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Gold Silver Price : सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों पर सरकार ने दिया जवाब, कही ये बात

Gold Silver Price :इस साल सोने की कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिस प्रकार से सोना आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है, लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि इसके पिछे की वजह क्या है। क्या सरकार सोने के दामों पर काबू पा सकती है। आइए जानते हैं सरकार ने क्या बात कही है। 
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Gold Silver Price : सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों पर सरकार ने दिया जवाब, कही ये बात

HR Breaking News (Gold and Silver Price) सोने और चांदी की कीमतों में इस साल बेहिसाब बढ़ौतरी हुई है। बढ़ौतरी का ग्राफ अब भी जारी है। सोने के दाम साल के अंत तक बढ़ौतरी के पथ पर रह सकते हैं। वहीं चांदी भी पीछे नहीं है। सोने और चांदी में बढ़ौतरी की वजह भी सामने आ गई है। वहीं, इसपर सरकार ने भी अपना जवाब दे दिया है। 

 


क्या कारण करते हैं सोने को प्रभावित


सोने को कई कारक प्रभावित करते हैं। सोने की कीमतों में बढ़ौतरी का ग्राफ (Gold rate graph) जिस प्रकार से चल रहा है, इसमें आज के समय में निवेशकों की सोने में रूचि होना ज्यादा प्रमुख कारण  है। भू राजनीतिक तनाव भी सोने को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। इसके अलावा इसकी डिमांड ज्यादा होने पर कीमतें बाजार के डिमांड एंड सप्लाई के फॉर्मूले के मुताबिक भी बढ़ जाती है। 

 


किस पर पड़ता है कीमतें बढ़ने का असर


सोने और चांदी की कीमतें बढ़ने (Gold Price Rise) का असर सीधे तौर पर आम लोगों पर पड़ता है। भारत में ज्यादातर परंपरा का गहना मानते हुए लोग सोना चांदी खरीदते हैं। यह एक प्रकार से अनिवार्य रूप से खरीदा जाता है। ऐसे में सोना खरीदते हुए बढ़े हुए दाम लोगों को सीधा प्रभावित कर रहे हैं। यहीं कारण है कि लोगों के मन में सरकार के प्रति भी बढ़ती कीमतों का सवाल उठता है। इसपर केंद्र सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज  चौधरी ने जवाब दिया है। हालांकि देश में सोने का भंडारण है तो घरेलु संपत्ति के लिहाज से दाम बढ़ना सकारात्मक भी है। 

क्या कहती है सरकार 


सरकार की तरफ से सोने की कीमतें बढ़ने (Gold Rate Hike) पर बताया गया है इंटरनेशनल लेवल पर राजनीतिक तनाव के कारण सोने की कीमतें प्रभावित होती हैं। दूसरी तरफ सुरक्षित निवेश के कारण मांग बढ़ना, सोने की कीमतें बढ़ने का कारण है। लोकसभा में यह सवाल पूछा गया था, जिसपर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की ओर से जवाब दिया गया है।  


सरकारें तय नहीं करती हैं सोने की कीमत


सोने व चांदी की कीमत (Gold and Silver Price) सरकारों की तरफ से तय की जाती है। इंटरनेशनल लेवल पर घरेलु बाजार की कीमतें प्रभावित होती है। सरकार की तरफ से इसमें कोई रोल नहीं निभाया जाता। सोने और चांदी (Gold and Silver) की कीमतें बढ़ने में डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर भी इंपोर्टेंट रोल अदा करती है। 

 


जानें आरबीआई के पास कितना सोना


मंत्री की ओर से बताया गया है कि आरबीआई (RBI Gold Storage) के पास 31 मार्च 2025 तक लगभग 879.58 मीट्रिक टन सोना था। उनका कहना है कि सोना बेहद महत्वपूर्ण है। सोने से एक ओर जहां रुपये को मजबूती मिलती है वहीं, दूसरी ओर इससे देश की कुल बाहरी आर्थिक स्थिरता पर भी लोगों का विश्वास बढ़ता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सोना हर पहलू से बेहद महत्वपूर्ण है। 

वहीं, सरकार की ओर से घरों में रखे पुराने सोने को मौजूदा अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही है। वहीं, सरकार की कोशिश है कि देश में फिजिकल सोने (Physical Gold) की मांग भी कम हो सके। सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं में गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम कुछ प्रमुख योजनाएं हैं। सरकार का मानना है कि इन सब तरीकों के चलते आयात पर हमारी निर्भरता में गिरावट आएगी और इससे निवेशकों को भी और ज्यादा बढ़िया विकल्प मिल पाएंगे।