Income Tax : एक व्यक्ति कितने सेविंग अकाउंट रख सकता है, इनकम टैक्स नोटिस से बचना है तो जान लें नियम
Income Tax Notice : आजकल सेविंग अकाउंट में ही अधिकतर लोग अपनी कमाई से बचत का हिस्सा जमा करते हैं। कई लोग इस कंफ्यूजन में रहते हैं कि एक व्यक्ति कितने बचत खाते (saving account limit) खुलवा सकता है और अपने पैसे जमा कर सकता है। इसे लेकर इनकम टैक्स विभाग ने भी नियम तय कर रखे हैं, जिनका उल्लंघन होते ही झट से नोटिस (notice on saving account) आ जाता है। अगर विभाग के नोटिस से बचना है तो बचत खाते से जुड़े इन नियमों व एक व्यक्ति द्वारा खुलवाए जाने वाले अधिकतम बचत खातों की लिमिट को जरूर जान लें।

HR Breaking News - (saving account limit)। इनकम टैक्स विभाग की ओर से टैक्स सहित बैंक व खाताधारकों के लिए भी कई तरह के नियम (saving account rules) बनाए गए है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर विभाग तुरंत नोटिस भी भेज देता है।
सेविंग अकाउंट (IT rules for saving account) को लेकर भी विभाग ने नियम तय कर रखे हैं, पर अधिकतर लोग इन नियमों के बारे में नहीं जानते। इसी कारण यह संशय बना रहता है कि एक व्यक्ति कितने बचत खाते रख सकता है। विभाग के नोटिस से बचने के लिए यह नियम जानना हर किसी के लिए जानना जरूरी है।
इतने खाते व पैसे जमा रख सकता है एक व्यक्ति-
इनकम टैक्स विभाग (income tax department) के नियमों में सेविंग अकाउंट रखने को लेकर कोई निश्चित व निर्धारित नियम नहीं है। इनकम टैक्स विभाग सेविंग खातों की संख्या को लेकर कोई नोटिस (IT notice kab aata h) भी नहीं देता है। इस हिसाब से कोई भी कितने भी बचत खाते रख सकता है और उन खातों में कितनी भी राशि रखी जा सकती है। हां, इसे लेकर नियम जरूर है कि एक बार में या एक साल में खाते (bank account rules) में कितने रुपये निकाले या जमा कराए जा सकते हैं।
कितने रुपये निकाल व जमा कर सकते हैं एक साल में-
किसी भी सेविंग खाते में एक वित्तीय वर्ष में कैश में एक साथ या अलग अलग समय में 10 लाख या इससे ज्यादा रकम (cash deposit limit) जमा की जाए तो विभाग का नोटिस आपको मिल सकता है। अगर एक से अधिक खातों में भी इतनी रकम जमा (cash deposit rules) की जाती है तो भी आप विभाग के रडार पर आ सकते हैं और नोटिस मिल सकता है। इसी तरह से इतनी ही राशि खाते से एक बार में या अधिक बार में एक साल में निकाली जाती है तो भी विभाग नोटिस भेज सकता है।
व्यक्ति की ट्रांजेक्शन व खर्च पर होती है नजर-
इनकम टैक्स विभाग का नियम ट्रांजेक्शन (cash transaction rules) और खर्च करने पर लागू होता है। सेविंग खाते से कितने रुपये कैसे निकाले गए और कहां खर्च किए गए, इस पर आयकर विभाग (income tax department) कड़ी नजर रखता है। खर्च का ब्योरा व्यक्ति के क्रेडिट या डेबिट कार्ड उपयोग करने पर जुटा लिया जाता है, नहीं तो विभाग इसे कैश में खर्च किया जाना मान सकता है।
कैश ट्रांजेक्शन को लेकर रहें सावधान -
इनकम टैक्स का नोटिस (income tax notice) अधिकतर तो तब आता है जब कैश ट्रांजेक्शन के नियमों का उल्लंघन किया जाए। एक वित्तीय साल में 10 लाख से ज्यादा ट्रांजेक्शन (cash transaction rules) नहीं करना ही आपके लिए सही रहेगा, तभी विभाग के नोटिस से बचा जा सकता है। इसके अलावा एक बार की ट्रांजेक्शन में 2 लाख से ज्यादा की रकम नहीं होनी चाहिए।
विभाग को ऐसे पता लगता है हर ट्रांजेक्शन का-
एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख से ज्यादा और एक बार में 2 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करने पर विभाग का नोटिस (notice on cash transaction ) आ सकता है। पैन नंबर बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है और इसके जरिये इनकम टैक्स विभाग (IT department) को पूरी जानकारी मिल जाती है।
इस तरह विभाग तक पहुंचती है ट्रांजेक्शन की सूचना-
अगर बैंक खाते से किसी बैंक ग्राहक का पैन नंबर (PAN number) नहीं जुड़ा है तो जिस बैंक से आप 10 लाख से ज्यादा रुपये निकालेंगे या जमा करेंगे तो वह बैंक इनकम टैक्स विभाग (income tax department) को सूचित करेगा। कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट मास्टर जनरल भी यह जानकारी देने के लिए जिम्मेदार हैं। इस कार्य के लिए इनकम टैक्स विभाग ने ही इन्हें नियुक्त किया है।
तय समय में देना होता है नोटिस का जवाब -
बैंक ड्राफ्ट खरीदने या पे ऑर्डर लेने के लिए 10 लाख से ज्यादा रुपये कैश में खर्च किए जाते हैं तो नोटिस मिलने की पूरी संभावना है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) की ओर से कुछ प्रोडक्ट्स को प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट का दर्जा दिया गया है, इन्हें खरीदने के लिए एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख से अधिक रुपये खर्च कोई करता है तो उसे नोटिस (IT notice rules) भेजे जाने के अलावा उस पर अन्य कार्रवाई भी हो सकती है। विभाग के नोटिस का जवाब तय समय में देना होता है।
करंट अकाउंट को लेकर ट्रांजेक्शन का नियम -
करंट अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष (FY) में कोई ग्राहक 50 लाख से ज्यादा रकम जमा नहीं कर सकता। करंट अकाउंट (current account rules) से 50 लाख रुपये से ज्यादा निकालने पर भी नोटिस आ सकता है। चेक या किसी भी माध्यम से ऐसा करने पर आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा सकता है।