Gratuity Rule : कितने साल की नौकरी पर कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी, कर्मचारी जरूर जान लें नियम
Gratuity Rule : कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर. आमतौर पर कई कर्मचारियों के मन में ये सवाल होता है कि आखिर कितने साल की नौकरी करने कितनी ग्रेच्युटी मिलती है...अगर आप भी इन्हीं सवालों से जुड़े जवाब जानना चाहते है तो चलिए आइए आज हम जान लेते है इस खबर में-

HR Breaking News, Digital Desk- (Gratuity Rule) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार (central government) ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जो 2026 से लागू होगा. इस आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (pensioners) के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन करना है. इसी के साथ, नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) भी 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी हो गई है. इन बदलावों का असर ग्रेच्युटी पर भी पड़ेगा.
ग्रेच्युटी एक इनाम है जो कंपनी अपने कर्मचारी को लंबे समय तक सेवा देने के लिए देती है. यह तब मिलती है जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी में लगातार काम करता है. भारतीय श्रम कानून (Indian labor law) के तहत, ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 5 साल तक एक ही कंपनी में काम करना ज़रूरी है.
कंपनी में 4 साल 11 महीने काम-
अगर कोई कर्मचारी (employee) किसी कंपनी में 4 साल 11 महीने काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी के हकदार नहीं होगा, भले ही वह 5 साल पूरा करने के एक महीने से कम समय दूर हो. हालांकि, नियम के अनुसार अगर कर्मचारी ने 4 साल 8 महीने तक काम किया है, तो उसे पूरे 5 साल का मानते हुए ग्रेच्युटी (gratuity) दी जाएगी. लेकिन अगर कोई कर्मचारी 4 साल 7 महीने या उससे कम समय तक काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी नहीं मिलती है, और उसकी सेवा का समय 4 साल ही माना जाता है.
कैसे तय कि जाती है ग्रेच्युटी-
कंपनी में ग्रेच्युटी कर्मचारी के बेसिक वेतन (basic salary) और सेवा वर्षों पर आधारित होती है. यह आमतौर पर कर्मचारी की सेवानिवृत्ति, इस्तीफा, या नौकरी से निकाले जाने पर मिलती है, बशर्ते उसने न्यूनतम 5 साल की सेवा पूरी की हो. ग्रेच्युटी की गणना का फॉर्मूला (gratuity calculation) है:
ग्रेच्युटी = (अंतिम वेतन × 15/26) × पूरी की गई सेवा के वर्षों की संख्या.