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Income Tax विभाग धड़ाधड़ भेज रहा नोटिस, जानिये कैसे और कितने दिन में देना होगा जवाब

Income Tax Notice: इन दिनों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बेहद सख्त हो गया है। इस डिपार्टमेंट के अधिकतर काम कंप्यूटर बेस्ड हो गया है। जरा सा भी आपके हिसाब किताब में गड़बड़ी हुई या कोई इंट्री मिसमैच हुआ तो आईटी नोटिस जारी हो जाता है। आपके साथ भी तो कहीं ऐसा नहीं हुआ है? आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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Income Tax विभाग धड़ाधड़ भेज रहा नोटिस, जानिये कैसे और कितने दिन में देना होगा जवाब

HR Breaking News (नई दिल्ली)। इनकम टैक्स नोटिस (IT Notice) से अच्छे-अच्छे की हवा निकल जाती है। अगर आप के पास अचानक एक दिन इनकम टैक्स का नोटिस आ जाए तो ये आपके लिए बड़ा सिरदर्द हो सकता है। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस जारी करने के पीछे कई तरह के कारण होते हैं। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक विभाग की गाइडलाइन के तहत ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी तरफ से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है, उनके मामलों की जांच अनिवार्य कर दी गई है।

 

 

कब जारी होता है Income Tax नोटिस?


इनकम टैक्स की धारा 142 (1) के तहत यह नोटिस तब जारी किया जाता है जब टैक्सपेयर्स ने टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया हो। या किसी बैंक इंटरेस्ट, किसी प्रॉपर्टी के बेचने पर मिले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/लॉस से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है। यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा हाल ही में जारी गाइडलाइंस का हिस्सा है।

क्यों जारी होता है इनकम टैक्स नोटिस?


आयकर अधिनियम की धारा 142(1) इनकम टैक्स अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक नोटिस जारी कर जानकारी मांगने का अधिकार देती है। जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया हो उन्हें तय तरीके से आवश्यक जानकारी पेश करने को कहा जाता है। इसके अलावा इनमें सर्वेक्षण के मामले, तलाशी एवं जब्ती के मामले, टैक्स इवेशन के मामले, ऐसे मामले जिनमें इन्क्वॉयरी नोटिस के जवाब में कोई आयकर रिटर्न फाइल नहीं की गई है, को कवर करते हैं।

नॉन रजिस्ट्रेशन या रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के मामले भी शामिल होते हैं?


इसके अलावा इनमें विभिन्न धाराओं के तहत नॉन-रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने से संबंधित मामले भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए टैक्स बेनिफिट के लिए इलिजिबल होने के लिए चैरिटेबल संगठनों के रजिस्ट्रेशन से जुड़े मामले होते हैं। इसके अलावा, अगर पिछले किसी साल में टैक्सपेयर्स की इनकम में बढ़ोतरी की गई थी तो इनकम टैक्स रिटर्न को अनिवार्य स्क्रूटनी गाइडलाइंस के तहत लिया जाएगा। दिशानिर्देशों में आयकर अधिकारियों और नैशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (NFAC) की भूमिका और जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं।

क्या यह सामान्य प्रक्रिया है?


चार्टर्ड अकाउंटेंट्स बताते हैं कि मौजूदा स्थिति की तुलना में कंपलसरी स्क्रूटनी की क्राइटेरिया में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। गाइडलाइंस बताता है कि वित्त वर्ष 24 के दौरान दाखिल किए गए सभी आयकर रिटर्न में 30 जून, 2024 तक नोटिस जारी करने की समय सीमा होगी। कंपलसरी स्क्रूटनी एक सामान्य प्रक्रिया है।

क्या पता लगाया जाता है IT Notice से?


इसमें यह पता लगाने के लिए नियमित तौर पर जांच की जाती है कि क्या टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न में सही ढंग से इनकम की घोषणा की है। इसके अलावा बकाया टैक्स का भुगतान किया है या नहीं।