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Gratuity Formula 2024: कैसे तय होती है ग्रेच्युटी, कर्मचारियों को पता होना चाहिए ये फॉर्मूला

Gratuity Formula 2023: किसी कंपनी में अगर आपने एक निश्चित अवधि तक काम किया है, तो आप ग्रेच्‍युटी (Gratuity) पाने के हकदार होंगे. ज्‍यादातर इम्‍प्‍लॉई नौकरी बदलते हैं, तो उनको उम्‍मीद होती है कि कंपनी की ओर से ग्रेच्‍युटी मिलेगी.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)।  किसी कंपनी में अगर आपने एक निश्चित अवधि तक काम किया है, तो आप ग्रेच्‍युटी (Gratuity) पाने के हकदार होंगे. ज्‍यादातर इम्‍प्‍लॉई नौकरी बदलते हैं, तो उनको उम्‍मीद होती है कि कंपनी की ओर से ग्रेच्‍युटी मिलेगी. हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि ग्रेच्‍युटी पाने के लिए सरकार की तरफ से किस तरह के मानक तय किए गए हैं. ग्रेच्‍युटी की रकम कैसे तय होती और कितने साल तक काम करने के बाद आपको ग्रेच्‍युटी मिलती है. दरअसल, ग्रेच्‍युटी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवार्ड होता है. अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करता है, तो ग्रेच्‍युटी का भुगतान एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत गारंटीड तौर पर उसे दिया जाएगा.

कब मिलती है ग्रेच्‍युटी 


ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है, लेकिन बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से दिया जाता है. मौजूदा नियम के मुताबिक, अगर कोई व्‍यक्ति किसी कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार हो जाता है. यानी, अगर, 5 साल बाद कंपनी छोड़ते हैं तो आपको ग्रेच्‍युटी मिलेगी.

पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 के मुताबिक, इसका लाभ उस कंपनी के हर कर्मचारी को मिलता है जहां साल में रोजाना कम से कम 10 से ज्‍यादा एंप्‍लॉई काम करते हैं. अगर कर्मचारी नौकरी बदलता है, रिटायर हो जाता है या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है लेकिन वह ग्रेच्‍युटी के नियमों को पूरा करता है तो उसे ग्रेच्‍युटी का लाभ मिलता है. वहीं, अगर कोई कंपनी या संस्था ग्रेच्युटी एक्ट के दायरे में नहीं आती है, लेकिन वह चाहे तो ग्रेच्युटी का फायदा अपने इम्‍प्‍लॉई को दे सकती है.

ग्रेच्‍युटी के फार्मूला के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी छह महीने से ज्यादा काम करता है तो उसकी कैलकुलेशन एक साल के तौर पर की जाएगी. जैसेकि, अगर कोई कर्मचारी 7 साल 8 महीने काम करता है, तो उसे 8 साल मान लिया जाएगा और इसी आधार पर ग्रेच्‍युटी की रकम बनेगी. वहीं, अगर 7 साल 3 महीने काम करता है तो उसे 7 साल ही माना जाएगा.  

कैसे तय होती है ग्रेच्‍युटी की राशि (Gratuity Formula 2023)


ग्रेच्‍युटी कैलकुलेट करने का एक एक तय फॉर्मूला है. कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया). मान लीजिए कि किसी इम्‍प्‍लॉई ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया. उस इम्‍प्‍लॉई की अंतिम सैलरी 75000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है, तो उसको करीब 8.65 लाख रुपये बतौर ग्रेच्‍युटी ((75000) x (15/26) x (20)= 865385 रुपये) मिलेगी. ग्रेच्‍युटी कैलकुलेशन के फॉर्मूले में हर महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है. वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है.