home page

Bank Locker Rule 2025 : बैंक लॉकर लेने से पहले जरूर जान लें 4 जरूरी बातें, बाद में नहीं होगी दिक्कत

Bank Locker Rule 2025 : अगर आप बैंक लॉकर लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इसके बारे में कुछ बुनियादी बातें जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किए हैं... आइए जान लेते है नीचे इस खबर में-

 | 
Bank Locker Rule 2025 : बैंक लॉकर लेने से पहले जरूर जान लें 4 जरूरी बातें, बाद में नहीं होगी दिक्कत

HR Breaking News, Digital Desk- (Bank Locker Rule) क्या आप बैंक लॉकर लेने का प्लान बना रहे हैं? अगर हां तो इसके बारे में कुछ बुनियादी बातें जान लेना जरूरी है। आरबीआई (RBI) ने बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। जिन ग्राहकों ने 31 दिसंबर या उससे पहले लॉकर के लिए बैंक से एग्रीमेंट किया है, उन्हें नए नियमों के अनुसार रिवाइज्ड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने होंगे और बैंक को भेजने होंगे। लॉकर लेने से पहले इन नियमों को जानना जरूरी है। इससे ग्राहकों को अपनी सुरक्षा और अधिकारों का पता चलता है। (Reserve Bank Of India)

सोचसमझ कर करें बैंक का चुनाव-

लॉकर के लिए बैंक का चयन सोच समझकर करना जरूरी है। सबसे पहले, ऐसी बैंक चुनें जो अच्छी सर्विस (service) प्रदान करती हो। दूसरा, बैंक आपके घर के नजदीक हो ताकि सुविधा आसानी से मिल सके। यदि आपका पहले से उस बैंक में खाता है, तो और भी अच्छा है। सही बैंक का चुनाव इसलिए जरूरी है क्योंकि लॉकर खोलने के बाद यदि बैंक की सेवा अच्छी नहीं लगी, तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

ये डॉक्युमेंट्स पहले से तैयार रखें-

आप किसी ऐसे बैंक में लॉकर अकाउंट (bank locker account) ओपन करना चाहते हैं, जिसमें आपका पहले से कोई अकाउंट नहीं है तो बैंक आपको पहले सेविंग्स या करेंट अकाउंट ओपन करने के लिए कह सकता है। इसके लिए आपके पास आपकी पासपोर्ट साइज फोट, आइडेंटिटी प्रूफ (identity proof) और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है। इसके अलावा PAN भी जरूरी होगा। एड्रेस प्रूफ के लिए आप अपने आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लॉकर में किन चीजों को रखने की इजाजत है?

आम तौर पर लॉकर का इस्तेमाल कीमती चीजों को रखने के लिए होता है। खासकर उन चीजों को जिन्हें हम घर में रखना सुरक्षित नहीं समझते हैं। इनमें ज्वैलरी, लोन के पेपर, जमीन के कागजात, बर्थ और मैरिज सर्टिफिकेट्स (birth and marriage certificate), इंश्योरेंस पॉलिसी, सेविंग्स बॉन्ड्स (savings bonds) आदि शामिल हैं। बैंक के साथ ग्राहक का जो एग्रीमेंट (aggrement) होता है, उसमें लॉकर के इस्तेमाल के नियम और शर्तें शामिल होती हैं।

लॉकर की फीस-

बैंक हर साल ग्राहकों से लॉकर (bank locker) की फीस वसूलता है, जो ब्रांच के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। व्यस्त इलाकों में स्थित ब्रांच की फीस अधिक हो सकती है। लॉकर खोलने से पहले फीस के बारे में अच्छी तरह जानकारी लेना जरूरी है, ताकि बाद में भुगतान में कोई परेशानी न हो। कई लोग पहले लॉकर तो खोल लेते हैं, लेकिन फीस चुकाने में कठिनाई का सामना करते हैं। आप इस समस्या से बचने के लिए ऑटो डेबिट (auto debit) सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें तय तारीख को आपकी फीस स्वचालित रूप से आपके सेविंग्स अकाउंट (saving account) से कट जाती है, जिससे बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे भुगतान आसान और समय पर हो जाता है।