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Gold vs Black Money : काले धन से लोग कैसे खरीद रहे सोना, एक्‍सपर्ट ने बनाए नियम और कहां है लूपहोल

इस बात में कोई दौराय नहीं है कि सरकार ने काले धन को बाहर निकालने के लिए 2016 में नोटबंदी की थी। लेकिन उसके बाद भी देश में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास कालाधन है। अब सवाल उठता है कि क्या काले धन से सोना (Gold vs Black Money ) खरीद सकते हैं। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट- 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। कालेधन (Black money) पर देश में चर्चा तो खूब हुई और इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने भी कई नियम व कानून बनाए। लेकिन, सच्‍चाई ये है कि आज भी देश में कालेधन का इस्‍तेमाल लोग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या कोई कालेधन का इस्‍तेमाल कर सोना खरीद सकता है और खरीदने के बाद पकड़े जाने पर क्‍या होगा। इस बारे में एक्‍सपर्ट से पूछा तो उन्‍होंने उन लूपहोल के बारे में बताया जिसका फायदा उठाकर लोग कालेधन से गोल्‍ड या सिल्‍वर खरीदते हैं। साथ ही यह भी बताया कि कालेधन और गोल्‍ड की खरीद को लेकर वास्‍तव में नियम क्‍या हैं।

दिल्‍ली कूंचा महाजनी और ऑल बु‍लियन एंड ज्‍वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल का कहना है कि कालेधन का इस्‍तेमाल अमूमन गोल्‍ड खरीदने के लिए कैश में ही किया जाता है। वहीं, कैश में गोल्‍ड खरीदने को लेकर इनकम टैक्‍स विभाग बाकायदा नियम बना रखे हैं। 
इनकम टैक्‍स एक्‍ट की धारा 114B में साफ कहा गया है कि कैश में गोल्‍ड खरीदने पर 2 लाख तक की रकम पर तो कोई नियम लागू नहीं होगा, लेकिन इससे ज्‍यादा रकम खर्च करने पर पैन लगाना पड़ेगा। खरीदार के लिए जहां पैन देना जरूरी है, वहीं दुकानदार को 2 लाख से ज्‍यादा की रकम का ब्‍योरा देना पड़ता है।

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फिर क्‍यों नहीं लग पाती रोक


योगेश सिंघल ने कहा, सरकार ने 2 लाख कैश का जो कैप लगाया है, वह गोल्‍ड खरीदने में कालेधन के इस्‍तेमाल पर अंकुश लगाने में कारगर नहीं है। एक आदमी चाहे तो 100 जगहों से 2-2 लाख का जेवर खरीदकर अपने 2 करोड़ के कालेधन को आसानी से खपा सकता है। इसमें न तो उसे अपनी कोई डिटेल देने की जरूरत पड़ती है और न ही इसका कोई रिकॉर्ड होता है। मजे की बात ये है कि ज्‍वैलर्स की ओर से आपको बाकायदा खरीद की पर्ची मिल जाएगी, जिस पर आपने जीएसटी चुकाया है और इस तरह आपका कालाधन आसानी से सफेद हो जाएगा।


ये तरीका भी अपनाते हैं लोग


उन्‍होंने बताया कि बाजार में आज भी दो तरह का सोना आता है। एक आयात होकर जो सरकारी रूट है और बाकायदा लिखापढ़ी होकर आता है। दूसरा, स्‍मगलिंग होकर आता है, जो चोरी-छुपे भारतीय बाजार में पहुंचता है। कालेधन से बड़ी मात्रा में गोल्‍ड खरीदने वालों को यही स्‍मगल किया हुआ सोना बेचा जाता है। जाहिर है न तो सोने का कोई रिकॉर्ड है और न ही उस पैसे का। इस तरह दो बिना रिकॉर्ड की गई चीजों की खरीद-फरोख्‍त भी बिना किसी लिखापढ़ी के हो जाती है।


रोकने का क्‍या है तरीका


योगेश सिंघल कहते हैं कि कालेधन पर अंकुश लगाने का सबसे कारगर तरीका बड़ी करेंसी बंद करना ही है। मोदी सरकार ने 2000 की नोट बंद करके कालेधन पर अंकुश लगाने की कोशिश तो की, लेकिन 500 की करेंसी के बाद यह फिर बेकाबू हो गया है। कालेधन पर पूरी तरह अंकुश लगाना है तो डिजिटल करेंसी को ही पूरी तरह लागू करना होगा। गरीबों के लिए 50 रुपये से कम की करेंसी चलने देनी चाहिए, ताकि जो कैश में लेनदेन करना चाहे, वह छोटा-मोटा लेनदेन इससे कर सकता है। 50 से ऊपर की करेंसी बंद होने के बाद कालेधन का इस्‍तेमाल अपने आप कम होता जाएगा।

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पकड़े गए तो क्‍या होगा


कालेधन को लेकर सरकार ने सख्‍त कानून बनाया है। अगर कालेधन के साथ इससे खरीदी संपत्ति अथवा सोने के साथ पकड़े जाते हैं तो उस संपत्ति को जब्‍त कर लिया जाता है। इसके अलावा संबंधित व्‍यक्ति पर 3 गुना तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। चूंकि, कालेधन पर टैक्‍स नहीं चुकाया जाता तो इनकम टैक्‍स विभाग जुर्माना वसूल सकता है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में तो 10 साल तक जेल की सजा का भी प्रावधान है।