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CBI Ki Raid : बैंक इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला, 34 हजार करोड़ हड़पे

आज तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है। ये एक दो करोड़ की बात नहीं है पूरे 34 हजार रुपए का घोटाला है जितना आज तक कभी सुनने को नहीं मिला। आईए जानत हैं मामले में सीबीआई ने क्या एक्शन लिया।
 
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CBI Ki Raid : बैंक इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला, 34 हजार करोड़ हड़पे

HR Breaking News : नई दिल्ली : सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के अनुसार इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर विपिन कुमार शुक्ला ने लिखित शिकायत दी थी।
देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है। यह घोटाला 34 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का बताया जा रहा है। सीबीआई ने इस मामले में घोटाला करने वाली कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) और उसके सहयोगियों पर विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्जकर किया है। साथ ही देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की है।

सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक और महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं। इससे पहले सबसे बड़े घोटाले के तौर पर 22 हजार करोड़ का बैंक घोटाल सामने आया था।
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के अनुसार इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर विपिन कुमार शुक्ला ने लिखित शिकायत दी थी। जिसमें कहा गया था कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों और सहयोगियों ने 17 बैंकों के समूह का नेतृत्व कर रहे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 34 हजार 615 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। यह घटनाक्रम साल 2010 से साल 2019 के बीच का है।


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कंपनी ने 17 बैंकों के लिए हैं क्रेडिट कार्ड


शिकायत में कहा गया था कि HDFL कंपनी काफी पुराने समय से बैंकों से क्रेडिट सुविधाएं लेती रही है। यह कंपनी कई क्षेत्रों में काम करती है। इस कंपनी ने 17 बैंकों के समूह से जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईडीबीआई, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता और कोचीन आदि जगहों पर क्रेडिट सुविधा ली। आरोप है कि इस कंपनी ने बैंकों से कुल 42 हजार करोड़ से ज्यादा का लोन लिया, लेकिन उसमें से 34 615 हजार करोड़ रुपए का लोन वापस नहीं किया। साथ ही उनका एक खाता 31 जुलाई 2020 को एनपीए हो गया।
आरोप है कि इस कंपनी ने बैंक से जिस काम का पैसा लिया था उस काम में नहीं लगाया जो फंड बैंकों से लिया जाता था वह एक महीने के थोड़े समय के भीतर ही दूसरी कंपनियों में भेज दिया जाता था। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि लोन का पैसा सुधाकर शेट्टी नाम की एक शख्स की कंपनियों में भी भेजा गया साथ ही यह पैसा दूसरी कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर में लगाया गया।
यह भी जानकारी मिली है कि लोन का पैसा 65 से ज्यादा कंपनियों में भेजा गया इसके लिए बाकायदा अकाउंट बुक में फर्जीवाड़ा किया गया। सीबीआई ने इस मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड उसके निदेशक कपिल वधावन धीरज वधावन एक अन्य व्यक्ति सुधाकर शेट्टी अन्य कंपनियों गुलमर्ग रिलेटेर्स, स्काईलार्क बिल्डकॉन दर्शन डेवलपर्स, टाउनशिप डेवलपर्स समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।