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PF खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब तीन गुना मिलेगी पेंशन

EPFO - प्राइवेट सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर आई है कि सरकार पेंशन राशि को 3 गुना बढ़ाने पर विचार कर रही है. यह लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो भविष्य निधि (पीफ) का योगदान कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा-

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PF खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब तीन गुना मिलेगी पेंशन

HR Breaking News, Digital Desk- (EPFO) सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के मुद्दे पर मंथन कर रही सरकार ने अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी पेंशन योजनाओं का सुधार शुरू किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन को तीन गुना तक बढ़ाने की संभावना है. 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन की देखरेख करता है, जिसमें कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने अंशदान किया जाता है. इस अंशदान का एक हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जो रिटायरमेंट पर पेंशन के रूप में मिलती है. 

मामले से जुड़े एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत न्यूनतम पेंशन को वर्तमान में 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने की तैयारी में है. न्यूनतम पेंशन में यह वृद्धि अगले कुछ महीनों में प्रभावी हो सकती है. EPS भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित एक सेवानिवृत्ति योजना है. यह संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करती है. EPS को नियोक्ता के योगदान के एक हिस्से से ही वित्तपोषित किया जाता है.

ईपीएस में कितना योगदान-
वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में नियोक्ता का 12% योगदान होता है, जिसमें से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और 3.67% EPF में. कर्मचारी की सैलरी से कटने वाला 12% हिस्सा पूरी तरह EPF में जमा होता है. अधिकारियों का कहना है कि हम EPS के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को तीन हजार रुपये प्रति माह करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं, जो लंबे समय से लंबित है. साल 2020 में श्रम मंत्रालय ने EPS के तहत न्यूनतम पेंशन के लिए 2,000 रुपये प्रति माह का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिल सकी.

7.5 हजार रुपये की है डिमांड-
2025 के बजट से पहले की बातचीत के दौरान, ईपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की थी. उन्होंने न्यूनतम ईपीएस पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग रखी, लेकिन उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. ईपीएस (EPS) का कुल कोष 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और इस योजना के तहत कुल पेंशनभोगियों (pensioners) की संख्या लगभग 78.5 लाख है. इनमें से 36.6 लाख से अधिक लोग न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह प्राप्त करते हैं.

अभी पेंशन पर कितना खर्च-
श्रम मंत्रालय ने फिलहाल 3,000 रुपये पेंशन देने पर काम करने की बात कही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में, मंत्रालय ने ईपीएस के तहत पेंशनधारकों को न्यूनतम पेंशन (minimum pension) प्रदान करने में 1,223 करोड़ रुपये खर्च किए, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्च किए गए 970 करोड़ रुपये से 26% अधिक है. जाहिर है कि पेंशन (pension) की राशि 3 गुना बढ़ाए जाने से सरकार पर आवंटन का खर्चा भी 3 गुना से अधिक बढ़ सकता है. बीते 11 साल में खुदरा महंगाई की दर 72 प्रतिशत बढ़ चुकी है. ऐसे में पेंशन की राशि को बढ़ाना भी अब जरूरी हो गया है.