tenant rights 2025 : किराएदारों को मिले 5 कानूनी अधिकार, अब मकान मालिक की नहीं चलेगी मनमर्जी
tenant's rights : किराए के मकान में रहना एक किराएदार के लिए चुनौती भरा होता है। अक्सर मकान मालिक की मनमर्जी का उसे सामना करना पड़ता है। इसके चलते आमतौर पर विवाद (property disputes) हो जाते हैं, इसी को देखते हुए किराएदारों को अब 5 कानूनी अधिकार (tenant's property rights ) दिए गए हैं ताकि मकान मालिकों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके। आइये जानते हैं इन अधिकारों के बारे में।
HR Breaking News - (tenancy law)। अधिकतर प्रोपर्टी मालिक अपनी प्रोपर्टी या मकान से अतिरिक्त कमाई के लिए इसे किराए पर दे देते हैं। कई बार मकान मालिक व किराएदार (landlord tenant property rights) में नोक झोंक भी हो जाती है। ज्यादातर मामलों में मकान मालिक किराएदार पर दबाव बनाता या मनमानी करता नजर आता है।
इस मनमानी को रोकने के लिए कानून ने किराएदारों को 5 बड़े अधिकार (Tenant property rights) दिए हैं। इन अधिकारों के जरिये किराएदार कई परेशानियों से भी छुटकारा पा सकता है। हर किराएदार व मकान मालिक के लिए इन अधिकारों (tenant landlord rights) के बारे में जानना जरूरी है।
किराए को लेकर कानूनी प्रावधान -
प्रोपर्टी मालिक व किराएदार (tenant rights) के अधिकारों की रक्षा के लिए 1948 में केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम (Central Rent Control Act) बनाया गया था। इसमें प्रोपर्टी मालिक द्वारा किराए पर प्रोपर्टी देने व किराएदार के रहने के नियम (rent rules for tenant) बताए गए हैं। हालांकि यह राज्य अनुसार अलग हो सकता है। इसमें मकान मालिक के अलावा किराएदार को भी कई अधिकार दिए गए हैं।
1. निजता का अधिकार-
किराएदार को किसी भी मकान में रहते समय निजता का अधिकार (tenant property rights) भी होता है। मकान मालिक किराएदार के कमरे में बिना पूछ नहीं घुस सकता। मकान मालिक को किराया बढ़ाने के लिए तीन महीने का नोटिस (Notice rules for tenant) देना होता है। इसके बाद किराया बढ़ाया जा सकता है, किराया बढ़ाने की शर्तें रेंट एग्रीमेंट में भी तय की जाती हैं।
2. अचानक प्रोपर्टी खाली नहीं करवा सकता मकान मालिक-
रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) बनवाकर किराए पर रह रहे हैं तो कोई भी मकान मालिक अचानक मकान खाली नहीं करवा सकता। इसके लिए वाजिब कारण बताना होगा। 2 महीनों से किराया नहीं दिया है तो प्रोपर्टी मालिक मकान खाली करने को कह सकता है। संपत्ति (property news) को नुकसान पहुंचाने, वहां पर कॉमर्शियल गतिविधि शुरू करने या गलत कार्य के चलते किराएदार को प्रोपर्टी मालिक निकाल सकता है। इसके लिए नोटिस देना होता है।
3. मूलभूत सुविधाएं लेने का अधिकार -
किसी भी किराएदार को अपने मकान मालिक (mkan malik ke adhikar) से मूलभूत सुविधाएं लेने का हक होता है। कोई भी मकान मालिक मना नहीं कर सकता। इन मूलभूत सुविधाओं में बिजली पानी का कनेक्शन, शौचालय जैसी सुविधाएं (tenant's rights in law) शामिल हैं। मकान लेते समय ही किराएदार ये सुविधाएं चेक कर सकते हैं। राज्यों के अनुसार किराएदारी के नियम (kirayedari kanoon) अलग अलग होते हैं। ये राज्यों में लागू किए गए नियमों व प्रावधानों के अनुसार होता है।
4. किराएदार के परिवार की सुरक्षा का अधिकार-
किसी किराएदार (tenant's rights) की किराए पर रहने के दौरान अचानक मौत हो जाती है तो उसके परिवार को वहां से तुरंत नहीं निकाला जा सकता। ऐसे में रेंट एग्रीमेंट (rent agreement rules) फिर से बची हुई अवधि के लिए परिवार के नाम पर बन सकता है।
5. सिक्योरिटी राशि को लेकर अधिकार-
मकान मालिक किराएदार (tenant property rights) से सिक्योरिटी राशि भी जमा कराते हैं। इसे किराएदार की ओर से कोई नुकसान होने पर कुछ हद तक भरपाई करने के रूप में लिया जाता है। नुकसान नहीं होता है तो मकान खाली करने पर यह राशि वापस लेने का अधिकार किराएदार (kirayedar ke adhikar) को है।
