Income Tax Department : टैक्सपेयर्स हो जाएं सावधान, इनकम टैक्स विभाग ने पकड़ ली ये गलती तो 10 साल बाद भी हो सकता है एक्शन
Income Tax Department : आयकर विभाग देश में धन के लेन देन पर नजर रखता है। लोगों को अपनी आय एक दायरे से बाहर होने पर आयकर भरना होता है। अगर किसी की आय आयकर के दायरे में आती है और वह गड़बड़ी करता है तो आयकर विभाग (Income Tax Department) इसकी जांच करता है। आयकर विभाग पुराने मामलों को भी खोल सकता है।

HR Breaking News (Income Tax Department) आयकर विभाग की ओर से लोगों पर नजर रखी जाती है कि वह अपनी आय पर टैक्स देते हैं या नहीं। इसके लिए आयकर विभाग की ओर से आईटीआर (Income Tax Department) भरने का ऑपश्न दिया गया है।
जिसमें अपनी आय से संबंधित सभी डिटेल्स सही देनी होती है, अगर गलत डिटेल्स दी तो आयकर विभाग पुराने मामलों में भी आप पर शिकंजा कस सकता है। इसको लेकर कई नियम बने हैं, आएइ जानते हैं।
आयकर विभाग करेगा स्क्रूटनी
इनकम टैक्स विभाग की ओर से ज्यादा सख्ती से आयकर रिटर्न (ITR) की स्क्रूटनी की जा रही है। छोटी सी भी गलती भी आपको भारी पड़ सकती है। आप डिपार्टमेंट के रडार पर आ सकते हैं। ऐसे में आकयर नोटिस आपके घर पर आ सकता है। परंतु, क्या पुराने मामलों में भी ऐसा हो सकता है।
सावधानी से भरें आईटीआर
टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) सावधानी से भरनी चाहिए। आईटीआर में सही डीटेल्स भरें और अपनी इनकम को डिस्क्लोज जरूरी करें।
आयकर विभाग की ओर से ज्यादा सख्ती से आयकर रिटर्न (ITR) की स्क्रूटनी की जा रही है। छोटी सी भी गलती से भी आप डिपार्टमेंट के रडार पर आ जाओगे। टैक्स नोटिस (Tax notice) आपके घर पर आ जाएगा।
जानिए कब आ सकता है आयकर का नोटिस
पहला नियम तीन साल का
आयकर विभाग की ओर से नियम बने हुए हैं। इन्हीं नियमों के तहत टैक्सपेयर्स को पिछले तीन असेसमेंट ईयर के लिए आयकर नोटिस (Income Tax Department) भेजा जा सकता है। आयकर विभाग को आपके पिछले तीन साल के रिटर्न में कुछ गड़बड़ी दिखती है तो विभाग आपको नोटिस भेजकर जवाब व टैक्स की डिमांड कर सकता है।
इन मामलों में दस साल का है नियम
वहीं, जरूरी नहीं है कि तीन साल से पुराने मामले खुलेंगे ही नहीं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) 10 साल पुराने टैक्स रिटर्न पर भी आपको टैक्स नोटिस भेज सकता है। इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं। 10 साल पुराने मामले में तभी नोटिस भेजा जा सकता है जब उसके पक्के सबूत हो और टैक्स चोरी बड़ी हो।
टैक्स गड़बड़ी 50 लाख से ऊपर की होने पर ही पुराने मामले में नोटिस जा सकता है। असेसिंग ऑफिसर आयकर एक्ट 1961 के सेक्शन 148 के तहत टैक्सपेयर के आईटीआर (ITR) के री-वैल्यूएशन कर नोटिस जारी कर सकता है। आपके पास इसको लेकर सबूत होने चाहिए।
हाईकोर्ट से भी आ चुका है फैसला
एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने 2023 में टिप्पणी भी की थी। बता दें कि कोर्ट में मामला पहुंचा था, जिसमें टैक्स अथॉरिटी की ओर से पुराने मामलों में टैक्स नोटिस भेजे गए थे। इसमें कोर्ट ने दस साल वाले नियम को स्पष्ट किया था।