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इस मदर्स डे अपनी मां को बनाए आत्मनिर्भर, सिर्फ सिखाना काफी नही अब जिम्मेदारी भी दें

HR BREAKING NEWS. मदर्स डे… यानि मां का दिन, वैसे तो मां का हर दिन होता है क्योंकि मां के बिना कोई दिन नही होता। मां न हो तो घर सूना लगता है। मां से ही घर है। मां ही परिवार को समेटे रखती है। मां न हो तो सब कुछ बिखर जाता है। मां
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इस मदर्स डे अपनी मां को बनाए आत्मनिर्भर, सिर्फ सिखाना काफी नही अब जिम्मेदारी भी दें

HR BREAKING NEWS. मदर्स डे… यानि मां का दिन, वैसे तो मां का हर दिन होता है क्योंकि मां के बिना कोई दिन नही होता। मां न हो तो घर सूना लगता है। मां से ही घर है। मां ही परिवार को समेटे रखती है। मां न हो तो सब कुछ बिखर जाता है। मां वो है जो अपने बच्चे को उंगली पकड़कर चलने से लेकर जीवन की हर परिस्थिति में उसका हाथ थामे रखती है। वहीं आज के आधुनिक दौर में बच्चे टेक्नीक का हाथ थाम कर मां की उगुली छुड़वाते जा रहे हैं। अपने स्मार्ट फोन में 24सो घंटे लगे रहते हैं, मां कहे तो जवाब देके हैं कि आपको स्मार्ट फोन चलाना नहीं आता। ऑनलाइन पेमेंट की बात हो या शॉपिंग की कहते हैं  आप ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पाओगी या आप रहने दो हम कर लेंगे। यदि आप भी ऐसा सोचते हैं या कहते हैं तो हमेशा इस बात का ख़्याल रखें कि मां ने भी आपको धैर्य रखकर बैठना-चलना, पढ़ना-लिखना और न जाने क्या-क्या सिखाया था। इसलिए अब वक़्त है मां के लिए थोड़ा समय निकालिए और उन्हें कुछ ज़रूरी जानकारियां दीजिए ताकि वे किसी पर निर्भर न रहें और उनका आत्मविश्वास भी जागे।

तो आप अपनी मां को क्याक्या सिखा सकते हैं आइए जानते हैं

आजकल ऑनलाइन बैंकिंग का ही चलन है। इसलिए मां को भी बैंक से संबंधित ऑनलाइन कार्य की ज़रूरी जानकारी दें। इसमें पैसे भेजना तो अमूमन सभी सिखा देते हैं, लेकिन कुछ अन्य जानकारी भी शामिल करें। इसमें ऑनलाइन एफडी कैसे की जाती है, पैसों को कैसे फिक्स डिपोज़िट करते हैं, कितने रुपए से एफडी की जा सकती है, कैसे एफडी रिन्यू होती है, कब उसे तोड़ सकते हैं और तुड़वाने में किसी तरह की पैनल्टी लगती है या नहीं, ये सब बताएं, ताकि कभी उन्हें एफडी करानी हो तो किसी का मुंह न ताकना पड़े।

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महिलाएं इस मामले में अक्सर अपने पति पर निर्भर रहती हैं। ऐसे में आप उन्हें बता सकते हैं कि बीमा क्या है, क्यों लिया जाता है, महिलाओं के लिए कौन-सी सुविधाएं हैं। यदि बीमा लिया है तो उन्हें बताएं कि किश्त कब किस तारीख को आती है और वो कैसे उसे भर सकती हैं। हो सकता है उन्हें समझने में थोड़ा समय लगे लेकिन जब वो ये सब ख़ुद करेंगी तो उनमें अलग ही आत्मविश्वास नज़र आएगा।

इस समय अमूमन घर का ज़रूरी सामान फिर चाहे वो किराना हो या सब्ज़ी आदि सभी की होम डिलीवरी हो रही है। ऐसे में बच्चे ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं या घर के पुरुष गृहिणी से लिस्ट बनवाकर सामान मंगा रहे हैं। इसकी ज़िम्मेदारी घर की महिला को ही दी जाए ताकि वो सीख सकें और जान पाएं कि किस तरह से सामान सिलेक्ट करते हैं और उसकी मात्रा आदि कैसे तय की जाती है। ब्रांड को समझना उन्हें आता है, ऑनलाइन मूल्य की तुलना और मात्रा के मुताबिक़ ऑर्डर करना सीख लें, तो उनका काफ़ी काम भी आसान हो जाएगा।

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इस समय सभी घर में हैं। ऐसे में सभी मिलकर टी.वी देख ही रहे हैं। लॉकडाउन में वेबसीरीज़ की काफ़ी लोकप्रियता बढ़ी है। लेकिन इन्हें देखने के लिए भी अलग-अलग प्लेटफॉर्म हैं, जिनका सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है। अगर आप भी ओटीटी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं और हर महीने सब्सक्रिप्शन लेते हैं, तो ये अपनी मां को भी बताएं। उन्हें जानकारी तो दे हीं साथ ही सब्सक्रिप्शन लेना भी सिखाएं।

सिखाने का मतलब ये नहीं कि बस बता दिया और हो गई फुर्सत। सिखाने का मतलब है कि उन्हें अब उसकी ज़िम्मेदारी दी जाए। घर का बिजली का बिल, टी.वी का रीचार्ज, मोबाइल रीचार्ज, इन सब की ज़िम्मेदारी मां को सौंप दें। उन्हें बताएं कि किस तारीख़ को बिल जनरेट होता है और कैसे उसे देख सकते हैं और कैसे एप के ज़रिए ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। इसी तरह एप से ही मोबाइल फोन रीचार्ज भी कर सकते हैं। कम से कम दो एप के बारे में बताएं, ताकि एक से पेमेंट न होने पर या किसी तरह की समस्या आने पर वे अन्य एप के माध्यम से कर सकें।