CIBIL Score : सिबिल स्कोर को हल्के में लेना पड़ेगा भारी, 50 लाख के लोन पर उठाना पड़ेगा 19 लाख का नुकसान
CIBIL Score : सिबिल स्कोर को हल्के में लेना आपको भारी पड़ सकता है. दरअसल आपको बता दें कि अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो बैंक (bank) आपको ज़्यादा ब्याज दर पर लोन देते हैं, या हो सकता है लोन दें ही नहीं. इसीलिए कहा जाता है कि सिबिल स्कोर को अच्छा बनाए रखना चाहिए और उसे खराब नहीं होने देना चाहिए. आइए नीचे खबर में जानते हैं इसकी बारीकियां और समझते हैं इसे कैसे बेहतर किया जा सकता है.

HR Breaking News, Digital Desk- (Cibil Score Check) सिबिल स्कोर आपकी वित्तीय सेहत का अहम पैमाना है. अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो बैंक आपको ज़्यादा ब्याज दर पर लोन देते हैं, या हो सकता है लोन दें ही नहीं. इसलिए, एक अच्छा सिबिल स्कोर (cibil score kitna hona chahiye) बनाए रखना बेहद ज़रूरी है ताकि आप कम ब्याज दर पर आसानी से लोन प्राप्त कर सकें और लाखों रुपये बचा सकें.
इसीलिए कहा जाता है कि सिबिल स्कोर को अच्छा बनाए रखना चाहिए और उसे खराब नहीं होने देना चाहिए. आइए नीचे खबर में जानते हैं इसकी बारीकियां और समझते हैं इसे कैसे बेहतर किया जा सकता है.
820 के सिबिल स्कोर पर कितना ब्याज?
उच्चतम सिबिल स्कोर (820) के साथ, आपको 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लगभग 8.35 प्रतिशत ब्याज दर पर मिल सकता है. इस हिसाब से, आप 20 साल में कुल 1.03 करोड़ रुपये चुकाएंगे, जिसमें करीब 53 लाख रुपये ब्याज के शामिल हैं. ब्याज दरें बैंकों के अनुसार भिन्न हो सकती हैं.
580 है स्कोर, तो चुकाएंगे 19 लाख ज्यादा!
सिबिल स्कोर कम (जैसे 580) होने पर आपको होम लोन महंगा मिलेगा. उदाहरण के लिए, 10.75% की दर से आपको ₹71.82 लाख का ब्याज़ देना होगा, जो अच्छे सिबिल स्कोर वाले व्यक्ति से ₹18.82 लाख ज़्यादा है. खराब सिबिल स्कोर के कारण आपको अपने कुल लोन का एक तिहाई से ज़्यादा का अतिरिक्त नुकसान हो सकता है.
जानिए क्या होता है सिबिल स्कोर-
यह एक तीन अंकों की संख्या है या यूं कहें कि स्कोर है. इसकी रेंज 300 से लेकर 900 अंकों तक होती है. यह आपके लोन लेने की योग्यता को दिखाता है. आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड के बिल आदि के आधार पर यह संख्या तय होती है. अगर आप अपने सारे कर्जों और कार्ड बिल को चुकाते रहते हैं तो आपका सिबिल स्कोर बेहतर होता जाता है, जबकि अगर आप कोई डिफॉल्ट करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर खराब होता जाता है.
अच्छे सिबिल स्कोर के क्या हैं फायदे-
अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो इसके कई फायदे होते हैं. हर बैंक लोन देने से पहले व्यक्ति के सिबिल स्कोर को चेक करता है. ऐसे में आपको लोन आसानी से और सस्ता मिल सकता है. यहां तक कि आपको कई बार प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर भी मिल सकता है और आपको इंस्टेंट लोन यानी चंद मिनटों में खाते में पैसे आने की सुविधा भी मिल सकती है.
सिबिल स्कोर खराब होने के 5 नुकसान-
सिबिल स्कोर अगर खराब है तो आपको उसका नुकसान भी झेलना पड़ता है. बैंक से जुड़े तमाम कामों में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं खराब सिबिल स्कोर के 5 नुकसान, जिनका आप पर बड़ा असर होगा.
लोन मिलने में होगी दिक्कत-
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है तो आपको किसी भी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक या एनबीएफसी से लोन मिलने में दिक्कत होगी. बैंकों को डर रहता है कि आपका सिबिल स्कोर खराब है, यानी आप डिफॉल्ट कर सकते हैं.
ज्यादा ब्याज दर चुकानी होगी-
कुछ बैंक अगर आपको खराब सिबिल स्कोर के बावजूद लोन देने को राजी हो भी जाएंगे तो वह अधिक ब्याज दर वसूलेंगे. दरअसल, वह अपने रिस्क को मैनेज करने की कोशिश करते हैं. वह सोचते हैं कि अगर व्यक्ति ने आखिरी की कुछ ईएमआई डिफॉल्ट भी कर दीं तो भी बैंक का नुकसान ना हो, इसलिए ब्याज दर ज्यादा रखी जाती है.
चुकाना पड़ सकता है ज्यादा प्रीमियम-
सिबिल स्कोर खराब होने पर कई बार इंश्योरेंस कंपनियां भी आपसे अधिक प्रीमियम मांग सकती हैं. दरअसल, ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस कंपनियों को लगता है कि आप ज्यादा क्लेम कर सकते हैं, ऐसे में वह ज्यादा प्रीमियम मांग सकती हैं. कई कंपनियां तो इंश्योरेंस देने में भी आनाकानी कर सकती हैं.
होम-कार लोन लेने में दिक्कत-
पर्सनल लोन की तरह ही आपको होम लोन या कार लोन लेने में भी दिक्कत हो सकती है. यहां तक कि आपको अधिक ब्याज भी चुकाना पड़ सकता है. बिजनेस के लिए प्रॉपर्टी लीज (property lease) पर लेने में भी दिक्कत होती है. कंपनी आपको लोन देने के बदले आपसे कुछ गिरवी रखने को भी कह सकती है.
लोन मिलने में हो सकती है देरी-
जो बैंक आपको लोन देने के लिए राजी होगा, वह भी आपको कर्ज देने से पहले दस्तावेजों की खूब जांच करेगा. गोल्ड लोन या सिक्योरिटीज लोन (Gold Loan or Securities Loan) के लिए अप्लाई करेंगे तो भी तगड़ी जांच होगी. कुछ गिरवी भी रख देंगे तो भी बैंक आपको शक की निगाह से ही देखेगा और तगड़ी जांच करेगा. इन सब में काफी वक्त लग सकता है, जिससे आपको लोन मिलने में देरी हो सकती है.
कैसे खराब होता है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर बिगड़ने की कई वजह (Reasons for deteriorating CIBIL score) हो सकती हैं जैसे- लोन लेने के बाद समय से ईएमआई भुगतान न करना, लोन सेटलमेंट करना, क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं करना, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (credit utilization ratio) को मेंटेन न करना आदि. इसके अलावा अगर आपने जॉइंट लोन लिया है या आप किसी के लोन गारंटर है और ऐसे में आपका जॉइंट अकाउंट होल्डर (joint account holder) या वो बॉरोअर जिसके लोन के आप गारंटर बने हैं, उसने कोई गलती की, तो आपके सिबिल पर भी बुरा असर पड़ता है.
कैसे करें सिबिल स्कोर बेहतर?
सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए आपको कई काम करने पड़ेंगे. लोन लिया है तो ईएमआई तय समय पर दें. क्रेडिट कार्ड यूजर हैं तो उसकी अधिकतम लिमिट का 30 प्रतिशत से ज्यादा खर्च न करें. क्रेडिट कार्ड के बिल को समय से चुकाएं. बार-बार और जल्दी-जल्दी अनसिक्योर्ड लोन न लें. किसी के लोन गारंटर बहुत सोच समझकर बनें. जॉइंट लोन लेने का फैसला भी ध्यान से लें. लोन सेटल किया है, तो जल्द से जल्द उसे क्लोज करवाएं. कभी लोन नहीं लिया तो एक छोटा सा लोन लेकर उसका रीपेमेंट (repayment) समय से करें, ताकि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (credit history) बन सके.
क्रेडिट स्कोर ठीक होने में लगेगा कितना वक्त?
अगर आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ गया है और आप इसे सुधारना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझिए कि क्रेडिट स्कोर को सुधारना कोई एक दिन का काम नहीं होता. इसके लिए आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा क्योंकि इसमें धीरे-धीरे सुधार होता है. आपके खराब क्रेडिट स्कोर के सुधार में कम से कम छह महीने से 1 वर्ष तक का समय लग सकता है.
समय पर चेक करें सिबिल स्कोर-
आपके क्रेडिट स्कोर (credit score) को बेहतर बनाने में समय लगता है, खासकर अगर यह बहुत कम है. इसीलिए, सलाह दी जाती है कि आप अपने सिबिल स्कोर को बनाए रखें और इसे समय-समय पर चेक करते रहें. ऐसा करने से, अगर आपका स्कोर (score) गिरता है, तो आप इसे बढ़ाने के लिए समय रहते ज़रूरी कदम उठा सकते हैं.