Gold Rate : सोना एक लाख को क्रोस करेगा या 43 प्रतिशत दाम होंगे कम, एक्सपर्ट ने कर दिया खुलासा
Gold Rate :सोने के दामों में उतार चढ़ाव जारी है। सोना लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कुछ दिन कमी आने के बाद फिर से सोने के दाम रॉकेट की रफ्तार से दौड़े लेकिन सवाल उठ रहा है कि ये दाम कब तक दौड़ेंगे। क्या सोना (Gold Rate) फिर नया रिकॉर्ड बनाएगा या फिर लुढ़ककर नीचे आ जाएगा।

HR Breaking News (Gold Rate) सोने के दाम पिछले काफी समय से जबरदस्त उतार-चढ़ाव के साथ कम ज्यादा हो रहे हैं। सोने के दाम कम ज्यादा होने का कारण वैश्विक अस्थिरता और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर जैसे हालाता हैं।
यूएसए की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है। सवाल उठता है कि इसका प्रभाव कितने दिन तक रहेगा। आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय-
सोने को माना जा रहा सुरक्षित विकल्प
निवेशकों ने बाजार में अनिश्चितता के चलते सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना है। इक्विटी जैसे अन्य एसेट्स में अस्थिरता है। बाजार में अस्थिरता के चलते निवेशकों ने इक्विटी से पैसा निकालकर सोने (Gold Rate) में लगा दिया है। परंतु सवाल है कि सोना कब तक बढ़ेगा।
एक्सपर्ट दे रहे अलग अलग राय
सोने पर एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है। कुछ का मानना है कि 2025 के आखिर तक गोल्ड का रेट एक लाख को पार कर जाएगा तो कुछ एक्सपर्ट का सोने (Gold Rate) की कीमत 43 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान लगा रहे हैं। आइए जानते हैं सोने के दामों में बढ़ौतरी और कम होने के क्या कारण रह सकते हैं।
एक तोला सोना होगा एक लाख पार
एक्सपर्ट रायन मैकइंटायर के अनुसार मजबूत केंद्रीय बैंक खरीदारी और भू-राजनीतिक एवं आर्थिक अनिश्चितता के चलते सोना बढ़ रहा है। वहीं ट्रंप की टैरिफ नीति भी सोने की कीमतों को समर्थन दे रही है।
वहीं, कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कोलिन शाह ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि फेडरल रिजर्व की ओर से इस वर्ष ब्याज दरों में दो बार कटौती की जा सकती है। ऐसे में सोना (Gold Rate) एक लाख पार चला जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
वहीं, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस से किशोर नार्ने ने भी कहा है कि सोने की कीमतों की कोई सीमा नहीं है। सोना (Gold Rate) 4000 से 4500 डॉलर प्रति औंस पर जा सकता है। सोने के दाम जितने आप सोच रहे हैं वो पहुंच ही जाएंगे।
नहीं जाएंगे एक लाख के पार
वहीं एबन्स फाइनेंशियल सर्विस के सीईओ चिंतन मेहता का मानना अलग है। उनके अनुसार फिलहाल सोने में तेजी किसी नई शुरुआत की बजाय मौजूदा ट्रेंड का विस्तार है। सोने को लेकर अधिकतर पॉजिटिव फैक्टर पहले ही बाजार में आ चुके हैं। सोने के दाम बढ़ने का कोई नया कारण नहीं है तो एक लाख जाने की उम्मीद ठीक नहीं है।
ट्रेड वॉर और मंदी का डर भी सता रहा
सोने के दाम अभी ज्यादा बढ़ने को लेकर एक कारण तो ट्रेड वॉर ही है। वहीं, दूसरी और निवेशकों की चिंता है कि आर्थिक मंदी आ सकती है जिससे महंगाई बढ़ने से सोने की कीमत और ज्यादा बढ़ सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर लगातार टैरिफ बढ़ा रहे हैं। चीन भी जवाब में टैरिफ बढ़ाए जा रहा है। इस वैश्विक अस्थिरता के चलते केंद्रीय बैंक सोना (Gold Rate) जमा कर रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए सोना सेफ हेवन है।
गोल्डमैन के अनुसार सोना 2025 के आखिर तक 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। वहीं, फिलहा सोना 3,198 प्रति औंस है। ऐसे में सोने का दाम करीब 25% तक बढ़ सकता है। इस बढ़ौतरी को देश में मौजूदा स्तर को देखें तो यह 95,660 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 1,19,575 रुपये प्रति 10 ग्राम तक हो सकता है।
सोने के दाम गिरने का भी अनुमान
वहीं, मार्केट स्ट्रैटजिस्ट जॉन मिल्स ने अनुमान लगाया है कि सोना 1,820 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकता है। फिलहाल सोना 3,198 डॉलर प्रति औंस से करीब 43% तक की गिर सकता है। ऐसे में दाम 95,660 रुपये से गिरकर 54,526 प्रति 10 ग्राम तक आएगा।