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Delhi NCR Property Rates : यहां जमीन बन जाएगी सोना, मेट्रो ने बनाया मास्टर प्लान

Delhi NCR Property Rates :वैसे तो देश भर में प्रोपर्टी और जमीनों के रेट पहले से ही आसमान छू रहे हैं, लेकिन अब जल्द में ही दिल्ली मेट्रो ने लोगों की सुविधाओं के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिससे अब यहां पर जमीनों के रेटों (rates of land)में इजाफा हो जाएगा। इस मास्टर प्लान के बाद अब ये इलाका गुरुग्राम को टक्कर दे सकता है। आइए जानते हैं मेट्रो के इस मास्टर प्लान के बारे में।

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Delhi NCR Property Rates : यहां जमीन बन जाएगी सोना, मेट्राे ने बनाया मास्टर प्लान

HR Breaking News (Property Rates) सरकार की ओर से आम आदमी की सुविधाओं के लिए नए-नए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। अब दिल्ली से हरियाणा के लिए रोज कामकाज के लिए जान वालो का सफर अब आसान हो जाएगा। 

 

 

इसके चलते अब जमीनों (Real Estate Sector) में कीमतों आसमान छू सकती है। दरअसल, हाल ही में मेट्रो ने मास्टर प्लान बनाया है, जिससे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होने जा रहा है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं मैट्रो के इस मास्टर प्लान के बारे में।

जानिए क्या है मेट्रो शहर का ये मास्टर प्लान
 

मेट्रो की ओर से नया प्लान तैयार किया गया है। इस मास्टर प्लान के तहत दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro)की येलो लाइन को समयपुर बादली से सोनीपत तक विस्तारित करने को मंजूरी मिल चुकी है, जिससे सोनीपत अब दिल्ली के मुख्य परिवहन नेटवर्क (Transportation Network) से जुड़ जाएगा।

अब पिछले कुछ समय में सोनीपत एनसीआर का तेजी से विकसित हो रहा शहर बन गया है। बता दें कि  दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर काम शुरू करने वाला है, जिससे क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो  इलाका गुरुग्राम को टक्कर दे सकता है। 

क्या है इस मास्टर प्लान का मकसद
 

शुरुआती समय में सोनीपत (Sonipat Real Estate)का इतना विकास नहीं हुआ था, लेकिन अब दिल्ली के बाहर का एक सामान्य कस्बे के नाम से फेमस सोनीपत अब तेजी से विकसित शहरों में आ गया है।

मेट्रो का विस्तार परिवहन में सुधार के साथ ही शहर का विकास दिल्ली से बाहर की ओर लग जाना भी है। मेट्रो के मास्टर प्लान का मकसद दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों और हरियाणा बढ़ते क्षेत्रों को आपस में जोड़कर, राजधानी के उत्तर में नए आर्थिक विकास क्षेत्र की नींव को बढ़ाना है।

किन चीजों की बढ़ेंगी सुविधाएं
 

आपको बता दें कि सोनीपत तो पहले से ही कुंडली-मानेसर-पलवल (Kundli-Manesar-Palwal) एक्सप्रेसवे और तैयार किए जा रहे रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (Rapid Rail Transit System) के जरिए पहले से जुड़ाव में है। अब अगर यह मेट्रो नेटवर्क से जुड़ता है तो यहां एक मल्टी-मोडल ट्रांजिट हब तैयार होग।

अगर ये हब तैयार हो जाता है तो इससे लोगों को रहने की सुविधा मिल सकेगी। इसके साथ ही निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी और इतना ही नहीं यह शहर (Indian real estate) युवा घर खरीदारों, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और उद्योग लगाने वालों के लिए भी बेहतर बनेगा।


रिठाला से नाथूपुर तक 21 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित
 

सरकार के इस मास्टर प्लान (Delhi Metro Master Plan) के बाद रिठाला से नाथूपुर तक 26.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर में 21 स्टेशन प्रस्थापित हैं, जो रोहिणी और बवाना जैसे कई आवासीय क्षेत्रों को नरेला और कुंडली जैसे औद्योगिक हब से जोड़े जाने हैं।

अगर ऐसा होता है तो काम करने वालों की आवाजाही और भी आसान हो जाएगी, इससे पूरे  इलाके में तेजी से विकास और बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगी और तेजी से शहर का विस्तार होगा।

कैसे आसान होगी दिल्ली तक पहुंच
 

अगर मेट्रो शहरों का विस्तार होता है तो इससे सभी क्षेत्रों में रियल एस्टेट गतिविधियों का विस्तार होगा। मेट्रो शहर के विस्तार के बाद दिल्ली-सोनीपत मेट्रो (Delhi-Sonipat Metro)विस्तार से रियल एस्टेट गतिविधि में उछाल आ सकता है।

अगर विस्तार होता है तो इससे आवासीय मांग में बढ़ौतरी होगी और खासतौर पर यह बढ़ौतरी मध्यम आय और किफायती आवास के क्षेत्रों में होगी जिससे अब दिल्ली (Delhi Real Estate)तक पहुंच आसान हो जाएगी।  


रियल एस्टेट की कीमतों में आ सकता है उछाल
 

मेट्रो शहर का विस्तार होने के बाद आगामी मेट्रो स्टेशनों के पास लोग जमीन खरीदने की ओर अट्रेक्ट होंगे, खासकर लोगों का ध्यान प्लॉटेड डेवलपमेंट और गेटेड कम्युनिटीज की ओर बढ़ेगा। मेट्रो के विस्तार से रियल एस्टेट (Real Estate News)के अनुमानित और वास्तविक मूल्य दोनों में इजाफा होगा, जिसके चलते मध्यम अवधि में कीमतों में बढ़ौतरी होगी।

इसके विस्तार से कॉमर्शियल फिक्स्ड एसेट, जैसे कि रिटेल, वेयरहाउसिंग और को-वर्किंग स्पेस, आदि को भी फायदा पहुंचेगा। खासकर उन क्षेत्रों में जहां मेट्रो और ट्रांजिट जैसी सुविधाएं ज्यादा हों।

डेवलपर्स की ओर से अब नए प्रोजेक्ट्स तेजी से लॉन्च (New Projects Launch)किए जाएंगे और इतना ही नहीं मौजूदा प्रोजेक्ट्स बेहतर कनेक्टिविटी के चलते और भी अट्रेक्ट किए जाएंगे।


 

आर्थिक गतिशीलता का केंद्र बना सोनीपत
 

उद्योग जगत के एक्सपर्ट सोनीपत (Sonipat Real Estate)को शहरी विकास के नए जरूरी मोड़ के रूप में देखते हैं, नियोलिव के संस्थापक और सीईओ मोहित मल्होत्रा का कहना है कि सोनीपत जैसे नए दौर के शहर इन फ्यूचर आर्थिक गतिशीलता के केंद्र बन सकते हैं। इन शहरों की ओर लोग इसिलए अट्रेक्ट हो रहे हैं, क्योंकि ये शहर लोगों की सस्ती कीमतों, सुलभता और लाइफस्टाइल जैसी सुविधाओं के लिए बेहतरीन है।

इन शहरो में लोगों के रहने के नए आरामदायक घर मिलते हैं, लेकिन जैसे-जैसे लोगों की रहने की प्राथमिकताएं बदलती हैं उससे ही सरकारी पहल जमीनी स्तर पर मजबूती मिलती हैं। ये नया मेट्रो शहर निवेशकों, घर मालिकों और बिजनेस को अपनी ओर अट्रेक्ट करेंगे।

अन्य शहरों के मुकाबले कम है कीमतें 
 

हालांकि अभी भी बड़े शहरों के मुकाबले गुरुग्राम या नोएडा(Gurgaon or Noida land rate) जैसे शहरों से सोनीपत में अचल संपत्ति की कीमतें बेहद कम हैं। इन कम कीमतों के चलते घर खरीदने वालों, मध्यम आय वाले परिवारों और नए व्यापारियों के लिए यहां घर लेना सही होगा।

इस विस्तार से जैसे-जैसे यात्रा का समय घटेगा और इससे आवाजाही आसान होगी। गुरुग्राम की तरह ही सोनीपत (Sonipat Housing Rate) भी तेजी से विकसित शहरों में शामिल हो गया है, खासकर मध्य-आय और किराए के आवास क्षेत्रों में विकसित हो रहा है।

रियल एस्टेट बाजार का खिलाड़ी बनेगा सोनीपत


एक्सपर्ट का कहना है कि सोनीपत (Sonipat property Rate)जैसे टियर-2 शहरों में संगठित रियल एस्टेट बाजार काफी उभर रहा है, जिससे शहर में बढ़ौतरी की विकास की संभावनाएं पैदा हुई हैं।

समय के साथ-साथ घर खरीदने वालें यहां के बड़े घरों की ओर अट्रेक्ट हो रहे हैं, जो हरे-भरे वातावरण में मौजुद है और भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में एकदम कंर्फटेबल हैं। इससे आगामी दिनों में रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम एनसीआर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा  मिलेगा, जिससे सोनीपत की कंडिशन रियल एस्टेट बाजार में एक मजबूती मिलेगी।

रणनीतिक औद्योगिक केंद्र बन उभरा सोनीपत
 

सोनीपत दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (Delhi-Mumbai Industrial Corridor) के तहत एक रणनीतिक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग जोन और निर्यात-आधारित औद्योगिक क्लस्टरों का विकास हो रहा है। इन परियोजनाओं से श्रमिक आवास, सह-रहने के स्थान और कमर्शियल रियल एस्टेट की मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को और भी गति मिलेगी।
 

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