंट एग्रीमेंट (rent agreement)
किराया समझौता या रेंट एग्रीमेंट एक औपचारिक दस्तावेज होता है, जिस पर मकान मालिक तथा किरायेदार के बीच परस्पर सहमति से हस्ताक्षर किए जाते हैं। रेंट एग्रीमेंट के फॉर्मेट में तय किराया, अग्रिम भुगतान, मकान मालिक द्वारा तय किये गए नियम व शर्तें, प्रॉपर्टी का सटीक आकार व लोकेशन, इस्तेमाल तथा दोनों पक्षों के अन्य विवरण होते हैं।
लीगल टेनेंसी एग्रीमेंट (Legal Tenancy Agreement)
किराये पर प्रॉपर्टी लेने या देने की बात हो तो टेनेंसी एग्रीमेंट एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। इसमें किराए और किराए पर लिए जाने वाले घर या प्रॉपर्टी से संबंधित सभी टर्म्स (All property related terms)और कन्डीशंस शामिल हैं। टेनेंसी एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करने के लिए किरायेदार और मकान मालिक दोनों कानून द्वारा बाध्य हैं। टेनेंसी एग्रीमेंट लिखित में होना बहुत जरूरी है। किरायेदार द्वारा प्रस्तुत डॉक्युमेंट्स की एक कॉपी मकान मालिक द्वारा रखी जाती है।
एक लिखित टेनेंसी एग्रीमेंट में बड़े और छोटे सभी टर्म्स और कन्डीशंस शामिल होनी चाहिए। किराए की डेफिनेशन स्पष्ट होनी चाहिए। एक से अधिक अर्थ या गलतफहमी के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। टेनेंसी एग्रीमेंट (Tenancy Agreement)में किरायेदार की पूरी जानकारी और स्थायी पता आदि शामिल होना चाहिए। यदि कोई लीगल डिसप्यूट पैदा होता है, तो यह एग्रीमेंट दोनों पक्षों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
रिन्यूअल है जरूरी (latest property news)
यदि टेनेंसी एग्रीमेंट समाप्त हो गया है या समाप्त होने वाला है, तो इसका रीन्यूअल करें या खाली करने के लिए एक महीने का नोटिस दें। इस प्रोविजन का उल्लेख टेनेंसी एग्रीमेंट में किया जाना चाहिए। इसे शामिल करने के बाद ही किरायेदार के रूप में एग्रीमेंट (agreement as tenant)पर हस्ताक्षर करें। मकान मालिक किरायेदार को बिना नोटिस दिए अचानक घर खाली करने या बिजली, पानी आदि जैसी आवश्यक सुविधाएं बंद करने के लिए नहीं कह सकता है। हर बार टेनेंसी एग्रीमेंट को रिन्यू करते समय, किरायेदार को अपने कार्यस्थल, पते और स्थायी पते दोनों का प्रमाण देना होता है। उसी से देखा जा सकता है कि उनकी रोजगार की स्थिति क्या है। साथ ही यदि उसमें कोई डिफरेंस है तो उसे भी जाना जा सकता है।
लोकल पुलिस रजिस्ट्रेशन कराया है या नहीं
टेनेंसी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के बाद इसे लोकल पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड करना आवश्यक है। आज सभी हाउसिंग सोसाइटीज ने इस टर्म्स को कंपलसरी कर दिया है। इस रजिस्ट्रेशन के लिए भरे जाने वाले अप्लीकेशन लेटर में किरायेदार का परमानेंट एड्रेस, कान्टैक्ट नंबर, रीलेटेड व्यक्तियों का फोन नंबर जैसी जानकारी होती है। इस जानकारी के आधार पर या तो किराएदार की पहचान पक्की हो जाती है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी डिसप्यूट की स्थिति में पुलिस के लिए हस्तक्षेप करना आसान हो जाता है। पुलिस रजिस्टर्ड टेनेंसी एग्रीमेंट की एक कॉपी किरायेदारों के लिए प्रेजेंट रेसिडेंस का प्रूफ प्रदान करने के लिए उपयोगी है।
विविध चार्जेस
लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और हाउसिंग सोसाइटी किसी भी प्रॉपर्टी पर विभिन्न प्रकार के चार्जेस और टैक्स लगाते हैं। स्पष्ट करें कि जिस पीरियड में आप मकान किराए पर दे रहे हैं उस पीरियड के दौरान इन चार्जेस और टैक्सेस का पेमेंट कौन करेगा। आम तौर पर, यह टैक्स मकान मालिक द्वारा पे किया जाता है। किरायेदार केवल किराया देता है। घर के बिजली बिल का पेमेंट करना किरायेदार की जिम्मेदारी है।
सिक्युरिटी अमाउन्ट
किराए पर घर खरीदते वक्त आपको डिपॉजिट देना होता है। टेनेंसी एग्रीमेंट के अंत में सिक्युरिटी डिपॉजिट किरायेदार को वापस कर दी जाती है। टेनेंसी एग्रीमेंट में सिक्युरिटी डिपॉजिट का स्पष्ट उल्लेख करें। आम तौर पर, यदि टेनेंसी एग्रीमेंट की समाप्ति के सात दिनों के भीतर मकान मालिक द्वारा सिक्युरिटी डिपॉजिट वापस कर दी जाती है, तो कोई इंटेरेस्ट नहीं लिया जाता है। लेकिन अगर देरी सात दिनों से अधिक है, तो इंटेरेस्ट प्रतिदिन लगाया जाता है।
मकान किराए पर लेने या खरीदने के दौरान किसी भी प्रकार के डिसप्यूट से बचने के लिए निम्नलिखित डॉक्युमेंट्स की जांच करें:
टाइटल डॉक्युमेंट - यह सुनिश्चित करने के लिए टाइटल डॉक्युमेंट्स की जाँच करें कि जो व्यक्ति आपको घर किराए पर दे रहा है, वह घर का असली मालिक है। अक्सर देखा जाता है कि मकान किसी एक का होता है और किसी दूसरे का होता है। साथ ही डिसप्यूटेड मकान को किराए पर देने के भी मामले हैं। फिर ऐसे मामले में किरायेदार को नुकसान हो सकता है या पीरियड समाप्त होने से पहले घर खाली करना पड़ सकता है।
शेयर सर्टिफिकेट – जिस सोसाइटी में मकान किराये पर लिया जा रहा है उसका शेयर सर्टिफिकेट भी आप देख सकते हैं। इससे यह जानकारी मिल सकती है कि वास्तव में मकान का मालिक कौन है।
इलेक्ट्रिसिटी बिल - घर का इलेक्ट्रिसिटी बिल घर के मालिक के नाम पर होता है। घर किराए पर लेते समय करंट इलेक्ट्रिसिटी बिल की जांच करें। सुनिश्चित करें कि बिल एक बड़ा आउट्स्टैन्डिंग नहीं दिखाता है। यदि कोई बड़ा आउट्स्टैन्डिंग है, तो मकान मालिक से इसे चुकाने के बारे में बात करें।
बिल्टअप एरिया वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट- किराए पर लिए जा रहे घर या दुकान के बिल्टअप और कारपेट एरिया को वेरिफाई करें. इसके लिए किसी कैपेबल आर्किटेक्ट की मदद लें। वह संबंधित मकान के एरिया का सर्टिफिकेट देगा। बड़े घर या दुकान को किराए पर लेने पर इसकी ज्यादा जरूरत होती है।
नो-ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट – कुछ मकान मालिक अविवाहित लोगों को मकान किराए पर नहीं देते हैं या कुछ कन्डीशंस लगाते हैं। यदि मकान मालिक के पास ऐसी कोई टर्म्स और कन्डीशंस हैं, तो उन्हें टेनेंसी एग्रीमेंट में उल्लेख किया जाना चाहिए।
हर साल इतना बढ़ जाता है किराया
आमतौर पर मकान का किराया हर साल 10 फीसदी बढ़ जाता है। अगर आपको यह ठीक लगता है, तो आप एग्रीमेंट पर सहमत हो सकते हैं। हर 11 महीने के बाद किराये का एग्रीमेंट रिन्यू हो जाता है। अगर एग्रीमेंट 11 महीने से अधिक का है, तो इसका रजिस्टर्ड होना जरूरी है। आपको सिक्योरिटी डिपाजिट और मकान खाली करने की स्थिति में इसके वापसी की प्रक्रिया के बारे में भी समझना होगा।
इस कागजात में किराये का एग्रीमेंट रद्द (rental agreement canceled)होने की शर्ते भी लिखी होती हैं। नोटिस की अवधि का भी इसमें जिक्र होता है। बेहतर होगा अगर आप किराया चुकाने के तरीके के बारे में (कैश, चेक या एनईएफटी/आरटीजीएस/आईएपपीएस) के बारे में भी एग्रीमेंट में लिखवा दें, ताकि आप बाद में किसी तरह के विवाद से बचे रहे।