CIBIL Score : खराब सिबिल स्कोर के कारण बैंक नहीं दे रहा लोन, इन 5 तरीकों से बन जाएगा काम
CIBIL Score : भारत में इतने क्रेडिट स्कोर हेल्दी क्रेडिट स्कोर नहीं माना जाता है. ऐसे स्कोर से नए क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय दिक्कत हो सकती है. ऐसे में हम आज उन 5 तरीकों के बारे में बताएंगे जिसे अपनाकर आप कम क्रेडिट स्कोर के बाद भी पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड हासिल कर सकते हैं-

HR Breaking News, Digital Desk- (Cibil Score) पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पाने के लिए एक साफ क्रेडिट प्रोफाइल और अच्छा क्रेडिट स्कोर ज़रूरी है. क्रेडिट स्कोर तीन अंकों की संख्या है जो आपकी क्रेडिटवर्दीनेस, भुगतान की नियमितता और पिछले क्रेडिट इतिहास को दिखाता है.
भारत में यह आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है. 750 या उससे ज़्यादा का स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है, जिससे लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने के चांस बढ़ जाते हैं. इसलिए, समय पर भुगतान करके और ज़्यादा कर्ज़ से बचकर अपना क्रेडिट स्कोर अच्छा रखें.
भारत में 670 का क्रेडिट स्कोर हेल्दी क्रेडिट स्कोर नहीं माना जाता है. ऐसे स्कोर से नए क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय दिक्कत हो सकती है. फिर भी कुछ स्ट्रेटेजी हैं जो कम क्रेडिट स्कोर के बावजूद अप्रूवल की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं.
670 के कम क्रेडिट स्कोर के साथ क्रेडिट कार्ड हासिल करने के 5 तरीके-
- जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर खराब है या क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है या फिर किसी कारण से उन्हें रेगुलर क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पा रहा है, सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card) उनके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड कोलैटरल डिपॉजिट के बदले में मिलने वाला कार्ड होता है. ये कार्ड फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit) के बदले में दिया जाता है. ज्यादातर सिक्योर्ड कार्ड की लिमिट एफडी के 80-90 प्रतिशत तक रखी जाती है.
- अगर आपके फैमिली मेंबर के पास एक प्राइमरी क्रेडिट कार्ड (primary credit card) है, तो आप एक ऐड-ऑन कार्ड का रिक्वेस्ट कर सकते हैं. इससे आपको उनके क्रेडिट हिस्ट्री का फायदा मिलेगा, जिससे आप अपने क्रेडिट प्रोफाइल और हेल्दी क्रेडिट स्कोर को बना सकते हैं.
- कई छोटे बैंक और एनबीएफसी के पास क्रेडिट देने की शर्तें ज्यादा फ्लेक्सिबल होती हैं और वे कम क्रेडिट स्कोर (Credit score) वाले आवेदकों को भी क्रेडिट कार्ड ऑफर कर सकते हैं. ऐसे मामलों में बॉरोअर्स को कई दूसरे पात्रता मानदंडों को पूरा करना पड़ सकता है, जैसे ज्यादा ब्याज दरों का भुगतान करना, कम क्रेडिट लिमिट और रीपेमेंट शेड्यूल (repayment schedule) में कम फ्लेक्सिबिलिटी. ऐसे बैंक या कंपनियां आपकी इनकम स्टेबलिटी, टैक्स फाइलिंग स्टेटस (tax filling status) और पिछले रोजगार हिस्ट्री पर भी विचार कर सकते हैं.
- अगर आप सैलरी स्लिप, इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) दस्तावेज आदि के साथ स्टेबल इनकम का प्रूफ (stable income proof) दे सकते हैं, तो ऐसे दस्तावेज आपकी विश्वसनीयता और आपके आवेदन की अप्रूवल की संभावना को बढ़ा सकते हैं, लेंडर उन लोगों की तलाश करते हैं जो ईमानदार हैं, जिनके पास आय का उचित सोर्स है और जो ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिलों (credit card bill) का समय पर भुगतान करने के लिए ईमानदारी से इच्छुक है.
अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारें-
- समय पर बिल और EMI का पेमेंट करें
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) कम रखें
- लंबे क्रेडिट हिस्ट्री को बनाए रखें.
- क्रेडिट मिक्स का ध्यान रखें
- हार्ड इंक्वायरी को कम करें
- क्रेडिट रिपोर्ट रेगुलर जांच करें