Toll Tax Rule : टोल प्लाजा पर 100 मीटर लंबी लाइन होने पर टोल टैक्स देना होगा या नहीं, जानिए NHAI की गाइडलाइन
Toll Tax Rule : लंबी दूरी की यात्रा करने वाले व्यक्तियों को भारत में टोल प्लाजा से गुजरना पड़ता है. खासकर रोजाना काम के लिए आने-जाने वाले लोगों को टोल देना अनिवार्य है. लेकिन एनएचआई की ओर से जारी एक गाइडलाइन के मुताबिक ये जान लें कि टोल प्लाजा पर 100 मीटर लंबी लाइन होने पर टोल टैक्स देना होगा या नहीं-

HR Breaking News, Digital Desk- लंबी दूरी की यात्रा करने वाले व्यक्तियों को भारत में टोल प्लाजा से गुजरना पड़ता है. खासकर रोजाना काम के लिए आने-जाने वाले लोगों को टोल देना अनिवार्य है. ये टोल यातायात के खर्च को बढ़ाते हैं. एनएचएआई टोल प्लाजा नियम (NHAI Toll Plaza Rules), जो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport Nitin Gadkari) के कार्यकाल में लागू हुए, इन नियमों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों के मानचित्र को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आने वाले दिनों में जब जीपीएस टोलिंग (GPS Tolling) के जरिए नए टोल प्लाजा नियम लागू होंगे तो ये टोल बूथ शायद नजर भी नहीं आएंगें. आइए जानते है कि हमारे लिए टोल प्लाजा दिशानिर्देशों के अनुसार क्या-क्या जानना जरूरी हैं.
टोल प्लाजा को समझे-
सड़कों, हाइवेज (higways) को बनाना सरकार का कर्तव्य होता है. सरकार या तो खुद ही या एक निजी ठेकेदार के माध्यम से सड़क बनवाती हैं. इसका उद्देश्य भारत के लोगों को सड़कों पर आसान यात्रा की सुविधा देना होता है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भारत में विभिन्न राज्यों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को बनती हैं. NHAI टोल प्लाजा नियमों में किसी एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण के लिए टेंडर पास करना, जरुरी होने पर भूमि अधिग्रहण के माध्यम से सड़क के लिए रास्ता बनाना, वास्तविक निर्माण और फिर उद्घाटन शामिल होते हैं.
कुछ भी बनाने में पैसा लगता है और भारत की सड़कें इससे अलग नहीं है. इसलिए बाद में टोल गेट (toll gate) बनाए जाते है. जो राहगीरों से शुल्क लेते हैं, यानी नई बनीं सड़कों से यात्रा करने वाले लोगों से. सड़क निर्माण की लागत कैसे वसूल की जाएगी, इसका रास्ता टोल प्लाजा ही होता हैं.
भारत में टोल टैक्स का क्या नियम है?
एनएचएआई टोल प्लाजा दिशानिर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल टैक्स का भुगतान आवश्यक है. विभिन्न वाहनों के लिए टोल अलग होता है, और नियम राज्यों के अनुसार भी भिन्न हो सकते हैं. स्थानीय निवासियों को कुछ राहत मिलती है, जबकि व्यावसायिक वाहनों से अधिक शुल्क लिया जाता है. सरकारी अधिकारी और पद्म श्री पुरस्कार विजेता भी आमतौर पर टोल छूट का लाभ नहीं लेते. 2022 की छूट सूची के अनुसार, नए नियम लागू होते हैं, जो सभी यात्रियों के लिए जरूरी हैं.
टोल प्लाजा के कुछ ऐसे नियम जो सबको नहीं पता-
10 सेकंड के बाद कोई टोल नहीं - टोल प्लाजा के नियमों ने उन लोगों के लिए टोल का भुगतान करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया, जिनके पास FASTag है और फिर भी 10 सेकंड से अधिक सेवा समय के लिए इंतजार करना पड़ता है.
अगर वेटिंग लाइन 100 मीटर से अधिक लंबी हो जाती है, तो टोल प्लाजा नियम, वाहनों को टोल का भुगतान किए बिना गुजरने की अनुमति देते हैं.
हर टोल लेन में टोल बूथ से 100 मीटर की दूरी पर पीली पट्टी होनी चाहिए.
FASTag - टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह हाल के वर्षों में पेश किया गया था. हालांकि, यह पिछले वर्ष के NHAI टोल प्लाजा नियमों के अनुसार अनिवार्य किया गया है. FASTag टोल भुगतान के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का इस्तेमाल होता हैं.
प्रस्तावित नियम-
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने 60 किलोमीटर से कम दूरी वाले टोल प्लाजा (toll plaza) को बंद करने की घोषणा की थी. 60 किलोमीटर के भीतर केवल एक टोल बूथ होगा.
सरकारी अधिकारियों ने पिछले साल जीपीएस आधारित टोलिंग (GPS Based tolling) शुरू करने की योजना की घोषणा की थी.
क्या यह स्थानीय निवासियों के लिए टोल फ्री है?
स्थानीय निवासी और बार-बार उपयोग करने वाले एनएचएआई (NHAI) टोल नियम 2022 के अनुसार रियायतों का आनंद लेते हैं. हालांकि ये राहत देने वाले टोल प्लाजा नियम पूरे भारत में एक समान नहीं हो सकते हैं.
क्या हम बिना फास्टैग के टोल पास कर सकते हैं?
नए टोल प्लाजा नियम 2022 के अनुसार, वाहन मालिकों के लिए फास्टैग अनिवार्य है. लेकिन, बिना फास्टैग वाले आवागमन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. यदि किसी का फास्टैग नहीं है, तो उन्हें उनके वाहन कैटेगरी के अनुसार दोगुनी राशि चुकानी होगी. इससे टोल भुगतान आसान और तेज़ होगा, साथ ही ट्रैफिक जाम में कमी आएगी.