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करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, Income Tax विभाग ने शुरू की ये खास सर्विस

Income Tax Notice: इनकम टैक्स पोर्टल पर टैक्सपेयर्स के लिए एक नए फीचर की शुरुआत हो गई है. जानिए क्या है ये और क्या होगा इसका फायदा.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। इनकम टैक्स (Income Tax) डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स की मुश्किलों को आसान करने के लिए अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक नया फीचर पेश किया है. इस नए फीचर की मदद से टैक्सपेयर्स को पेंडिंग टैक्स प्रोसीडिंग को ट्रैक करने में काफी आसानी होगी. e-Proceedings नाम का यह टैब टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से जारी नोटिस (Income Tax Notice), लेटर (Income Tax Letter) और इंटिमेशन (Income Tax Intimation) को ट्रैक करने में मदद करेगा. यानी इस नए टैब पर क्लिक करते ही टैक्सपेयर एक ही जगह पर सभी पेंडिंग टैक्स प्रोसीडिंग को ट्रैक कर पाएंगे.

 

 

टैक्स ऑफिस के बार-बार नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर


इससे टैक्सपेयर्स को काफी आसानी होगी और उन्हें इनकम टैक्स ऑफिस के बार-बार चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे. 'e-Proceedings' टैब के जरिए रजिस्टर्ड यूजर्स असेसिंग ऑफिशियल्स, सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC), या किसी अन्य आयकर प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए अलग-अलग नोटिस और कम्युनिकेशन को देख पाएंगे और उनका जवाब दे पाएंगे.

ऐसे करें इस्तेमाल


इनमें सेक्शन 139 (9) के तहत डिफेक्टिव नोटिस, सेक्शन 245 के तहत इन्टीमेशन, सेक्शन 143 (1) (a) के तहत प्राइम फेशिया एडजस्टमेंट (Prima Facie Adjustments) और सेक्शन 154 के तहत सुओ मोटो रेक्टिफिकेशन (Suo Moto Rectification) शामिल हैं. इस फीचर को इस्तेमाल करने के लिए, यूजर्स को अपने क्रेडेंशियल्स के साथ ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर लॉग इन करना होगा. डैशबोर्ड से, यूजर्स 'पेंडिंग एक्शन' (Pending Actions) सेक्शन तक पहुंच सकते हैं और फिर 'e-Proceedings' पर जा सकते हैं. फिर यूजर्स यह चुन सकते हैं कि वे इंडिविजुअल के तौर पर उनका जवाब देना चाहते हैं या ऑथराइज रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर.


 

इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए, यूजर्स को एक एक्टिव पैन, एक वैलिड यूजर आईडी और ई-फाइलिंग पोर्टल के लिए पासवर्ड की जरूरत होगी. इसके अलावा, ऑथराइज रिप्रेजेंटेटिव को टैक्सपेयर्स की ओर से काम करने के लिए ऑथराइज होने की जरूरत हो सकती है और कुछ मामलों में, एक एक्टिव टैन (TAN) की भी जरूरत हो सकती है. यकीनन यह नया फीचर टैक्सपेयर्स को काफी राहत देगा. इससे न केवल उनके समय की बचत होगी बल्कि टैक्स से जुड़ी जानकारियों को ट्रैक करना और उनका जवाब देना भी उनके लिए आसान हो जाएगा.