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Tenant Rights : मकान मालिक की मनमानी खत्म, किराएदार जान लें अपने कानूनी अधिकार

Tenancy law : किराएदारी कानून में वैसे तो मकान मालिक व किराएदार दोनों के हकों के लिए प्रावधान किए गए हैं, लेकिन अब कानून ने मकान मालिक (tenant and landlord's rights) की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए किराएदारों को खासतौर से अधिकार दिए हैं। इन अधिकारों की जानकारी लेकर किराएदार कहीं भी किराए पर मकान लेकर आराम से रह सकता है। 
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Tenant Rights : मकान मालिक की मनमानी खत्म, किराएदार जान लें अपने कानूनी अधिकार

HR Breaking News - (tenant's rights)। मकान मालिक और किराएदारों के बीच अक्सर विवाद होते रहते हैं। ये विवाद ज्यादातर तो रेंट एग्रीमेंट न करवाने के कारण होते हैं। अगर पहले ही किराएदार व मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) बनवा लें तो काफी हद तक विवाद कम हो सकते हैं। अक्सर देखने में आता है कि मकान मालिक किराएदार पर मनमानी करता नजर आता है, लेकिन अब किराएदारों को कानून ने कई अधिकार किराएदारों (kirayedar ke adhikar) को दिए हैं। इनकी जानकारी होना हर किराएदार के लिए जरूरी है।

किराएदार को मिले ये कानूनी अधिकार-


मकान किराए पर लेते व देते समय प्रोपर्टी मालिक व किराएदार को रेंट एग्रीमेंट (rent agreement rules) जरूर करा लेना चाहिए। इसमें लिखी किराए पर रहने की समय सीमा व किराया आदि का उल्लेख भी होता है। इसके बाद मकान मालिक किराएदार को किराए पर रहने की समय सीमा खत्म होने से पहले घर से नहीं निकाल सकता। हां अगर किराएदार (tenant rights in law) 2 माह तक किराया नहीं चुकाता है तो मकान मालिक  किरायेदार को घर खाली करने के लिए कह सकता है। 

किराएदार को इस बारे में बताना जरूरी-


मकान मालिक अपनी मर्जी से प्रोपर्टी (property rights) का यूज करना चाहे तो वह कर सकता है। अपनी जरूरत में वह किराएदार को जाने के लिए बोल सकता है। रेंट एग्रीमेंट  में यह बात न लिखी हो तो भी मकान मालिक बोल सकता है। लेकिन किरायेदार (tenant's rights for property) को इस बारे में पूर्व में मकान मालिक की ओर से नोटिस मिलना चाहिए। 15 दिन पहले मकान मालिक की ओर से यह नोटिस देकर किराएदार को अवगत कराना जरूरी है।

किराएदार को मूलभूत सुविधाएं मांगने का हक-


किराएदार अपने मकान मालिक से बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग कर सकता है। मकान मालिक को ये हर हाल में उपलब्ध करानी होंगी। मकान मालिक (landlord property rights) घर का किराया बढ़ाना चाहता है तो किराएदार को पहले अवगत कराना होगा। एकदम से वह किराया नहीं बढ़ा सकता। इसके लिए तीन माह पहले नोटिस देकर किराएदार (tenant property rights) को बताना होगा कि किराया बढ़ाया जाएगा ताकि किराएदार अपने बजट का सही से आकलन करके वहां रहने का उचित निर्णय कर सके।  

रेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकता है किराएदार-


मकान की मरम्मत करनी पड़े तो मकान मालिक (mkan malik ke adhikar) की ही यह खर्च उठाने की जिम्मेदारी है। अगर किराएदार से पैसा लिया जाता है तो वह किराए में पैसा कटवा सकता है या किराया कम करने की बात कह सकता है। किसी भी तरह का विवाद होने पर किराएदार (rent authority) रेंट अथॉरिटी पहुंचकर अपनी बात रख सकता है।

मकान मालिक नहीं कर सकता परेशान-


किराएदार को मकान मालिक परेशान नहीं कर सकता। वह किराएदार के कमरे में बार बार नहीं आ  जा सकता। न ही उसके सामान को उठाकर कहीं फैंक सकता है। रेंट एग्रीमेंट (rent agreement)के बाद किराएदार (kirayedar ke adhikar) को अपने अधिकारों का उपयोग करने का पूरा कह मिलता है। इसलिए रेंट एग्रीमेंट जरूर करा लेना चाहिए। 

किराए की रसीद मांग सकता है किरायेदार-


किराएदार को हर महीने अपनी ओर से दिए जाने वाले किराए की रसीद मांगने का भी अधिकार है। मकान मालिक (landlord rights) को किराएदार के कमरे की मरम्मत करानी हो तो पहले इसके लिए सूचित करना होगा और उसके बाद काम करवा सकता है।