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UP के 22 जिलों और 37 तहसीलों से गुजरेगा नया 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, मिनटों में होगा घंटों का सफर

UP Expressway Project 6-Lane : यूपी में लगातार बढ़ रही आबादी की वजह योगी सरकार यहां पर लगातार नए नए ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। अब योगी सरकार ने अपडेट जारी करते हुए बताया है कि सरकार यहां पर अब एक और नए 6 लेन ग्रीनफील्ड बनने वाला है। ये नया एक्सप्रेसवे 22 जिलों और 37 तहसीलों से होगी गुजरने वाला है। इस नए एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से घंटों का सफर मिनटों में हो जाएगा।
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UP के 22 जिलों और 37 तहसीलों से गुजरेगा नया 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, मिनटों में होगा घंटों का सफर 

HR Breaking News - (UP New Expressway)। उत्तर प्रदेश में अब जल्द ही एक नया और बेहतरीन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण होने वाला है। इसकी वजह से यूपी के लोगों को काफी राहत मिलने वाली है। इस नए एक्सप्रेसवे का निर्माण होने की वजह से घंटों के सफर को पूरा करने के लिए मिनटों का समय लगने वाला है। ये नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (New Greenfield Expressway) 22 जिलों और 37 तहसिलों से गुरने वाला है। खबर में जानिये इस नए और बेहतरीन ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे के बारे में पूरी जानकारी।


6 लेन एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण-


उत्तर प्रदेश को जल्द ही एक नया 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (UP New Greenfield Expressway) मिलने वाला है। यह परियोजना प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ने वाली है। इसकी वजह से तेज यातायात, औद्योगिक निवेश व क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। ग्रीन कॉरिडोर मॉडल पर बनने वाले इस एक्सप्रेस वे से यात्रा समय और लागत दोनों ही कम होने वाली है। 

इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे-


उत्तर प्रदेश को जल्द ही एक और आधुनिक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (UP New Greenfield Expressway) मिलने वाला है। यह एक्सप्रेस वे न सिर्फ प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ने वाला है। बल्कि औद्योगिक निवेश, क्षेत्रीय विकास और यातायात सुगमता के लिहाज से भी बेहद अहम साबित होने वाला है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बढ़ते सड़क नेटवर्क को नई दिशा देने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गलियारों को गति देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। 

एक्सप्रेस वे की ये हैं खासियत-


यह एक्सप्रेस वे (UP New Expressway) ग्रीन फील्ड मॉडल पर तैयार किया जाने वाला है। इसका मतलब है कि इसे पूरी तरह नए रूट पर विकसित किया जाने वाला है। इसकी वजह से न सिर्फ सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलने वाली है। बल्कि यात्रा समय और ईंधन की खपत भी कम होने वाली है। 

एक्सप्रेस पर मिलेगी ये सुविधाएं-


इस एक्सप्रेस की चौड़ाई 6-लेन (भविष्य में 8 लेन तक विस्तार योग्य) की रहने वाली है। वहीं रूट के बारे में बात करें तो प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से गुजरने वाला है। इसकी वजह से माल ढुलाई को सुगम बनाना, औद्योगिक केंद्रों तक बेहतर कनेक्टिविटी भी मिलने वाली है। यहां पर आपको टोल प्लाजा, विश्राम स्थल, ईंधन स्टेशन, आपातकालीन सेवाएं और CCTV मॉनिटरिंग की सुविधा मिलने वाली है।


एक्सप्रेस वे के नेटवर्क का होगा विस्तार-


उत्तर प्रदेश में पहले से यमुना एक्सप्रेस वे (Yamuna Expressway), आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेसवे  (Ganga Expressway)जैसे बड़े मार्गों का निर्माण होने वाला है। अब यह नया एक्सप्रेसवे इन मार्गों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर बनकर सामने आने वाला है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी तक पश्चिमी और पूर्वी यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए जो नेटवर्क तैयार किया जाने वाला है। वहीं उसमें यह नया मार्ग केंद्रीय भूमिका निभाने वाला है।


आर्थिक विकास में भी मिलेगा बड़ा योगदान-


इस परियोजना से प्रदेश के पिछड़े इलाकों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की संभावना है। इसकी वजह से लॉजिस्टिक हब को बढ़ावा भी मिलेगा जैसे मालवाहन की तेज़ और सुगम आवाजाही। वहीं औद्योगिक गलियारे के आसपास भूमि की मांग में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसकी वजह से किसानों को अपने उत्पाद दूरस्थ मंडियों तक पहुंचाने में सुविधा होने वाली है।


पर्यावरण के अनुकूल बनेगा डिजाइन-


ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर रहेगा। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हरित पट्टी (Green Belt) विकसित की जाने वाली है। इसके अलावा जल संचयन (Rainwater Harvesting) के लिए संरचनाएं भी बनाई जाने वाली है। ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए साउंड बैरियर लगाई जाने वाली है। ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी प्रस्तावित हैं।


22 जिलों को मिलेगा वरदान-


प्रदेश के जिन 22 जिलों से यह एक्सप्रेस वे गुजरेगा, वहाँ रहने वाले लोगों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, तेज़ आवागमन और स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलने वाला है। वहीं छोटे कस्बों और गांवों को राजधानी लखनऊ और NCR से जोड़ने का फायदा मिलने वाला है। सड़क यात्रा का समय 40 से 50 प्रतिशत तक कम होने का पुर्वानुमान है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान होगी।


सरकार की प्राथमिकता परियोजना-


उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ सालों में सड़क अवसंरचना को विश्व स्तरीय स्तर पर पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार जानकारी दे दी है कि एक्सप्रेसवे (UP Expressway) सिर्फ सड़कों का जाल नहीं है बल्कि प्रदेश के विकास का इंजन हैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद निवेश, पर्यटन और व्यापार को एक साथ बढ़ावा मिलने वाला है।

यूपी के लोगों पर पड़ेगा ये प्रभाव-


औद्योगिक शहरों और छोटे कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं। वहीं मालवाहन की लागत कम होगी, जिससे उद्योग प्रतिस्पर्धी बनेगी। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम होगी और सड़क दुर्घटनाएं भी कम होने की संभावना है। प्रदेश की जीडीपी वृद्धि दर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


लॉजिस्टिक कंपनियों को मिली बड़ी राहत-


राज्य में काम कर रही लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस परियोजना को गेमचेंजर मान रही हैं। नए एक्सप्रेसवे के बनने से ट्रक और कंटेनर को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में कई घंटे की बचत होगी। इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अंतिम चरण में है। भूमि अधिग्रहण का काम प्राथमिकता पर होने वाला है। सरकार ने संकेत दिया है कि अगले वर्ष के मध्य तक निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। पूरा एक्सप्रेस वे 3 से 4 वर्षों में तैयार होने की संभावना लगाई जा रही है।