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Dal Price Hike : दाल का रेट कम करने के लिए इन लोगों पर चलेगा सरकारी डंडा

हाल ही में आए एक अपडेट  के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि दाल की जमाखोरी करने वालों पर सरकार का डंडा चलेगा। सरकार की ओर से आए एक अपडेट के मुताबिक ये बताया गया है कि उनके पास इस बात का इनपुट है कि मसूर के स्टॉक को मेंटेन करने के लिए दाल का आयात किया गया है, लेकिन ये स्टॉक मार्केट में जारी नहीं हुआ है...

 
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HR Breaking News, Digital Desk- दालों की जमाखोरी करने वालों को लेकर सरकार सख्त हो चुकी है. दालों की होर्डिंग को रोकने के लिए सरकार ने मसूर का स्टॉक डिक्लेरेशन करने का आदेश दिया है. सरकार ने बुधवार को बताया कि उनके पास इस बात का इनपुट है कि मसूर के स्टॉक को मेंटेन करने के लिए दाल का आयात किया गया है, लेकिन ये स्टॉक मार्केट में जारी नहीं हुआ है. इस मामले में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मसूर का स्टॉक डिक्लेरेशन करने कहा है. इसके साथ ही राज्यों के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर स्टॉक डिस्क्लोजर की सघनता से जांच करने को कहा है. 

बताया गया है कि मूग के दाल को लेकर भी स्टॉक डिस्क्लोजर का आदेश जारी किया जा सकता है. इसके अलावा चने पर फिलहाल स्टॉक लिमिट लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि हालांकि चने और चीनी की कीमतों पर सरकार नजर बनाए हुए है. टमाटर के आधार पर ही महंगाई को काबू में रखने का मेगा प्लान तैयार किया गया है. 

सस्ते दरों पर दाल बेचेगी सरकार-

सरकार नैफेड और NCCF के जरिए मूंग और चना दाल की बिक्री करने वाली है. महंगाई को काबू में रखने के लिए अन्य कमोडिटी के लिए भी ऐसी ही योजना पर काम किया जा सकता है. नैफेड और NCCF के जरिए दाल और प्याज की बिक्री बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है. इसके अलावा ONDC पोर्टल के जरिए 20-25% कम कीमत पर ऑनलाइन बिक्री भी की जाएगी.

25 रुपये किलो प्याज बेचेगी सरकार-

उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताया कि आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार ₹25/kg की कीमत पर प्याज बेचेगी. देशभर में 1000 से ज्यादा वैन के जरिए रियायती प्याज की बिक्री होगी. इन सभी 1000 वैनों पर भारत चना दाल की भी बिक्री होगी. ₹60/kg की भारत चना दाल इनके जरिए ₹55/kg में उपलब्ध कराएगी.

मसूर पर रहेगा फोकस-

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने साप्ताहिक मूल्य समीक्षा बैठक के दौरान विभाग को मसूर की बफर खरीद को व्यापक बनाने का निर्देश दिया है. इसका उद्देश्य एमएसपी के आसपास कीमतों पर उपलब्ध भंडार की खरीद करना है. यह ऐसे समय में हुआ है, जब नेफेड और एनसीसीएफ को व्यवसायी समूहन के संकेतों के बीच कुछ आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त अत्यधिक ऊंची बोलियों के कारण आयातित दाल खरीदने के लिए अपनी निविदाएं निलंबित करनी पड़ी हैं.

फेस्टिव सीजन में नहीं होगी दालों की कमी-

उपभोक्ता कार्य सचिव ने कहा कि ऐसे समय में जब कनाडा से मसूर का आयात और अफ्रीकी देशों से तुअर का आयात बढ़ रहा है, कुछ महत्वपूर्ण कंपनियां उपभोक्ताओं और राष्ट्र के हितों के खिलाफ बाजार में हेरफेर करने की कोशिश कर रही हैं. सरकार घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है और स्टॉक को बाजार में उतारने के लिए कड़े कदम उठाएगी ताकि त्योहारी सीजन में उचित कीमतों पर सभी दालों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.

उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के साथ किसानों के हितों को विवेकपूर्ण ढंग से संतुलित करना सर्वोपरि है और विभाग बेईमानी से भारतीय उपभोक्ताओं और किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने में संकोच नहीं करेगा.