Tenant landlord : किराएदार को किराया न देना पड़ा बहुत भारी, कोर्ट ने ठोका 20 लाख का जुर्माना
Tenant landlord : अगर आप किराए के घर में रह रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. नोएडा में एक किरायेदार को समय पर किराया न देने के कारण मकान मालिक (landlord) ने 20 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है... आइए नीचे खबर में जान लेते है आखिर क्या है पूरा मामला-

HR Breaking News, Digital Desk- (Tenanat Landlord) अगर आप किराए के घर में रह रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. नोएडा में एक किरायेदार को समय पर किराया न देने के कारण मकान मालिक (landlord) ने 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह मामला नोएडा के सेक्टर (Noida Sector) 107 स्थित ग्रेट वैल्यू शरणम सोसाइटी में हुआ. दोनों पक्षों के बीच विवाद होने के बाद यह फैसला आया है, जो प्रॉपर्टी मालिकों के लिए एक नजीर बन सकता है.
इस घटना ने किराएदारी के नियमों और कानूनों (Tenancy rules and regulations) को अपने आप में महत्वपूर्णता दी है. समय पर किराया न देने वाले किरायेदारों के लिए यह एक चेतावनी हो सकती है कि अपने भुगतान को समय पर करना कितना आवश्यक है. ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है-
क्या है पूरा मामला?
नोएडा में सेक्टर (Noida Sector) 107 की ग्रेट वैल्यू शरणम सोसाइटी में रहने वाले एक किराएदार को 6 महीने के अंदर घर खाली करने का आदेश मिला है. इतना ही नहीं किराएदार पर 20 लाख का जुर्माना भी लगा है. एडीएम फाइनेंस की कोर्ट ने सोसाइटी के टावर बी में रहने वाले एक किराएदार पर 4 साल का किराया न देने के आरोप में फैसला सुनाया है. किराएदार पर 2021 से अब तक का किराया न देने का आरोप है.
दरअसल, मनोरमा देवी के पास ग्रेट वैल्यू शरणम सोसाइटी के टावर बी में 19वीं मंजिल पर एक फ्लैट (flat) है, जिसे उन्होंने 2019 में दिल्ली निवासी मुकेश गुप्ता को किराये पर दिया. दोनों के बीच एक मई, 2019 को 11 महीने का एग्रीमेंट (agrrement) हुआ, जिसमें फ्लैट का किराया 20 हजार रुपये तय किया गया. इसके अतिरिक्त, मुकेश को फ्लैट के मेंटेनेंस चार्ज अलग से देने थे. यह किरायेदारी का समझौता दोनों के लिए महत्वपूर्ण था, जिसमें सभी शर्तें स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई थीं.
कोर्ट ने खारिज किए सभी दलीलें-
महिला के वकील ने बताया कि 31 मार्च 2020 को एग्रीमेंट खत्म हो गया और उसके बाद किरायानामा आगे नहीं बढ़ाया गया, लेकिन मुकेश गुप्ता ने फ्लैट खाली नहीं किया. कोर्ट (court) ने किरायेदार के जवाब को नकारा किरायेदार ने भी अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा था, जिसमें दावा किया कि फ्लैट मालिक (flat owner) को दो बार में नौ लाख रुपये का नकद भुगतान किया गया, जो तीन साल का किराया था. उसके बाद 3000 रुपये प्रति माह किराया होगा, लेकिन इसका कोई किरायानामा (rent deed) नहीं है, जिस पर कोर्ट ने किरायेदार की दलीलों को नकार दिया.