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1 Rupee Note - बड़ी रोचक है एक रुपये के नोट की कहानी, दो बार बंद हुई छपाई

1 Rupee Note - अगर आप भी एक रुपये के नोट से जुड़ी रोचक कहानी नहीं जानते है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में एक रुपये के नोट से जुड़ी कुछ रोचक कहानी बताने जा रहे है...

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1 Rupee Note - बड़ी रोचक है एक रुपये के नोट की कहानी, दो बार बंद हुई छपाई

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर लोगों का विश्वास आजादी से पहले से कायम है। इसकी वजह हैं वो पूर्व गवर्नर जिन्होंने इसकी परंपरा और कार्य पद्धति से कभी समझौता नहीं किया और हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था और उसकी नब्ज पर मजबूत पकड़ बनाए रखी। 

1935 में हुई स्थापना-
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई। रिजर्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था, जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया।

मुद्रा जारीकर्ता-
आरबीआई करेंसी जारी करता है और उसका विनिमय करता है अथवा परिचालन के योग्य नहीं रहने पर करेंसी और सिक्कों को नष्ट करता है। इसका उद्देश्य आम जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोटों और सिक्कों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना है।

आइए जानते हैं सबसे छोटे नोट की बड़ी कहानी-
नोटबंदी के बाद नए भारतीय नोट प्रचलन में आए जैसे कि 2000 रुपये, 500 रुपये, 200 रुपये, 100 रुपये, 50 रुपये और 10 रुपये के नोट। लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत के करेंसी इतिहास से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प पहलू भी हैं जिन्हें शायद कम लोग ही जानते हैं। आज हम आपको सबसे छोटे नोट, एक रुपये के नोट की बड़ी कहानी बताने जा रहे हैं, जो आरबीआई नहीं, बल्कि भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है।

नोट पर नहीं होता RBI गवर्नर का हस्ताक्षर-
एक रुपये के नोट को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जारी नहीं करता है। इसे भारत सरकार जारी करती है। यही वजह है कि एक रुपये के नोट पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं होता। एक रुपये के नोट पर देश के वित्त सचिव का हस्ताक्षर होता है। आज के समय में नोट के रूप में एक रुपया सबसे छोटी मुद्रा है।

1917 में जारी हुआ पहला नोट, दो बार बंद हुई छपाई-
- एक रुपये के पहले नोट का मुद्रण 30 नवंबर 1917 को हुआ था। पहले नोट पर किंग जॉर्ज पंचम की फोटो थी। 
- आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, 1926 में पहली बार एक रुपये के नोट की छपाई बंद हो गई थी। 
- इसे 1940 में फिर से शुरू किया गया। 
- इसके बाद 1994 में एक रुपये के नोट की छपाई फिर से बंद कर दी गई। 
- 2015 में दोबारा इसकी शुरुआत हुई। 
फरवरी 2020 में वित्त मंत्रालय ने एक रुपये के नए नोट की छपाई से जुड़ी गजट अधिसूचना जारी की थी। आइए जानते हैं इस नए नोट के बारे में सबकुछ।


- एक रुपये के नए नोट में 'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया' के ठीक ऊपर 'भारत सरकार' लिखा हुआ होगा। 
- एक रुपये के नोट पर 2020 सीरीज के एक रुपये के सिक्के का रेप्लिका भी छपा होगा, सपर 'सत्यमेव जयते' भी लिखा होगा। 
- साथ में इसपर नंबरिंग पैनल पर ‘L’ भी लिखा होगा।
- इस नोट पर पहले तीन अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स एक साइज में लिखे होंगे।
- नए नोट की दायीं तरफ नीचे की ओर काली पट्टी पर नंबरिंग पैनल होगा।
- इस नोट पर बनाए गए एक रुपये के सिक्के पर 2020 लिखा होगा और रुपये का सिंबल '₹' भी बना होगा।
- नोट की दूसरी तरफ भी शब्दों में 'भारत सरकार' और 'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया' लिखा होगा।


- नए नोट पर 'सागर सम्राट' का चित्र भी होगी, जो कि देश के ऑयल एक्सप्लोरेशन को दर्शाएगा।
- रुपये के सिंबल के साथ ही अनाज का डिजाइन भी बना होगा, जोकि देश में कृषि को दर्शाएगा।
- इस नोट का रंग मुख्यत: गुलाबी और हरा होगा। 
- हालांकि, इस पर कुछ अन्य रंगों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
- एक रुपये के इस नोट का साइज 9.7x 6.3 सेंटी मीटर होगा।
- एक रुपये के नए नोट पर मल्टी टोन पर अशोक स्तंभ का वॉटरमार्क है। 
- बायीं तरफ ऊपर से नीचे की ओर भारत लिखा होगा।