UP News : इन 22 जिलों से होकर गुजरेगा यूपी का नया एक्सप्रेसवे, आ गई पूरी लिस्ट
UP New Expressways : उत्तर प्रदेश में लगातार नए-नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के लिए एक और एक्सप्रेसवे मंजूर हो गया है। करोड़ों रुपए खर्च करके उत्तर प्रदेश की सड़कों के नेटवर्क को और मजबूत किया जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश में उद्योग भी आकर्षित हो रहे हैं।
HR Breaking News (UP me expressways) उत्तर प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे हैं। फिलहाल सा7 एक्सप्रेस वे संचालित हो चुके हैं और पांच पर कार्य चल रहा है। जबकि 9 नए एक्सप्रेसवे प्रस्तावित हैं।
उत्तर प्रदेश में यह नए एक्सप्रेसवे (New Expressway) उत्तर प्रदेश को नई पहचान दिला रहे हैं। निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश पहली पसंद बन गया है। अब 22 जिलों से एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है।
सड़कों के नेटवर्क को किया जा रहा मजबूत
उत्तर प्रदेश में सड़कों का मार्ग लगातार मजबूत किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार सड़क कनेक्टिविटी (Road Conectivity) को बढ़ाकर उद्योगों को भी आकर्षित कर रही है।
दिल्ली मुंबई के बीच देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है तो उत्तर प्रदेश में भी कई एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रहे हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश में 510 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है।
अब बनाया जाएगा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश में फिलहाल मेरठ से प्रयागराज के बीच निर्माणाधिन 570 किलोमीटर लंबाई गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) को सबसे लंबा एक्सप्रेसवे का दर्जा मिला हुआ है।
अब पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिम उत्तर प्रदेश को कनेक्ट करने वाला एक और नया एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा।
यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर शामली एक्सप्रेस वे के नाम से जाना जाएगा जो की 700 किलोमीटर लंबा होगा। एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से ग्रीनफील्ड और 6 लाइन बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से 22 जिलों में दूरी कम होगी।
22 जिलों की 37 तहसील आएंगी एक्सप्रेसवे के अंदर
एक्सप्रेसवे 22 जिलों की 37 तहसीलों को आपस में कनेक्ट करने का काम करेगा। इससे परिवहन व्यवस्था तो सुधरेगी ही, लेकिन साथ में जमीन के दाम भी बढ़ जाएंगे।
साथ में उद्योगों के आकर्षित होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश (expressway in UP) में रोजगार भी बढ़ेगा।
गोरखपुर और शामली के बीच की दूरी भी 200 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। एक्सप्रेस वे पर ऊर्जा की सभी जरूरतों को सोलर एनर्जी के साथी पूरा किया जाएगा।
गोरखपुर से हरिद्वार की दूरी हो जाएगी कम
यह एक्सप्रेसवे बन जाने से गोरखपुर से हरिद्वार की दूरी भी कम हो जाएगी। गोरखपुर शामली एक्सप्रेस वे (Gorakhpur Shamli Expressway) बनने से दो शहरों के बीच की ही नहीं इसके बीच में आने वाले जिलों की भी आपस में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
मंसूरी, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, पोंटा साहिब, देवबंद, चार धाम जाने वाले लोगों को इससे लाभ होगा। एक्सप्रेसवे के बन जाने से गोरखपुर से द्वारा पहुंचना मात्र 8 घंटे में संभव हो जाएगा। इतना ही समय देहरादून ऋषिकेश के लिए लगेगा।
35000 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च
इस एक्सप्रेसवे पर 35000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए भूमि का अधिग्रहण (Acquisition of land) भी किया जाना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से एक्सप्रेसवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर लि गई है।
गोरखपुर शामली एक्सप्रेस वे के लिए जिलों के सर्वे को पूरा किया गया है। इस पर काम पूरा होने पर गोरखपुर एक्सप्रेस वे से सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का महत्वपूर्ण सड़क प्रोजेक्ट बन जाएगा।
इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
- गोरखपुर
- संत कबीर नगर
- सिद्धार्थ नगर
- बलरामपुर
- बहराइच
- सीतापुर
- लखनऊ
- रामपुर
- मुरादाबाद
- बरेली
- संभल
- मेरठ
- शामली
- हरदोई
- बिजनौर
- अमरोहा
- सहारनपुर
- आगरा
- मुजफ्फरनगर
- शाहजहांपुर
- बदायूं
- शामली
