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Home Loan EMI Bounce : होम लोन की किस्त बाउंस होने भरने पर 4 बार मिलेगा मौका, पांचवीं बार बैंक लेगा ये एक्शन

Home Loan EMI Bounce : घर खरीदते वक्त लोग होम लोन लेना सही मानते हैं। यह एक लंबी अवधि का लोन है। आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से कई लोग होम लोन की किस्त समय पर नहीं भर पाते हैं। आपने सुना होगा कि होम लोन की किस्त बाउंस होने के बाद बैंक केवल चार बार ही मौका देता है। चलिए जानते हैं की पांचवीं बार बैंक क्या एक्शन लेता है।
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Home Loan EMI Bounce : होम लोन की किस्त बाउंस होने भरने पर 4 बार मिलेगा मौका, पांचवीं बार बैंक लेगा ये एक्शन

HR Breaking News : (Home Loan EMI) खुद का घर खरीदना अक्सर हर किसी का सपना होता है। लेकिन बढ़ती महंगाई के दौर में इस सपने को साकार करना हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसे में ज्यादातर लोग घर खरीदते वक्त होम लोन का सहारा लेते हैं।

कई बार पैसे की तंगी (shortage of money) के चलते परेशानी आ जाती हैं। आपने सुना होगा कि होम लोन की किस्त में भारी जाए तो बैंक केवल चार बार ही मौका देता है और पांचवी बार कड़ा एक्शन ले लेता है। चलिए खबर में आपको बताते हैं कि होम लोन की किस्त (Home Loan Installment) बाउंस होने के बाद बैंक क्या एक्शन लेता है।


बढ़ती महंगाई के इस समय में घर खरीदते वक्त लोग लोन तो ले लेते है लेकिन लोन की अवधि के दौरान किसी भी समय नौकरी छूटना या मेडिकल इमरजेंसी आपके लोन पेमेंट को बंद (stop loan payment) कर सकती है। अगर आपको अपने होम लोन पर EMI चुकाने में मुश्किल हो रही है, तो कुछ कदम हैं जो आपको स्थिति को उबारने में मदद कर सकते हैं। लेकिन उससे पहले यह जानना चाहिए कि Home Loan नही चुकाने पर क्या होता है।


बैंक लेता है ये एक्शन


अकसर, बैंक ग्राहकों पर 5 तरह की कार्रवाई करता है। यह एक्शन एक बार में नहीं होता बल्कि बारी-बारी से होता है। यह कार्रवाई EMI नहीं चुकाने पर या डिफॉल्टर घोषित होने पर की जाती है। पहला, अगर पहली ईएमआई (Home Loan EMI) नहीं चुकाते हैं तो बैंक इसे गंभीर नहीं मानता लेकिन आपकी निगरानी शुरू हो जाती है। 


दूसरा, लगातार दूसरी EMI नहीं भरी जाए तो बैंक आपको पेमेंट का रिमाइंडर (loan payment reminder) भेजता है। तीसरा, लगातार 3 EMI नहीं चुकाने पर बैंक कानूनी नोटिस भेजता है जिसमें बकाया पैसा देने को कहा जाता है।


चौथी कार्रवाई के तहत अगर ग्राहक लगातार 5 EMI नहीं भरता है तो बैंक घर की नीलामी का नोटिस (notice of auction of house) देता है। इसमें अलर्ट किया जाता है कि बकाया जमा कर दें, वरना घर बेच दिया जाएगा। पांचवां, इन नोटिस के बावजूद ग्राहक पैसा नहीं भरता तो बैंक घर की नीलामी करता है, उसे बेचता है और अपना बकाया पैसा निकाल लेता है।


इस वक्त ये रास्ता चुनना रहेगा सही


यदि आप लोन (home loan) चुकाने की हालत में नहीं हैं, तो अपने देनदार कर्ज से संपर्क करें। बैंक को बताएं कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ और सभी लोन समय पर चुकाते रहे हैं। इसे साबित करने के लिए सभी दस्तावेज दें। यदि जरूरी हो, तो अपने निवेशों के कागजों को गिरवी के रूप में बैंक को दे दें। 


बैंक को बताएं कि अगले 3-6 महीनों में इनकम की स्थिति (income status) में कैसे सुधार हो सकता है। तीन महीने की छूट अवधि के लिए बैंक से पूछकर अपने लोन की रीस्ट्रक्चरिंग करें। या अगर ज्यादा पैसा चुकाने में असमर्थ हैं, तो कर्ज की अवधि बढ़ाएं। अगर आपने फ्लोटिंग रेट (floating rate) लोन का विकल्प चुना होता, तो ब्याज दरों में वृद्धि ने आपके लोन की अवधि को बढ़ा दिया होगा। यदि आप ब्याज दरों में और वृद्धि नहीं कर सकते हैं, तो एक निश्चित दर पर लोन पेमेंट की अवधि चुनें।


मकान को किराए पर देना रहेगा सही


यदि आप जिस इलाके में रह रहे हैं, वहां किराये की आय (rental income) कमाने की अच्छी संभावना है, तो घर को किराए पर दें। किराये के पैसे का उपयोग अपनी EMI के एक हिस्से को चुकाने के लिए करें। यह बेहतर है कि आप बैंक को नीलामी करने देने की तुलना में घर को बेच दें। 


नीलामी में अक्सर अच्छी कीमत नहीं मिलती है। इसके विपरीत, यदि आप बैंक को बताकर खुद इसे बेचते हैं तो आपको बेहतर कीमत मिलने की संभावना है। बिक्री से मिली राशि बकाया लोन को चुकाने में मदद (Ways to repay the loan) कर सकती है।