UP News : लिंक एक्सप्रेसवे का किया जा रहा भूमि अधिग्रहण, यहां अटक गई बात, इतना होना चाहिए जमीन का रेट
Expressway In UP : अब यूपी में एक और नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इस लिंक एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से आम लोगों को काफी लाभ होने वालार है। हालांकि इस एक्सप्रेसवे (UP New Expressway) के निर्माण में रुकावट आ रही है। आइए जानते हैं यहां पर जमीन के रेट कितने होने चाहिए।
HR Breaking News (New Expressway in UP) उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए लगातार नए नए एक्सप्रेसवे को बनाया जा रहा है। प्रदेशवासियों को अब एक और नए एक्सप्रेसवे (New Expressway) की सौगात मिली है। एक लिंक एक्सप्रेसवे बनाने का प्लान किया जा रहा है। इसके बनने से लाखों लोगों को लाभ होगा और ट्रेफिक की परेशानी भी कम होने वाली है।
लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसी पहल के तहत फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को राज्य मंत्रिमंडल ने हाल में मंजूरी प्रदान कर दी गई है। यह एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) को गंगा एक्सप्रेसवे के साथ कनेक्ट करने वाला है।
अब लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत भूमि खरीदी और अर्जन को लेकर शनिवार को अधिकारियों और किसानों के बीच बैठक हुई है। भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने चिंता बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि आबादी से दूर एक्सप्रेसवे बनाने और उचित मुआवजे की मांग की जा रही है। इस पर उच्च जिलाधिकारी ने किसानों (Update for Farmers) को सहयोग करने और समस्याओं के समाधान का आश्वासन प्रदान किया है।
सर्किल रेट में दिखी असमानता
जानकारी के लिए बता दें, बैठक की अध्यक्षता (UP News) अपर जिलाधिकारी इसमें तहसील सदर और अमृतपुर क्षेत्र के 43 ग्रामों के प्रभावित किसानों के प्रतिनिधि और जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद है। किसानों ने बैठक में सर्किल रेट में गड़बड़ी होने पर क्रोध व्यक्त किया है।
उन्होंने बताया कि एक ही परियोजना के अंतर्गत अलग-अलग गांवों में भूमि (Land acquisition) का मूल्य असमान रूप से तय किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर गुतासी गांव का सर्किल रेट काफी कम है। हालांकि हथियापुर का मूल्य एक करोड़ बीस लाख और अदिउली का मात्र इक्कीस लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है। किसानों का मानना है कि ऐसी स्थिति में भूमि बेचने का कोई मतलब नहीं बन रहा है।
लिंक एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण
बैठक में किसानों ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति पर भी नाराजगी जता रहे हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना (New Expressway in UP) से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण विभाग ही बैठक में मौजूद नहीं रही है। इससे बातचीत भी सही से नहीं हो पाती है। लिंक एक्सप्रेसवे के नाम पर अतिरिक्त भूमि को लिया जाने वाला जाने वाला है और मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया भी असमान है।
आठ गुना मिलेगी मुआवजा
खिमसेपुर और आसपास के क्षेत्र के किसानों ने साफ तौर पर मांग की है कि एक्सप्रेसवे को आबादी क्षेत्र से दूर ले जाया जाए ताकि ग्रामीणों की बस्तियों पर प्रभाव न पड़े। उन्होंने भूमि (Land acquisition For Expressway) के बदले आठ गुना मुआवजा देने की मांग की है।
इसकी वजह से किसानों को उचित लाभ हो रहा है। उच्च जिलाधिकारी अरुण कुमार ने किसानों की चिंताओं को गंभीरता से सुनते हुए बताया कि परियोजना (UP Goverment New Project) को सफल बनाने के लिए किसानों का सहयोग मिलना काफी ज्यादा जरूरी है। उन्होंने बताया कि भूमि मूल्य की विसंगतियों और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए अधिकतम प्रयास किए जा रहे हैं और किसानों के हितों की पूरी सुरक्षा की जाएगी।
