CP : दिल्ली के कनॉट प्लेस का कौन है मालिक, कितना है किराया, दिल्ली वालों को भी नहीं होगी जानकारी
HR Breaking News, Digital Desk- (CP) दिल्ली का दिल, कनॉट प्लेस जिसे सीपी भी कहते हैं, एक जीवंत केंद्र है। यह दिल्ली वालों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय जगह है। सीपी खरीदारी, सामाजिक मेलजोल और स्वादिष्ट भोजन के लिए मशहूर है।
यहां हर बजट (Budget) और पसंद के लिए खरीदारी के विकल्प मौजूद हैं। चाहे आपको फैशन के कपड़े, पारंपरिक हस्तशिल्प या इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान चाहिए, सीपी में सब कुछ मिलता है। विदेशी पर्यटक भी इसे एक खास जगह मानते हैं, जहां जरूर जाना चाहिए।
ब्रिटिश सरकार ने 1929 में, दिल्ली के केंद्र में कनॉट प्लेस (Connaught Place in the center of Delhi) का निर्माण कराया था। इसका नाम ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न के नाम पर रखा गया था। कनॉट प्लेस को ब्रिटिश वास्तुकार रॉबर्ट टोर रसेल ने रॉयल क्रीसेंट और रोमन कोलोसियम की वास्तुकला से प्रेरित होकर डिजाइन किया था। यह स्थान दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
कौन है कनॉट प्लेस का ओनर?
दिलचस्प यह है कि कनॉट प्लेस केवल पांच साल में बनकर तैयार हुआ था। इसके स्वामित्व के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन, शिवम तिवारी नाम के एक Quora यूजर के अनुसार, कानूनी तौर पर भारत सरकार कनॉट प्लेस की मालिक है।
कितना है दुकानों का किराया?
भारत की आजादी से पहले पुरानी दिल्ली में किराये पर दी गई संपत्तियों का किराया पुराने दिल्ली रेंट कंट्रोल ऐक्ट (Old Delhi Rent Control Act) के कारण बहुत कम बढ़ा है, सिर्फ 10% सालाना। इस वजह से कुछ किरायेदार आज भी बहुत कम किराया देते हैं, जबकि स्टारबक्स और पिज्जा हट जैसे बड़े ब्रांड्स लाखों का किराया दे रहे हैं। इसी वजह से आज कनॉट प्लेस दुनिया के सबसे महंगे कमर्शियल इलाकों में से एक है।
कनॉट प्लेस नई दिल्ली (Connaught Place New Delhi) की जीवंतता और संस्कृति का प्रतीक है। यह एक ऐसा स्थान है जो शहर के इतिहास और वर्तमान को दर्शाता है। यह रॉयल माइल के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से यह एक है।
