home page

Check Sign : 90 प्रतिशत लोग भी नहीं जानते, चेक के पीछे कब करना होता है साइन

Check sign rule : ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के इस दौर में वित्तीय लेन देन काफी आसान हो गया है। नेट बैंकिंग, UPI के जरिए कहीं भी मिनटों में पेमेंट कर सकते हैं। लेकिन इसके बावजूद आज भी लोग बड़ी पेमेंट के लिए चेक को ही चुनते हैं। चेक जारी करते समय कई बातों का ध्यान रखना होता है आपकी एक गलती बड़ी मुसीबत में डाल सकती है। ऐसे में आपको चेक से जुड़ी हर जानकारी होनी चाहिए। चेक पर कहां साइन होता है और ओनली क्यों लिखा जाता है चलिए नीचे खबर में जानते हैं - 
 | 
Check Sign : 90 प्रतिशत लोग भी नहीं जानते, चेक के पीछे कब करना होता है साइन 

HR Breaking News - (bank check rules)। डिजिटल युग में आज बैंक से जुड़े ज्यादातर काम ऑनलाइन होने लगे हैं। फोन पे, गूगल पे और UPI के जरिए कहीं भी मिनटों में पैसे भेज सकते हैं। लेकिन इसके बावजूद चेकबुक का इस्तेमाल आज भी कम नहीं हुआ है। आज भी लोग बड़ी पेमेंट चेक के जरिए करना ज्यादा सेफ मानते हैं। चेक जारी करते समय भी कई बातों का ध्यान रखना होता है। आपकी एक गलती की वजह से बड़ा नुकसान हो सकता है। आपने अक्सर देखा होगा कि चेक से लेनदेन करते वक्त उसके पीछे साइन किए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? चलिए विस्तार से जानते हैं - 

बता दें कि केवल उसी चेक के पीछे साइन कराए जाते हैं जो बियरर्स चेक (Bearer's Cheque) होता है। इसके अलावा ऑर्डर चेक (Order Check) के पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता है। बियरर्स चेक वह होता है जिसे कोई भी बैंक में ले जाकर पैसे निकलवा सकता है। यह जरूरी नहीं है कि जो चेक से कैश करवा रहा है उसका चेक पर नाम लिखा है। ऑर्डर चेक (Order Check rule) में पैसा सिर्फ उसी शख्स को देता है जिसका चेक पर नाम लिखा होता है। उस शख्स का बैंक में मौजूद होना जरूरी है। इसलिए ऑर्डर चेक पर साइन की आवश्कता नहीं होती है। ऑर्डर चेक पर पैसा देने से पहले बैंक कर्मचारी खुद से ही पूरी जांच-पड़ताल करते हैं और उसके बाद पैसा देते हैं। 


बैंक खुद का सुरक्षित करने के लिए करते हैं ये काम - 

बियरर्स चेक (bearers check) को कोई भी ले जाकर बैंक से पैसा निकाल सकता है ऐसे में यह खतरा रहता है कि यदि किसी को यह चेक रास्ते में मिला हो या फिर उसने चोरी किया हो तो भी उसे पैसा दे दिया जाएगा। ऐसे में बैंक को किसी मुसीबत का सामना न करना पड़े। इसके लिए बियरर्स चेक के पीछे हस्ताक्षर (Bearer's Cheque Signature) करवाए जाते हैं जो कोई भी बियरर्स चेक को लेकर बैंक में पैसे निकालने के लिए जाता है उससे चेक के पीछे साइन करवाकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि बैंक की ओर से पैसा दे दिया गया है और अब पैसा किसी गलत शख्स के पास भी गया है तो भी इसमें बैंक की कोई जवाबदेही नहीं होगी। 

हालांकि, यदि अमाउंट 50,000 रुपये से अधिक होता है तो बैंक पैसे निकालने  आए शख्स से एडरेस प्रूफ (Address proof) जरूर मांगता है और सभी छनबीन होने के बाद ही पैसा देता है। इसके अलावा एक और कारण यह भी होता है कि कई बार चेक में आगे किये गए साइन को लेकर डबल श्योर होने के लिए भी पीछे हस्ताक्षर कराए जाते हैं। यदि कोई शख्स चेक (check rules) के पीछे साइन करने से इनकार कर देता है तो फिर उसे एक पेपर पर अपनी पूरी डिटेल के साथ पैसे निकालने के लिए अप्लाई करना होगा।