Gurugram Property : 20-25 लाख कमाने वाले भी गुरुग्राम में नहीं खरीद पा रहे घर, जानिए कितने है रेट
Gurugram Property : भारत के बड़े शहरों में रियल एस्टेट की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जिससे घर खरीदना आम नौकरीपेशा लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। एक अच्छी सैलरी पाने वाला युवा भी घर खरीदने से हिचकिचाता है, क्योंकि इसमें उसकी पूरी बचत और आर्थिक स्वतंत्रता खत्म हो सकती है-
HR Breaking News, Digital Desk- (Property) आज भारत के बड़े शहरों में घर खरीदना आम नौकरीपेशा लोगों के लिए एक चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट ने इस मुद्दे को फिर से उठाया है, जिसमें एक टेक प्रोफेशनल ने अपने 20 लाख रुपये सालाना कमाने वाले दोस्त की कहानी बताई। उनका दोस्त, गुरुग्राम (gurugram) जैसे शहर में घर खरीदने की सोच से डरता है, क्योंकि बढ़ती कीमतें और भारी लोन उसे आर्थिक रूप से कमजोर कर सकते हैं।
यह दिखाता है कि ऊंची सैलरी वाले युवा भी अब घर खरीदने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक आजादी दांव पर लग रही है।
करोड़ों के घर, लेकिन किसके लिए?
उनके दोस्त की मासिक आय ₹1.2 लाख है, जो सभी कटौतियों के बाद है। वह सादा जीवन जीते हैं, फिर भी गुरुग्राम में घर खरीदने में असमर्थ हैं। वहां के अपार्टमेंट (apartment) की शुरुआती कीमत ही ₹2.5 करोड़ है, जिनमें इंफिनिटी पूल और बायोमेट्रिक लिफ्ट जैसी लक्ज़री सुविधाएं हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि ये घर आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि केवल धनी ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
अमीरों के लिए है मार्केट?
उनकी पोस्ट का सबसे असरदार हिस्सा वह लाइन थी जिसमें उन्होंने लिखा कि मार्केट टूटा नहीं है, यह वैसा ही काम कर रहा है जैसे डिजाइन किया गया है, किसी और के लिए।
यह बात युवाओं खासकर शहरों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स के बीच बातचीत का अहम टॉपिक है। क्योंकि यह हकीकत उजागर करती है कि ऊंची तनख्वाह वाले लोग भी बिना किसी आर्थिक चिंता के घर नहीं खरीद सकते।
आंकड़े क्या कहते हैं?
2024 में, दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार (real estate market) में अल्ट्रा-लक्जरी घरों का दबदबा रहा। एनारॉक (Anarock) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बने नए घरों में से 59% की कीमत ₹2.5 करोड़ से अधिक है। इसके मुकाबले, हैदराबाद में ऐसे घर सिर्फ 18% और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (Mumbai Metropolitan Region) में 12% हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि रियल एस्टेट डेवलपर्स का ध्यान अब महंगे और अल्ट्रा-लक्जरी प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा है।
एनआरआई खरीदारों का दबदबा-
अनिवासी भारतीय (NRI) अब भारत में प्रीमियम प्रॉपर्टी में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। इसे वे एक सुरक्षित निवेश मानते हैं। 2017 में RERA कानून आने के बाद से, कुछ डेवलपर्स पर ग्राहकों का भरोसा बढ़ा है क्योंकि वे समय पर प्रोजेक्ट (project) पूरे करते हैं। इसी कारण, NRI भी इन विश्वसनीय प्रोजेक्ट्स में निवेश करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
भारत के बड़े शहरों में रियल एस्टेट (real estate) अब आम नौकरीपेशा लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। आज की तारीख में एक अच्छा पैकेज (package) कमाने वाला युवा भी घर खरीदने की सोचकर डरता है, क्योंकि उससे उसकी पूरी आर्थिक स्वतंत्रता छिन सकती है। और ये बाजार सच में किसी और के लिए डिज़ाइन हुआ लगता है।
