इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हुए विवाद को जंग में बदलती इन तस्वीरों व वीडियो को देख आप भी दहल जाएंगे…
HR BREAKING NEWS. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच शुरू हुआ विवाद जंग की ओर बढ़ रहा है। बुधवार तक हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन मानता है) इजराइल पर लगातार रॉकेट छोड़ता रहा। इजराइल की आर्मी ने सोशल मीडिया पर ये जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, ‘ सेंट्रल और दक्षिणी इजराइल में लगातार रॉकेट दागे जा रहे हैं, बहुत हो गया, अब ये रुक जाना चाहिए।’ हमास ने तेल अवीव, एश्केलोन औ होलोन शहर पर सोमवार से लेकर बुधवार को रॉकेट फायर किए। इसमें से ज्यादातर रॉकेट इजराइल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम ने रोक लिए, लेकिन कई रॉकेट आबादी वाले इलाकों में गिरकर फट गए। हमास ने इजराइल पर एक हजार से ज्यादा रॉकेट दागे। इतना बड़ा अटैक इजराइल पर 7 साल बाद हुआ है।
हमास के हमले में अब तक 5 लोग मारे गए हैं। इसमें 3 महिलाएं हैं। इन महिलाओं में एक भारतीय भी शामिल है। केरल के इडुक्की जिले की सौम्या संतोष (32) हमास के मिसाइल अटैक में मारी गईं। सौम्या अश्केलान शहर में 80 साल की एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी। सौम्या पिछले 7 सालों से इजराइल में रह रही थीं। उनका 9 साल का एक बेटा है, जो पति के पास इडुक्की में रहता है। हमले के समय सौम्या अपने पति से वीडियो कॉल पर बात कर रही थीं। सौम्या जिस महिला की देखभाल करती थीं, वह हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई है।
भारत में इजराइल के राजदूत रॉन माल्क ने भी मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए सौम्या की मौत की पुष्टी की थी। उन्होंने कहा,’सौम्या संतोष के परिवार के प्रति इजराइल की संवेदनाए हैं, हमास के हमले में निर्दोष सौम्या की हो गई। मैं उनके 9 साल के बच्चे के लिए दुखी हूं, जिसने इतनी कम उम्र में अपनी मां को खो दिया। अब उसे मां के साए के बिना ही बड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने 2008 में हुए मुंबई हमले का जिक्र करते हुए इजराइली बच्चे मोशे का जिक्र किया।’
इजराइली एयरफोर्स ने हमास के ऑफिस को निशाना बनाया
इजराइली एयरफोर्स ने हमास की कब्जे वाली गाजा पट्टी पर हमला बोला। यहां 13 मंजिला बिल्डिंग को निशाना बनाया गया। इजराइल के मुताबिक, इस बिल्डिंग में हमास की पॉलिटिकल विंग का ऑफिस था। यह बिल्डिंग अब मलबे के ढेर में तब्दील हो गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और डिफेंस मिनिस्टर बेनी गेंट्ज ने साफ कर दिया है कि हमास को इन हमलों की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। नेतन्याहू ने कहा- सिर्फ एक बात समझ लीजिए। आतंकियों को इन हमलों की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। रविवार से जारी इस संघर्ष में अब तक 38 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके पहले, 2014 में इजराइल और हमास के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था।
हमास ने चुप्पी साधी
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ से बातचीत में हमास के एक प्रवक्ता ने कहा- मंगलवार शाम हमने 130 रॉकेट इजराइल की तरफ दागे। 24 घंटे के अंदर इनकी संख्या 300 से ज्यादा हो चुकी है। जब इस प्रवक्ता से यह पूछा गया कि इजराइली एयरफोर्स के हमले में कितना नुकसान हुआ तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
हमास भले ही कुछ न कहे, लेकिन इजराइल ने उसे बहुत भारी नुकसान पहुंचाया है। इजराइल ने गाजा पट्टी में कई ऊंची इमारतों को जमींदोज कर दिया है। इसमें से एक 13 मंजिला बिल्डिंग में हमास की पॉलिटिकल विंग का दफ्तर था। दिन के वक्त यहां 700 से 1200 से लोग रहते हैं। फिलहाल, यह पता नहीं लग सका है कि हमले के वक्त कितने लोग यहां मौजूद थे। शायद यही वजह है कि हमास भी इस बारे में चुप है।
आयरन डोम ने रोके रॉकेट हमले
गाजा पट्टी से इजराइल पर दागे गए रॉकेट में से अधिकतर को आयरन डोम ने नष्ट कर दिया। ये एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम होता है। जो रॉकेट की पहचान करता है और काउंटर मिसाइल लॉन्च करता है। इससे रॉकेट हवा में ही नष्ट हो जाता है। इसका सबसे पहला परीक्षण 2012 में किया गया था। इसे इजराइल की सरकारी रक्षा एजेंसी ‘राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स’ ने डेवलप किया है। इससे पहले भी इजराइल ने हमास के 90% हमले आयरन डोम के जरिए नाकाम किए गए हैं।
ट्रम्प बोले- ये हमले बाइडेन की कमजोरी दिखाते हैं
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’से बातचीत में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन हमलों को जो बाइडेन की कमजोरी बताया। कहा- मैं जब राष्ट्रपति था तब इजराइल और फिलीस्तीन के बीच शांति थी। फिलीस्तीन और इजराइल के बाकी दुश्मन जानते थे कि अमेरिका हर हाल में इजराइल के साथ खड़ा है। अगर उस पर हमला हुआ तो हम भी उसके दुश्मन को छोड़ेंगे नहीं। बाइडेन के दौर में हिंसा बढ़ रही है और यह उनकी कमजोरी है।
रविवार से जारी है संघर्ष
1967 के अरब-इजराइल युद्ध में जीत के बाद इजराइल यरूशलम डे, यानी उस जीत की वर्षगांठ मनाता रहा है। यरूशलम के शेख जर्राह इलाके को यहूदी और मुस्लिम दोनों ही पवित्र स्थल मानते हैं। यहां अल अक्सा मस्जिद के बाहर मौजूद फिलीस्तिनियों ने पवित्र दीवार के पास प्रार्थना कर रहे लोगों और उनकी सुरक्षा कर रहे जवानों पर पत्थरबाजी की। अल अक्सा मस्जिद पुराने यरूशलम में है। यहीं यहूदियों का टेम्पल माउंट भी है। यानी दोनों ही संप्रदाय इस जगह को अपना पवित्र धार्मिक स्थल मानते हैं और इस पर दावा करते हैं।
इजराइल झुकने को तैयार नहीं
इजराइल यरूशलम शहर के एक हिस्से को आधुनिक शहर के तौर पर तैयार कर रहा है। फिलिस्तीनियों को यह मंजूर नहीं। दुनिया के कई देश इजराइल से कंस्ट्रक्शन रोकने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इजराइल का कहना है कि वो इसे जारी रखेगा क्योंकि यह उसका क्षेत्र है।
