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शादीशुदा होते हुए दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रहना अपराध है या नहीं, जानिये क्या कहते हैं नियम

Live-in Relationship: आजकल लिव इन रिलेशनशिप बहुत आम बात हो गई हैं। इसी के चलते भारतीय कानून कहता हैं कि यदि शादीशुदा होने के बावजुद भी कोई आदमी दुसरी औरत के साथ लिव-इन में रहता हैं तो इसे दंडनीय अपराध माना जाता हैं, आइए जानते हैं इस नियम से जुडे कानून...
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शादीशुदा होते हुए दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रहना अपराध है या नहीं, जानिये क्या कहते हैं नियम

HR Breaking News (नई दिल्ली)। Live-in Relationship: पति अगर पत्नी को बिना तलाक दिए किसी दूसरी महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है तो उसे दोषी ठहराया जा सकता है. जो भारत में बिना तलाक के दूसरी शादी करने के बराबर माना जाएगा और दूसरे विवाह का दोषी करार किया जा सकता है. यह नियम महिला के साथ होती है, यदि वह अपने पति को बिना तलाक दिए किसी दूसरे पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में आती है. 

कोर्ट ने क्या कहा?
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने पटियाला (Patiala) निवासी एक जोड़े के मामले में, जिसमें पुरुष पहले से शादीशुदा है और उसकी दो साल की बेटी भी है. इन तथ्यों को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पटियाला निवासी जोड़े की सुरक्षा से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुए ये टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 494/495 के तहत यह द्विविवाह का अपराध है. भारत में इसके लिए 7 साल की जेल की सजा है.

दरअसल, याची और उसके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले साथी ने रिश्तेदारों से जान को खतरा बताकर सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि याची का उसकी पत्नी के साथ तलाक का मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन है. वहीं याची के परिजनों ने इस रिश्तें को स्वीकार भी कर लिया है. लेकिन युवती के परिजन उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे है.

दूसरे देश में क्या है कानून?
कनाडा की बात करें तो वहां पर अगर कोई पुरुष शादी के बाद बिना तलाक दिए दूसरी महिला के साथ लिव इन में रहता है तो उसे अपराध नहीं माना जाता है. वहां इसे कॉमन-लॉ रिलेशनशिप कहा जाता है. यह हाल अमेरिका में है. फ्रांस में लिव-इन में रहने भर से शादी के बाद सरकार के तरफ से मिलने वाले सभी लाभ मिल जाते हैं.

यानी अगर कोई जोड़ा बिना शादी किए लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा है तो उसे शादी के बराबर माना जाएगा और वह सरकार के तरफ से सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकता है. रूस में तो इसे 1918 से ही मान्यता मिली हुई है. बिना शादी के हुए बच्चों को भी उतना ही हक दिया जाता है. जो शादी के बाद पैदा हुए बच्चों को मिलता है. 

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