FD से हुई कमाई पर अब कितना लगेगा टैक्स, जानिए टैक्स बचाने का सही तरीका
Bank FD - फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स कटौती (TDS) का मतलब है कि बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स (tax) काटा जाता है. ऐसे में अब सवाल ये है कि आखिर एफडी से हुई कमाई पर अब कितना टैक्स लगेगा...साथ ही आइए नीचे खबर में जान लेते है इस बचाने का तरीका-
HR Breaking News, Digital Desk- (Bank FD) फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स कटौती (TDS) का मतलब है कि बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स (tax) काटा जाता है. अगर यह एक वित्तीय वर्ष के दौरान स्पेसिफिक सीमा से अधिक है.
60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए, TDS तब लागू होता है जब वार्षिक ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक होती है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए, यह सीमा 50,000 फीसदी है. मानक TDS दर 10 फीसदी है. लेकिन अगर जमाकर्ता (depositer) ने अपना स्थायी खाता संख्या (PAN) नहीं दिया है तो यह बढ़कर 20 फीसदी हो जाती है.
फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS की गणना कैसे की जाती है?
फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स योग्य होता है. यह ब्याज आपकी कुल आय का एक हिस्सा बनता है, जिससे आपकी टैक्स लायबिलिटी (tax liability) प्रभावित होती है. जब आप एक वित्तीय वर्ष में FD पर ब्याज कमाते हैं, तो यह आपकी वार्षिक आय में शामिल हो जाता है, और आपको इस पर निर्धारित आयकर का भुगतान करना पड़ सकता है.
कुल आय के आधार पर आपका टैक्स स्लैब (tax slab) निर्धारित किया जाता है. चूंकि FD पर अर्जित ब्याज आय को अन्य स्रोतों से आय माना जाता है. इसलिए इसे स्रोत पर कर कटौती या TDS के तहत लगाया जाता है. जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके खाते में जमा करता है, तो उसी समय TDS कट जाता हैं.
FD पर TDS छूट का लाभ कैसे उठाएं?
भारत में FD ब्याज पर TDS कटौती से बचने के लिए, आप अपने बैंक में फॉर्म 15G या फॉर्म 15H जमा कर सकते हैं. ये फॉर्म एक सेल्फ डिक्लेरेशन (self declaration) के रूप में कार्य करते हैं, जो बैंक को सूचित करते हैं कि आपकी कुल आय मूल छूट सीमा से कम है. इससे आपके FD ब्याज पर TDS नहीं कटेगा, और आप अपनी पूरी राशि का लाभ उठा सकेंगे. यह प्रक्रिया सरल और प्रभावी है.
अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो फॉर्म 15G का यूज करें और यदि आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो फॉर्म 15H का उपयोग करें. अपने बैंक को ये फॉर्म देकर, आप सुनिश्चित करते हैं कि TDS नहीं काटा जाता है, जिससे आपको कर कटौती के बिना अपना पूरा FD ब्याज लेने की अनुमति मिलती है, बशर्ते आपकी आय छूट सीमा के भीतर रहे.
