Home Loan EMI : होम लोन की किस्त नहीं भरने पर 4 बार मिलेगा मौका, 5वीं बार बैंक करेगा ये कार्रवाई
EMI bounse rules : आमतौर पर लोग घर खरीदने के लिए होम लोन तो ले लेते हैं पर इसकी ईएमआई चुकाने (loan EMI repayment) में दिक्कत आने पर उनके लिए कई मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। बैंक भी फिर कार्रवाई करने लगते हैं। हालांकि बैंक चार बार मौका देता है और पांचवीं बार में बड़ी कार्रवाई होती है। आइये जानते हैं बैंक कैसे बारी बारी से करता है ये कार्रवाई।

HR Breaking News - (loan repayment rules)। होम लोन की ईएमआई या पैसा नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक की कार्रवाई होनी तय है। ग्राहक को बैंक (bank news) की ओर से 4 बार मौका भी दिया जाता है कि वह ईएमआई का भुगतान कर सके। इसके बाद भी लोनधारक की ओर से ईएमआई (loan EMI repayment rules) नहीं चुकाई जाती है तो पांचवीं बार में बैंक की ओर से बड़ा एक्शन लिया जाता है। यह एक्शन लोनधारक पर बहुत भारी पड़ता है।
स्टेप बाई स्टेप ऐसे होती है कार्रवाई-
किसी लोन की ईएमआई न चुकाने पर बैंक (bank action no loan repayment) स्टेप बाय स्टेप 5 तरह की कार्रवाई को बारी बारी से अमल में लाता है। पहली बार EMI नहीं चुकाने पर ग्राहक बैंक के रडार पर आता है। दूसरी ईएमआई मिस (EMI bounse) होने पर बैंक ग्राहक के पास ईएमआई भुगतान के लिए रिमाइंडर भेजता है। लगातार 3 ईएमआई मिस होने पर ग्राहक को कानूनी नोटिस भेजा जाता है। इसमें भी बकाया पैसों की डिमांड (bank demand notice) की जाती है।
चौथी बार में प्रोपर्टी नीलामी का आता है नोटिस-
चौथी कार्रवाई के तहत अगर ग्राहक लगातार 5 ईएमआई (loan EMI bounse rules) नहीं भरता है तो बैंक घर की नीलामी का नोटिस देता है. इसमें चेतावनी दी जाती है कि बकाया जमा कर दें, अन्यथा घर बेच दिया जाएगा.
पांचवीं कार्रवाई के रूप में होती है घर की नीलामी-
पांचवीं कार्रवाई तब होती है जब प्रोपर्टी नीलामी (property auction rules) के नोटिस के बाद भी लोन का पैसा ग्राहक की ओर से नहीं चुकाया जाता है। यह कार्रवाई घर की नीलामी की होती है। कोर्ट में सिविल केस दर्ज करवाकर बैंक लोन (home loan EMI) की बकाया रकम वसूलता है।
इस तरह टल सकती है कार्रवाई-
होम लोन की किस्त (home loan repayment) भरने में दिक्कत है तो जिस बैंक से लोन लिया था, वहां जाकर बैंक मैनेजर से बात करें। अगर आपने पहले सभी क्रेडिट (bank credit repayment) का समय पर भुगतान किया है तो सुबूत दिखाकर मौजूदा स्थिति में राहत पा सकते हैं। कहीं पर आपने निवेश किया है और बैंक ये कागजात गिरवी रखने की मांग करता है तो आप ऐसा कर सकते हैं। इससे आपको राहत दी जा सकती है।
वित्तीय स्थिति सुधरने के दें सुबूत-
अगर आपको आगामी कुछ समय में अपनी आर्थिक स्थिति सुधरती दिखती है तो बैंक को सुबूत सहित बताएं। इससे आपको लोन रीस्ट्रक्चरिंग (loan restructuruing) करने का मौका मिल सकता है। अगर ईएमआई ज्यादा बन रही है तो आप लोन की अवधि बढ़वा सकते हैं, इससे ईएमआई कम हो जाएगी। फ्लोटिंग रेट (floating rates on loan) का विकल्प चुना है और अब इसे बंद करना चाहते हैं तो बैंक से बात करके इसे लोन रीस्ट्रक्चरिंग के दौरान बंद करवा सकते हैं।
मकान का किराया शुरू कर चुकाएं ईएमआई-
जब होम लोन की ईएमआई चुकाने में मुश्किल होती है तो आप मकान को किराए पर चढ़ सकते हैं। इससे मिलने वाले किराए से आप लोन की किस्त (home loan EMI) चुका सकते हैं। इसके अलावा अगर बैंक घर की नीलामी करता है तो उससे कम रकम मिलने के चांस होते हैं, इसलिए आप खुद घर बेचकर अधिक कीमत पा सकते हैं और लोन चुका (home loan repayment rules) सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक को अवगत कराना होगा।