Income Tax : घर में कितना रख सकते हैं कैश, लेनदेन को लेकर भी तय है लिमिट, जान लें इनकम टैक्स के नियम
Income Tax : कई लोग इमरजेंसी फंड या अचानक जरुरत के लिए अपने घर में नकद (Cash Limit at Home) रखना पसंद करते हैं, ताकि उन्हें बैंक या एटीएम जाने की जरूरत न पड़े. लेकिन ऐसे में क्या आप ये जानते है कि आखिर घर में कितन कैश रख सकते है... और लेनदेन को लेकर क्या लिमिट? अगर नहीं तो चलिए आइए जानें इस खबर में-
HR Breaking News, Digital Desk- (Cash Transaction Limits and Penalties) कई लोग इमरजेंसी फंड या अचानक जरुरत के लिए अपने घर में नकद (Cash Limit at Home) रखना पसंद करते हैं, ताकि उन्हें बैंक या एटीएम जाने की जरूरत न पड़े. हालांकि, घर में नकद रखने की कोई आधिकारिक सीमा नहीं होती, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि घर में रखा गया नकद आपके आय के स्रोत से मेल खाता हो.
ऐसा न होने पर आप इनकम टैक्स (Income Tax) डिपार्टमेंट की नजर में आ सकते हैं. वहीं लेन देन की लिमिट को लेकर भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नियम तय कर रखे हैं, जिसका पालन न करने पर आपको भारी जुर्माना (fine) यहां तक 100 फीसदी या इससे भी ज्यादा जुर्माना देना पड़ सकता है.
घर में कैश पर लिमिट-
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने घर में नकद (cash at home) रखने की कोई निश्चित लिमिट नहीं बताई है, लेकिन यह आपकी आय और उसके स्रोत के अनुसार होना चाहिए. यदि आप उस पैसे को विधिवत तरीके से कमाते हैं और आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज तथा इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) हैं, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, यदि जांच होती है, तो आपको उस नकद के स्रोत का स्पष्ट विवरण देना होगा. इस प्रकार, कानूनी प्रक्रिया (legal process) का पालन करना अनिवार्य है.
2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन-
इनकम टैक्स कानू के तहत 2 लाख रुपये से अधिक के कैश लेनदेन को लेकर नियम हैं. इनकम टैक्स एक्ट (Income tax act) की धारा 269ST किसी भी व्यक्ति को एक व्यक्ति से और एक ही दिन में 2 लाख रुपये से अधिक कैश स्वीकार करने में प्रतिबंधित करती है. वहीं यह धारा एक ही घटना या अवसर से संबंधित एक व्यक्ति से प्राप्त कई लेनदेन के संबंध में प्रतिबंधित करती है. इसके बजाय, इसका पेमेंट चेक (payment check), कार्ड भुगतान या बैंक ट्रांसफर (bank tranfer) के जरिए करना होगा.
लोन पेमेंट के मामले में-
लोन पेमेंट (loan payment) के मामले में, कोई व्यक्ति इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269एसएस और 269टी के तहत कैश में 20,000 रुपये से अधिक की राशि स्वीकार नहीं कर सकता है या किसी संस्था या व्यक्ति को पेमेंट/रीपेमेंट नहीं कर सकता है. यह नियम कर्ज चुकाने पर भी लागू होता है. यहां तक कि संपत्ति (property) के लेनदेन में एडवांस (advance) सहित नकद लेनदेन के लिए 20,000 रुपये की ऊपरी सीमा है. उल्लंघन में, इनकम टैक्स डिपांर्टमेंट (Income tax department) जुर्माने के रूप में लोन या जमा राशि का 100 फीसदी वसूल कर सकता है.
गिफ्ट के मामले में-
बात जब उपहार देने या लेने की आती है, तो कोई भी व्यक्ति किसी से और एक अवसर पर 2 लाख रुपये से अधिक का कैश गिफ्ट स्वीकार नहीं कर सकता है. यह नियम किसी व्यक्ति के उसके रिलेटिव से मिलने वाले धन पर भी लागू होता है. जो लोग इस नियम को तोड़ते हैं और 2 लाख रुपये से अधिक कैश (cash) स्वीकार करते हैं, उन्हें उसी राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है.
बिजनेस के लिए-
बिजनेस के लिए, एक व्यक्ति को एक ही दिन में खर्च के रूप में 10,000 रुपये से अधिक का कैश पेमेंट नहीं किया जा सकता है। हालांकि, ट्रांसपोर्टर्स (transports) के लिए यह सीमा 35,000 रुपये है.
20 लाख रुपये से अधिक के कैश ट्रांजेक्शन पर-
एक फाइनेंशियल ईयर में 20 लाख रुपये से अधिक के कैश ट्रांजेक्शन (transaction) पर भी जुर्माना लग सकता है, अगर आपने इसका सोर्स नहीं बताया है. एक साल में आप अपने बैंक खाते में 20 लाख रुपये से अधिक का कैश डिपॉजिट (cash deposit) करते हैं, तब भी आपको पैन और आधार बैंक में दिखाने होंगे. बैंक में एक बार में 50,000 रुपये से उससे ज्यादा की निकासी या जमा पर आपको पैन कार्ड (pan card) दिखना होगा. शॉपिंग (shopping) करते समय 2 लाख से अधिक का पेमेंट (payment) कैश में नहीं कर सकते हैं. इसके लिए भी आपको पैन और आधार दिखाना होगा.
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम-
सरकार ने यह भी निर्धारित किया है कि टैक्सपेयर्स (taxpayers) को अपने मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम (insurance premium) का भुगतान करते समय भी लिमिट का पालन करना चाहिए. सभी मेडिकल प्रीमियम का भुगतान कैश के अलावा किसी भी माध्यम से किया जाना है, जिसमें विफल रहने पर करदाता सेक्शन 80डी के तहत कटौती का दावा करने के लिए अयोग्य हो जाता है.
