home page

GST : फ्लैट्स में रहने वाले करोड़ों लोगों को तगड़ा झटका, अब इतना देना होगा टैक्स

GST : दिल्ली, नोएडा समेत देशभर की बड़ी सोसाइटियों में रहने वालों के लिए बुरी खबर है. अब उन्हें किराए के साथ मासिक रखरखाव शुल्क पर भी जीएसटी देना होगा. सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर बताया है कि इन सोसाइटीज की ओर से लिए जाने वाले मेंटेनेंस पर इतने प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा-

 | 
GST : फ्लैट्स में रहने वाले करोड़ों लोगों को तगड़ा झटका, अब इतना देना होगा टैक्स

HR Breaking News, Digital Desk- (GST) दिल्ली, नोएडा समेत देशभर की बड़ी सोसाइटियों में रहने वालों के लिए बुरी खबर है. अब उन्हें किराए के साथ मासिक रखरखाव शुल्क पर भी जीएसटी देना होगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने स्पष्ट किया है कि हाउसिंग सोसाइटी द्वारा लिए जाने वाले मेंटेनेंस चार्ज पर जीएसटी (GST) लागू होगा. यह नियम हाईराइज सोसाइटियों के साथ-साथ बड़े शहरों की नगर निगम (Municipal council) के अंतर्गत आने वाली सोसाइटियों पर भी लागू होगा.

सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर बताया है कि जिन हाउसिंग सोसाइटीज की ओर से हर महीने प्रति फ्लैट 7,500 रुपये से ज्‍यादा मेंटेनेंस वसूला जाएगा, उन्‍हें साथ में 18 फीसदी जीएसटी का भी भुगतान करना होगा. इसका मतलब है कि अगर किसी सोसाइटी में प्रति फ्लैट 9,000 रुपये का मेंटेनेंस चार्ज लिया जा रहा है तो उन्‍हें इस पर 18 फीसदी का जीएसटी भी देना पड़ेगा.

यह 18 प्रतिशत टैक्‍स पूरे 9 हजार रुपये की रकम पर लगाया जाएगा, न कि 7,500 रुपय से ऊपर की 1,500 रुपये की राशि पर. इसका मतलब हुआ कि मेंटेनेंस के साथ 18 फीसदी जीएसटी (1,620 रुपये) मिलाकर कुल 10,600 रुपये देने होंगे. वैसे यह टैक्‍स सोसाइटीज से वूसला जाएगा, लेकिन सभी जानते हैं कि आखिरी में इसका बोझ सोसाइटी में रहने वालों पर ही आएगा.

2 शर्त पर ही लगेगा जीएसटी-
सीबीआईसी ने अपने सर्कुलर में बताया है कि मेंटेनेंस (maintenance) पर जीएसटी की व्‍यवस्‍था साल 2019 से ही लागू है. इस कानून को लेकर कई सोसाइटियों और वहां रहने वालों के बीच भ्रम पैदा हो रहा था. इस भ्रम को दूर करने के लिए ही सर्कुलर (circular) जारी किया गया है.

- सीबीआईसी ने स्‍पष्‍ट किया है कि जीएसटी तभी देना होगा जबकि सोसाइटी के हर फ्लैट वालों से 7,500 रुपये से ज्‍यादा का मेंटेनेंस वसूला जा रहा होगा.

-इसके अलावा सोसाइटी का सालाना टर्नओवर 20 लाख या उससे ज्‍यादा होना चाहिए. अगर इसमें से कोई भी एक शर्त पूरी नहीं होती है तो उस सोसाइट पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा.

मेंटेनेंस में क्‍या-क्‍या शामिल-
सोसाइटी के मेंटेनेंस में मरम्मत और रखरखाव शुल्क के साथ सिंकिंग फंड योगदान और कार पार्किंग शुल्क भी शामिल होगा. इसके अलावा एनओसी और लेट पेमेंट (late payment) ब्‍याज अथवा जुर्माना भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा सोसाइटी द्वारा अपने जनरेटर या बोरवेल से आपूर्ति की गई बिजली या पानी के शुल्क पर भी जीएसटी लागू होता है.

इस तरह की फीस पर नहीं लगेगा जीएसटी-
सोसाइटी द्वारा वसूला जाने वाला प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) , नगर निकायों का पानी शुल्क, गैर-कृषि कर (non-agriculture taxes) और राज्य बिजली शुल्क कानूनी देनदारियां हैं, सेवा शुल्क नहीं, इसलिए ये जीएसटी (GST) से बाहर हैं। ध्यान दें, यदि रखरखाव शुल्क 7,500 रुपये से अधिक है, तो पूरी राशि पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, केवल अतिरिक्त राशि पर नहीं। उदाहरण के लिए, 7,600 रुपये के रखरखाव पर पूरे 7,600 रुपये पर जीएसटी लगेगा।

…तो जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन की जरूरत नहीं-
सीबीआईसी ने साफ कहा है कि अगर किसी हाउसिंग सोसाइटी (Housing society) का सालाना टर्नओवर (turnover) 20 लाख रुपये से कम है तो उन्‍हें जीएसटी के तहत पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है. भले ही सोसाइटी के कुछ सदस्‍य 7500 रुपये से ज्‍यादा का मेंटेनेंस हर महीने भुगतान कर रहे हैं. सीबीआईसी (CBIC) का यह नियम छोटी सोसाइटियों को राहत प्रदान करेगा. इसका मतलब है कि सिर्फ बड़ी और व्‍यावसायिक सोसाइटियां ही टैक्‍स के दायरे में आएंगी.