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Gold Rate : सोना जाएगा एक लाख पार या हो जाएगा 55 हजार, एक्सपर्ट ने कर दिया खुलासा

Gold Rate : साल 2025 के जनवरी महीने से ही सोने की कीमतों में उठक पटक देखने को मिल रही है। जनवरी में 75 हजार रुपये प्रति तोले मिलने वाला सोना एक लाख रुपये के करीब जा पहुंचा है। इस साल में सोने ने निवेशकों को लगभग 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। अब हाल ही एक्सपर्ट ने नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बताया है कि आगमी दिनों में सोने का भाव कितना होगा। आईये नीचे खबर में जानते हैं - 
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Gold Rate : सोना जाएगा एक लाख पार या हो जाएगा 55 हजार, एक्सपर्ट ने कर दिया खुलासा

HR Breaking News : (Gold Rate) सोने की कीमतों में पिछले चार महीनों से रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। सोने के भाव में बढ़ौतरी होने का सबसे बड़ा कारण वैश्विक अस्थिरता और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर जैसे हालात है। 
यूएसए की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है, जिसकी वजह से सोने की कीमतों को स्पॉट मिल रहा है। वहीं, अब फिलहाल सोने के दाम पर नजर डालें तो 23 अप्रैल को सोने ने 1 लाख रुपये प्रति दस ग्राम के हाई लेवल को टच किया था, जिसके बाद से सोने में गिरावट देखने को मिल रही है। 


अब सवाल यह उठता है कि आने वाले दिनों में सोना सस्ता होगा या फिर महंगा? इसपर एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट पेश की है आईये जानते है। 

 


 
सोने को माना जा रहा सुरक्षित विकल्प


जब से बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है निवेश सोने का सुरक्षित निवेश का विकल्प मान रहे हैं। इक्विटी जैसे अन्य एसेट्स में अस्थिरता है। बाजार में अस्थिरता के चलते निवेशकों ने इक्विटी से पैसा निकालकर सोने (Gold Rate) में लगा दिया है। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि आगमी दिनों में सोना महंगा होगा या सस्ता। 

 

 

एक्सपर्ट ने दी रिपोर्ट - 

 

सोने की कीमतों को लेकर एकस्पर्ट की अलग अलग राय है  कुछ का मानना है कि 2025 के दिसंबर महीने तक गोल्ड का रेट 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच जाएगा तो कुछ एक्सपर्ट का सोने (Gold Rate) की कीमत 43 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान लगा रहे हैं। आइए जानते हैं सोने के दामों में बढ़ौतरी और कम होने के क्या कारण रह सकते हैं। 
 

 


1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम होगा सोना - 

 

एक्सपर्ट रायन मैकइंटायर के अनुसार मजबूत केंद्रीय बैंक खरीदारी और भू-राजनीतिक एवं आर्थिक अनिश्चितता के चलते सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। वहीं ट्रंप की टैरिफ नीति भी सोने की कीमतों को समर्थन दे रही है।


वहीं, कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कोलिन शाह ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि फेडरल रिजर्व की ओर से इस साल ब्याज दरों में दो बार कटौती की जाने की संभावना है। ऐसे में सोना (Gold Rate)1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के  पार जा सकता है। 

 

वहीं, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस से किशोर नार्ने ने भी कहा है कि सोने की कीमतों की कोई सीमा नहीं है। सोना (Gold Rate) 4000 से 4500 डॉलर प्रति औंस पर जा सकता है। सोने के दाम जितने आप सोच रहे हैं वो पहुंच ही जाएंगे। 

 

 

1 लाख रुपये तोला नहीं होगा सोना - 

 

वहीं एबन्स फाइनेंशियल सर्विस के सीईओ चिंतन मेहता का मानना अलग है। उनके मुताबिक फिलहाल सोने में तेजी किसी नई शुरुआत की बजाय मौजूदा ट्रेंड का विस्तार है। सोने को लेकर अधिकतर पॉजिटिव फैक्टर पहले ही बाजार में आ चुके हैं। सोने के दाम बढ़ने का कोई नया कारण नहीं है तो एक लाख जाने की संभावना ठीक नहीं है।  

ट्रेड वॉर और मंदी का डर भी सता रहा

सोने के दाम अभी ज्यादा बढ़ने को लेकर एक कारण तो ट्रेड वॉर ही है। वहीं, दूसरी और निवेशकों की चिंता है कि आर्थिक मंदी आ सकती है जिससे महंगाई बढ़ने से सोने की कीमत और ज्यादा बढ़ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर लगातार टैरिफ बढ़ा रहे हैं। चीन भी जवाब में टैरिफ बढ़ाए जा रहा है। इस वैश्विक अस्थिरता के चलते केंद्रीय बैंक सोना (Gold Rate) जमा कर रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए सोना सेफ हेवन है। 

गोल्डमैन के मुताबिक सोना 2025 के आखिर तक 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। वहीं, फिलहा सोना 3,198 प्रति औंस है। ऐसे में सोने का दाम करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इस वृद्धि को देश में मौजूदा स्तर को देखें तो यह 95,660 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 1,19,575 रुपये प्रति 10 ग्राम तक हो सकता है।

गिर सकता है सोने का भाव 

वहीं, मार्केट स्ट्रैटजिस्ट जॉन मिल्स का अनुमान है कि सोना 1,820 डॉलर प्रति औंस तक सस्ता हो सकता है। फिलहाल सोना 3,198 डॉलर प्रति औंस से लगभग 43 प्रतिशत तक की गिर सकता है। अगर ऐसा होता है भारतीय करंसी में सोने का भाव  95,660 रुपये से घटकर 54,526 प्रति 10 ग्राम तक आएगा।


हालांकि इस वक्त सोने की कीमतों का रुझान बुलिश यानी तेजी वाला है। लेकिन मिल्स और दूसरे विश्लेषकों का मानना है कि सप्लाई में बढ़ोतरी, मांग में गिरावट, और बाजार में सैचुरेशन जैसे कई कारण सोने की कीमतों में तेज गिरावट ला सकते हैं।