FD वालों के लिए जरूरी खबर, निवेश करने से पहले जान लें 444 दिन की FD पर कौन सा बैंक दे रहा सबसे ज्यादा ब्याज
Fixed Deposit Interest Rate : आज बाजार में निवेश के अनेकों ऑप्शन मौजूद हैं। जिनमें पैसा लगाकर कम समय में मोटा ब्याज कमाया जा सकता है। लेकिन जब बात सुरक्षित निवेश और गारंटी रिटर्न की आती है तो हर कोई एफडी को चुनता है। एफडी (FD Rate) पर देश के कई बैंक तगड़ा ब्याज ऑफर कर रहे हैं। बैंकों में आप 7 दिन से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप 444 दिन की अवधि वाली एफडी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो चलिए नीचे खबर में जानते हैं कौन सा बैंक सबसे ज्यादा ब्याज दे रहा है।

HR Breaking News - (FD Rate)। आज के समय में हर कोई अपनी कमाई को बढ़ाना चाहता है। इसके लिए लोग निवेश करने की सोचते हैं। जब बात निवेश की आती है तो देश के ज्यादातर लोग एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) को चुनते हैं। इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं। सबसे पहला तो एफडी में गारंटीड रिटर्न मिलता है। वहीं, इसमें आपका पैसा भी सुरक्षित रहता है। अगर आप एफडी में पैसा लगाने की योजना बना रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि देश के कौन से बैंक एफडी पर तगड़ा ब्याज प्रदान कर रहे हैं।
444 दिन वाली FD में निवेश करने से पहले जान लें ये बात -
बता दें कि देश के कई सरकारी और प्राइवेट बैंक एफडी (Bank FD rates) पर सार्वधिक ब्याज दे रहे हैं। ये बैंक 444 दिन वाली एफडी पर आकर्षक ब्याज दे रहे हैं। बैंक सीनियर सिटीजन (senior citizen FD rate) को मौजूदा समय में सबसे अधिक 8.10 प्रतिशत ब्या दर पेश कर रहे हैं।
यह इस तथ्य के बावजूद है कि आरबीआई (RBI) ने हाल ही में कई सालों के बाद लगातार तीसरी बार रेपो रेट दर में कटौती की है। जिसके बाद से देश के कई बैंकों ने लोन और एफडी की ब्याज दरों को घटा दिया है। ऐसे में निवेशकों को एफडी में पैसे लगाने से पहले इसकी ब्याज दरों की तुलना जरूर कर लेनी चाहिए। चलिए जाने हैं।
ये सरकारी बैंक FD पर दे रह सबसे ज्यादा ब्याज -
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank FD Interest Rate) अमृत वृष्टि पर सीनियर सिटीजन को 7.10 प्रतिशत ब्याज प्रदान कर रहा है। इसके अलावा आम ग्राहकों को 6.60 प्रतिशत ब्याज ऑफर किया जा रहा है। इसके अलावा, अति सीनियर सिटीजन को वरिष्ठ नागरिकों से अधिक ब्याज दे रहा है।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा FD ब्याज दर -
बैंक ऑफ़ बड़ौदा (Bank of Baroda) अपने ग्राहकों को फिकस्ड डिपॉजिट पर शानदार ब्याज दे रहा है। BOB बैंक सामान्य ग्राहकों को 6.60 प्रतिशत दर से ब्याज दे रहा है। वहीं, सीनियर सिटीजन को 7.10 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है।
इंड सिक्योर स्पेशल डिपॉज़िट पर इंडियन बैंक (Indian Bank FD Interest Rate) सीनियर सिटीजन के लिए 7.40 प्रतिशत ब्याज की पेशकश है। वहीं, आम ग्राहकों को 6.90 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करता है। अति सीनियर सिटीजन के लिए बैंक 7.65 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। बता दें कि यह ब्याज दर 30 सितंबर, 2025 तक लागू है।
निवेश करने से पहले इन बैंकों की भी चेक कर लें FD ब्याज दर -
ESAF Small Finance Bank सीनियर सिटीजन को 8.10 प्रतिशत ब्याज प्रदान कर रहा है। वहीं, आम ग्राहकों को 7.60 प्रतशित ब्याज पेश करता है।
करूर वैश्य बैंक (Karur Vysya Bank) सीनियर सिटीजन के लिए 7.25 प्रतिशत ब्याज देर की पेशकश कर रहा है। इसके अलावा, आम नागरिकों को 6.85 प्रतशित ब्याज ऑफर कर रहा है।
इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) सीनियर सिटीजन को 7.45 प्रतिशत और सामान्य ग्राहकों को 6.95 प्रतशित ब्याज दर प्रदान करता है।
पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank FD Rate) सीनियर सिटीजन को 7.55 प्रतशित ब्याज दे रहा है और आम ग्राहकों 7.05 प्रतिशत ब्याज प्रदान करता है।
फ़ेडरल बैंक (federal bank fd rate) सीनियर सिटीजन के लिए 7.35 प्रतिशत और आम ग्राहकों के लिए 6.85 प्रतिशत ब्याज ऑफर कर रहा है।
क्या FD में मैच्योरिटी से पहले निकाल सकते हैं पैसा?
अक्सर एफडी (Penalty on FD) में निवेश करने वालों के मन में एक सवाल रहता है कि क्या एफडी में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकाल सकते हैं या नहीं? जानकारी के लिए बता दें कि एफडी की परिपक्वता से पहले पैसे निकाले जा सकते हैं। हालाँकि, ऐसा करने पर बैंक जुर्माना लगा सकते हैं। ध्यान रहे एफडी (FD Rate) से पैसा तभी निकाल जा सकता है कि जितना पैसा निकलाने के लिए आपने आवेदन किया है उतना FD में जमा होना चाहिए।
FD तोड़ने पर लगता है इतना जुर्माना -
FD की अवधि पूरी होने से पहले अगर पैसे निकाले पड़े तो बैंक आपसे जुर्माना वसूल करेंगे। देश के अलग अलग बैंक में एफडी की मैच्योरिटी (Penalty on FD) होने से पहले पैसा निकाले पर चार्ज अलग अलग है। ज्यादातर बैंक समय से पहले निकासी पर 0.50 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक का जुर्माना वसूलते हैं। बता दें कि सही शुल्क बैंक की नीति पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में बैंक जुर्माना माफ भी कर देते हैं वहीं कई बार अधिक शुल्क भी चुकाना पड़ सकता है।