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Tenant Rights : किराए पर रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए जरूरी खबर, जानिए एक साल में कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक

Tenant Rights : या है। नौकरी के लिए लोग अपने घर छोड़ते हैं और ऐसे में किराए का घर ही एकमात्र सहारा होता है। शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक, हर जगह किराएदारों की संख्या बढ़ने से मकान मालिकों की मनमानी बढ़ गई है। ऐसे में जरूरी है किराएदारों का अपने अधिकारों के बारे में जान लेना-

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Tenant Rights : किराए पर रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए जरूरी खबर, जानिए एक साल में कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक

HR Breaking News, Digital Desk- (Tenant Rights) आजकल एक अच्छा किराए का मकान मिलना एक बड़ी चुनौती बन गया है। नौकरी के लिए लोग अपने घर छोड़ते हैं और ऐसे में किराए का घर ही एकमात्र सहारा होता है। शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक, हर जगह किराएदारों की संख्या बढ़ने से मकान मालिकों की मनमानी बढ़ गई है। कुछ ही महीनों में किराया बढ़ाने की मांग करना अब आम बात हो गई है, जिससे किराएदारों को काफी परेशानी होती है।

मकान मालिक के लिए किराया बढ़ाने का भी नियम होता है। वो अपनी मनमानी से अपना किराया नहीं बढ़ा सकते हैं। यह कानूनी रूप से अवैध माना जाता है। अगर वह किराए की राशि में कोई बदलाव कर रहा है, तो उसे कुछ खास नियमों और लोकल रेगुलेशन का पालन करना होता है। इसके लिए हर राज्य में अलग-अलग नियम बनाए गए हैं।

लीज या एग्रीमेंट की शर्तें-

जब आप एक निर्धारित अवधि (जैसे 11 महीने या 1 साल) के लिए घर किराए पर लेते हैं, तो मकान मालिक उस अवधि के दौरान किराया नहीं बढ़ा सकता है। यह नियम तभी लागू होता है जब किराया बढ़ाने का कोई प्रावधान समझौते में पहले से न लिखा हो। यदि एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से यह बताया गया है कि हर साल 10% किराया बढ़ेगा, तो यह कानूनी तौर पर मान्य होगा। किराए में वृद्धि केवल इसी शर्त पर ही संभव है, अन्यथा मकान मालिक के पास किराया बढ़ाने का कोई अन्य विकल्प नहीं है।

राज्य और लोकल कानून-

कुछ राज्यों में किराया बढ़ाने में सीमा तय की जाती है। मसलन हर साल सिर्फ 10 फीसदी ही रेंट बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, मकान मालिक को किराया बढ़ाने को लेकर पहले नोटिस देना जरूरी होता है। बिना सूचना के किराया बढ़ाना गैर-कानूनी माना जाता है।

महाराष्ट्र में ये है नियम-

महाराष्ट्र किराया नियंत्रण अधिनियम (Maharashtra Rent Control Act) 31 मार्च, 2000 से लागू है। यह कानून मकान मालिकों को सालाना चार प्रतिशत किराया बढ़ाने का अधिकार देता है। इसके अतिरिक्त, यदि मकान मालिक (landlord) मरम्मत या सुधार कार्य कराते हैं, तो वे किराए में बढ़ोतरी कर सकते हैं, लेकिन यह बढ़ोतरी कराए गए कार्य की लागत के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।

दिल्ली में लागू है यह नियम-

दिल्ली में 2009 का रेंट कंट्रोल एक्ट (rent control act) लागू हुआ था। इस कानून के तहत, यदि कोई किरायेदार किसी संपत्ति में लगातार रह रहा है, तो मकान मालिक सालाना 7 प्रतिशत से अधिक किराया नहीं बढ़ा सकता है। यह अधिनियम किरायेदारों को अत्यधिक किराए वृद्धि से बचाता है।

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