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Gold Rate : फिर सोने के दाम धड़ाम, 56 हजार पर आ जाएगा गोल्ड रेट, एक्सपर्ट ने कही बड़ी बात

Gold Rate :इस सोने के भाव में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। तीसरे दिन सोने के भाव नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। इस साल में सोना 16 से 17% तक महंगा हुआ वही पिछले कुछ दिनों से सोने के दाम (gold rate) में भारी गिरावट देखने को भी आई है। सोने के दाम गिरने से निवेशकों में चिंता पैदा हुई है। 

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Gold Rate : फिर सोने के दाम धड़ाम, 56 हजार पर आ जाएगा गोल्ड रेट, एक्सपर्ट ने कही बड़ी बात

HR Breaking News (Gold rate) लगातार बढ़ रहे सोने के दाम एक बार फिर से धड़ाम हो गए हैं। 18, 22, 24 कैरेट सोने के दाम घटे हैं। सोने के दाम गिरने के पीछे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही कारण है। वहीं कुछ ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि सोना फिर से अपनी औकात पर आ जाएगा। 

 

 

क्यों बढ़ रहे थे सोने के दाम 
 

सोने के दाम बढ़ने के पीछे सबसे पहले तो अंतरराष्ट्रीय वजह थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से टैरिफ लगाने की बात कही तब से ही अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में शेयर गिरने शुरू हो गए।

ऐसे में लोगों को सुरक्षित निवेश के रूप में सोना दिखाई दिया और सोने में जमकर निवेश किया। इस वजह से सोने की मांग बढ़ गई और सोने के रेट (gold rate) आसमान छूने लगे।

देश में दाम बढ़ने की पीछे यह भी वजह


वहीं सोने के दाम बढ़ने का दूसरा कारण यह है कि देश में शादियों का सीजन भी चल रहा था और इस वजह से भी सोने (gold rate) की मांग बढ़ी हुई थी। सोने की मांग बढ़ने से बाजार में हलचल मच गई। इससे सोने के दाम बढ़ गए थे।

अब सस्ता हुआ सोना
 

बिकवाली के कारण सोना सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में 1,500 रुपये टूटकर 91,400 रुपये तोला पर आ गया। शुक्रवार को 99.9 शुद्धता वाला सोना 1,300 रुपये टूटकर 92,900 रुपये तोला पर आ गया है। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना (Gold Rate) 1,550 रुपये गिरकर 91,000 रुपये तोला पर आ गया है। 


सोने के दाम गिरने की वजह 
 

वहीं दूसरी तरफ अब सोने के दामों में काफी दिन से गिरावट देखने को मिल रही है। इस गिरावट के पीछे की वजह भी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों हैं। अंतरराष्ट्रीय तौर पर देखे तो ट्रंप सरकार के टैरिफ लगाने के बाद चीन ने भी वापस टैरिफ लगा दिया।

इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार पर काफी प्रभाव पड़ा, जिस वजह से जिन्होंने सोने में निवेश किया था उन्होंने मुनाफा वसूलना शुरू कर दिया और सोना बेचना शुरू कर दिया, इससे सोने (gold rate) के दाम गिर गए। 

खरमास के चलते भी कम हुई कीमत


वहीं भारत में फिलहाल खरमास चल रहा है जिस वजह से मांगलिक कार्य के ऊपर रोक है इसी कारण देश में सोने की डिमांड काम है तो सोने के दाम गिर रहे हैं। 


आगे और गिर सकते हैं दाम 
 

हाल ही में विशेषज्ञ जॉन मिल्स ने दावा किया है कि सोने (gold rate) के दाम 38% तक कुछ साल में ही गिर सकते हैं। उन्होंने इसके पीछे वजह बताइ कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की डिमांड कम हुई और सप्लाई ज्यादा है। इस वजह से सोने के दाम आगे चलकर कम होंगे।

सोने (gold rate) के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1800 डॉलर प्रति औंस तक जा सकते हैं। ऐसे में देश में ये दाम 56 हजार रुपये तोला के आसपास रह जाएंगे। वहीं, कुछ विशेषज्ञों के अनुसार सोने में गिरावट सीमित समय के लिए आगे यह मुनाफा ही देगा। 


सप्लाई में आई तेजी


सोने की मांग बढ़ी तो सोने का उत्पादन काफी बढ़ गया है। 2024 में दूसरी तिमाही में सोने के खनन से होने वाला मुनाफा 950 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा है। सोने (Gold Rate Down) का वैश्विक भंडार 2,16,265 टन हो गया है। यह भी 9% बढ़ा है। रिसाइकिल गोल्ड की सप्लाई भी बढ़ी है। 

कम हो गई सोने की मांग


जहां दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से 1,045 टन सोना खरीदा गया था। अब यह खरीदारी धीमी हो गई है। वहीं, अगले साल के लिए ज्यादातर बैंक या तो भंडारण कम करने या फिर स्थिर रखने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में सोने (Gold Rate Down)की डिमांड कम होने से सोने के दाम भी गिरेंगे। 

बढ़ भी सकते हैं दाम


जहां, सोने की कीमतों में गिरावट का अनुमान है, वहीं, इनके इतर कईं निवेशकों का दावा है कि सोने के दामों में बढ़ौतरी होगी। बोफा और सॉक्‍स जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थानों का मानना है कि सोने (Gold Rate Hike) की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। यह 3500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। 
 

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