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UPMRC : इस दिन तक शुरू होगा यूपी में मेट्रो के सेकंड फेज का काम, यहां बनेंगे 12 स्टेशन

metro in up : उत्तर प्रदेश के विकास की स्पीड़ को तेज करने के लिए सरकार की तरफ से बड़े-बड़े कदम उठाएं जा रहे है। अब उत्तर प्रदेश में मेट्रो के सेकंड फेज का काम जल्दी शुरू कर दिया जाएगा। मेट्रो के सेकंड फेज पर 12 नए स्टेशन बनाएं जाएंगे। आइए खबर में जानते है उत्तर प्रदेश में मेट्रो के सेकंड फेज का काम कब से शुरू होने वाला है।
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UPMRC : इस दिन तक शुरू होगा यूपी में मेट्रो के सेकंड फेज का काम, यहां बनेंगे 12 स्टेशन

HR Breaking News : (UP News) उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा राजधानी में मेट्रो फेज-2 के निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले 5 सालों में पुराने लखनऊ की नई तस्वीर देखने को मिलेगी। चारबाग से बसंतकुंज रूट पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके लिए सायल टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है। एरियल सर्वे भी कर लिया गया है। अंडरग्राउंड और एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन के निर्माण (underground and elevated metro stations) में किस तरह की दिक्कतें आएंगी, उसका भी खाका तैयार कर लिया गया है। रूट पर काम होने के दौरान सिक्योरिटी को लेकर भी स्ट्रेटजी बन रही है।
 

 

 

बजट पास होते ही शुरू होगा काम 


UPMRC के जॉइंट जनरल मैनेजर का कहना है पुराने लखनऊ में आबादी ज्यादा है। चारबाग से बसंतकुंज के बीच चौक, अमीनाबाद जैसे घनी आबादी वाले इलाके हैं। मार्केट है और कई अस्पताल और कॉलेज हैं, ऐसे में मेट्रो में भीड़ ज्यादा रहेगी तो स्टेशनों पर सिक्योरिटी और भी ज्यादा पुख्ता की जाएगी।


इस रूट पर मेट्रो ट्रेनों की संख्या (number of metro trains) भी वर्तमान में संचालित हो रही मेट्रो रूट की मेट्रो से ज्यादा होगी। दूसरे फेज के काम को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।


होगी 11.165 किलोमीटर लंबाई  


चारबाग से बसंतकुंज (Charbagh to Basant Kunj) तक बनाएं जाने वाले ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर रूट की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर है। इसमें एलिवेटेड सेक्शन 4.286 किलोमीटर और भूमिगत सेक्शन 6.879 किलोमीटर का होगा। इस कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 है, जिसमें सात अंडरग्राउंड और पांच एलिवेटेड स्टेशन हैं। 


कुल अनुमानित लागत 5801 करोड़ रुपए हैं। यह कोरिडोर लखनऊ मेट्रो के मौजूदा नार्थ-साउथ कोरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा।

बढ़ गई आबादी 


साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक लखनऊ की आबादी (population of lucknow) 45 लाख से कुछ ज्यादा थी। अब ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि जनगणना होने पर लखनऊ की आबादी (population of lucknow) 65 से 70 लाख के बीच होगी। आबादी के लिहाज से ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था (transportation arrangements) लखनऊ में नहीं है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 


जाम की समस्या (traffic jam problem) भी काफी बढ़ती जा रही है। पुराने लखनऊ में आबादी काफी ज्यादा है और यहां पर व्यापार काफी घना है। लिहाजा, इस क्षेत्र में आने वाले लोगों की तादाद भी काफी ज्यादा रहती है। वर्तमान स्थिति यह है कि ई रिक्शा और अवैध वाहनों से दिक्कत काफी ज्यादा है। इस रूट पर यात्री मेट्रो स्टेशन (metro station) से मेट्रो पकड़ कर आसानी से पहुंच पाएंगे।


बसों की संख्या काफी कम : अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट (public transport) की बात की जाए तो लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (Lucknow City Transport Services Limited) की करीब 140 सिटी बसें हैं। आवाजाही के लिए ये काफी कम हैं। इनकी संख्या कम से कम एक हजार होनी चाहिए। शहर में सिटी बसों (City buses in the city) के 30 रूट हैं, जबकि 18 रूटों पर ही सिटी बस चल पा रही है। ऐसे में यात्रियों को और दिक्कत होती है। अब अनुबंध योजना के तहत शहर के 10 रूटों पर 100 बसें चलाने की तैयारी है, लेकिन अभी इसमें समय लगेगा।