Gold Rate : सोने की कीमत धड़ाम, 10 ग्राम सोने के रेट में 12 हजार से ज्यादा की गिरवाट
Gold Rate : सोने के दामों में उठापटक चल रही है। सोना कभी इधर जा रहा है तो कभी उधर। सोने के दाम में उतार चढ़ाव लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। सोना एक कीमती धातु है, जिसके दाम रोजाना ही गिरते बढ़ते रहते हैं। आइए जानते हैं आगे सोने के दाम क्या रहेंगे।
HR Breaking News (Gold Rate) सोने के दाम इस साल ऐतिहासिक तेजी के बाद ऐतिहासिक गिरावट के दौर से भी गुजरे हैं। 22 अप्रैल को सोना अपने रिकॉर्ड स्तर पर था। सोने के दाम प्रति 10 ग्राम सर्राफा बाजार में 1 लाख को क्रॉस कर गए थे। वहीं, एमसीएक्स पर भी इस दिन सोना 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था।
तेजी के बाद आई तगड़ी गिरावट
सोने के दामों में तेजी के बाद तगड़ी गिरावट भी आई है। सोना (Gold Rate) प्रति 10 ग्राम एक लाख से 23 अप्रैल को गिरना शुरू हो गया था और गिरकर काफी नीचे आ गया था। सोने के दाम एमसीएक्स पर 15 मई को 90890 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गए थे।
फिर से शुरू हुई सोने में तेजी
सोने में पिछले कुछ समय से काफी शानदार तेजी देखने को मिल रही है। बुधवार (4 जून 2025) को भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत (Gold Rate) 99,170 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोने की कीमत 90,900 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोने की कीमत 74,380 प्रति 10 ग्राम है।
अब सोने के दाम धड़ाम, 12000 की गिरावट
अब सोने के दामों में तगड़ी कटौती होगी। सोने के दाम अगले दो महीने में धड़ाम हो जाएंगे। क्वांट म्यूचुअल फंड की ओर से एक पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसके अनुसार सोने की कीमतें फिल्हाल चरम पर होने की संभावना है। दो महीनों में सोने में तगड़ी गिरावट दर्ज की जाएगी।
फंड के मुताबिक सोने की कीमत अगले दो महीने में डॉलर के मुकाबले 12 से 15 फीसदी गिर जाएगी। वहीं, इसी को भारतीय मुद्रा के लिहाज से देखें तो सोना 12 से 15 प्रतिशत सस्ता होने में 12 हजार से भी ज्यादा सस्ता (Gold Rate) हो सकता है।
लोंग टर्म के लिए करें सोने में निवेश
वहीं, क्वांट म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट और आई है, जिसके अनुसार सोना लंबे समय में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। जून में कच्चे तेल के लिए आमतौर पर अच्छा सिस्टम रहता है। कच्चे तेल के दाम शायद न गिरें। कच्चे तेल की कीमतें 10-12 फीसदी तक बढ़ सकती है।
ग्लोबल इक्विटी में हो रहा सुधार
मीडिया रिपोर्ट्स में फंड के हवाले से कहा गया है कि ग्लोबल इक्विटी में सुधार हो रहा है। परंतु, अभी भी ग्लोबल इक्विटी कमजोर है। ग्लोबल इक्विटी के लिए अगले कुछ महीने परेशानी वाले रह सकते हैं। हालांकि, ग्लोबल इक्विटी अभी मंदी के दौर में नहीं है। ग्लोबल इक्विटी स्थिर दौर में है।
इन क्षेत्रों में हैं खरीदारी के मौके
वहीं, फंड के मुताबिक देश में इक्विटी में सुधार का दौर खत्म होने वाला है। कई सेक्टरों में खरीद के मौके हैं। होटल और हॉस्पिटैलिटी, फार्मास्युटिकल्स, पीएसयू, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैटेरियल्स, रिटेल और टेलीकॉम में खरीद हो सकती है। बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इसी कारण निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
