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Income Tax : भारत में इन लोगों को करोड़ों की कमाई पर भी नहीं देना होता एक रुपया भी टैक्स

Income Tax : भारत देश में इनकम टैक्स को लेकर कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत टैक्स के दायरे में आने वाले हर नागरिक को कर अदा करना होता है, जब बात इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आती है तो हर टैक्सपेयर्स के मन में यही सवाल उठता है कि क्या देश में कोई ऐसा राज्य नहीं है, जहां पर करोड़ों रुपये कमाने के बाद भी एक रुपया भी टैक्स नहीं चुकाना पड़े। बता दें कि देश में एक ऐसा राज्य है, जहां के निवासियों को कमाई पर कोई नहीं देना पड़ता। आईये जानते हैं - 

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Income Tax : भारत में इन लोगों को करोड़ों की कमाई पर भी नहीं देना होता एक रुपया भी टैक्स

HR Breaking News (Income Tax Rule)। इनकम टैक्स का नाम सुनते ही लोगों के कान खड़े हो जाते हैं। खासकर जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख करीब हो। भारत देश के हर उस नागरिक को टैक्स अदा करना होता है, जिसकी आय निश्चित सीमा से ज्यादा होती है।

यह हमारे देश के विकास और सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी भी है। लेकिन, ऐसे में टैक्सपेयर्स के मन में एक ही सवाल आता है कि क्या देश में कोई ऐसा राज्य या शहर नहीं, जहां करोड़ों रुपये कमाने के बाद भी एक रुपया भी टैक्स (Income Tax Rule) ना चुकाना पड़े। जी हां, देश मेंएक ऐसा राज्य है जहां पर रहने वालों को सरकार को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

इस राज्य के लोगों को नहीं देना पड़ता टैक्स  - 

जब पूरे देश में इनकम टैक्स एक्ट (income tax act), 1961 के तहत टैक्स फाइलिंग करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है, और टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है। लेकिन एक ऐसा राज्य भी है जहां पर लोगों को टैक्स भरने के लिए कोई तारीख नहीं दी गई है असल में यहां के लोगों को कोई टैक्स देना ही नहीं होता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सिक्किम (Sikkim) की। उत्तर-पूर्वी भारत में बसा यह छोटा सा राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ इस विशेष टैक्स छूट के लिए भी देशभर में फेमस है।


 सिक्किम के मूल निवासियों को अपनी आय पर किसी भी तरह का इनकम टैक्स (Income Tax Rule) नहीं देना होता, चाहे उनकी कमाई लाखों में हो या करोड़ों में। आयकर विभाग उनसे टैक्स के रूप में एक भी रुपया वसूल नहीं कर सकता।

सिक्किम वालों को क्यों नहीं देना पड़ता टैक्स - 

हर किसी के मन में एक ही सवाल आ रहा है कि आखिरी सिक्किम के लोगों को इनकम टैक्स क्यों नहीं चुकाना पड़ता। बता दें कि इसके पीछे एक ऐतिहासिक और संवैधानिक कारण है। चलिए जानते हैं? 

1975 में रखी गई थी खास शर्त - 


दरअसल, सिक्किम को भारत में सन् 1975 में जोड़ा गया था। इस विलय पर एक खास शर्त रखी गई थी कि सिक्किम (Sikkim Income Tax Free Rules) अपने पुराने कानूनों और विशेष दर्जे (Special Status) को बरकरार रखेगा और इस शर्त को स्वीकार किया गया। 

विशेष कानून का दर्जा - 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 (F) के तहत सिक्किम को विशेष दर्जा मिला हुआ है। इसी अनुच्छेद के प्रावधानों के तहत सिक्किम के निवासियों को टैक्स पर विशेष अधिकार दिए गए हैं। 


आयकर विभाग की इस धारा के तहत नहीं देना पड़ता टैक्स - 

सिक्किम (Sikkim Income Tax Free Rules) के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत कमाई पर टैक्स से छूट मिलती है यानी इनकम टैक्स की विशेष धारा के रूप में सिक्किम के नागरिकों लाखों या फिर करोड़ों की कमाई पर एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ता। 

क्या होती है इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (26AAA)?

 

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (26AAA) सिक्किम के निवासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आइए, जानते हैं कि इस धारा में आखिर क्या कहा गया है।

टैक्स से जुड़ी पूरी छूट - 


इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (26AAA) के तहत, सिक्किम (income tax free state) के किसी भी मूल निवासी की इनकम पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर रहेगी। यह आय चाहे किसी भी स्रोत से हो, जैसे:
- वेतन (Salary)
- व्यापार या पेशे से लाभ (Business or Profession Income)
- किसी भी प्रकार की सिक्योरिटीज (जैसे शेयर, बॉन्ड आदि) से मिलने वाला ब्याज (Interest)
- कंपनियों से मिलने वाला लाभांश (Dividend)

किन लोगों को मिलती है टैक्स में छूट - 

बता दें कि आयकर विभाग (income tax free state) की इस धारा में यह साफ किया गया है कि सिक्किम के भारत में जोड़ने (26 अप्रैल 1975) से पहले जो भी लोग वहां बस गए थे, या जिनके पूर्वज वहां रहते थे, उन्हें टैक्स में छूट का लाभ मिलता है।

इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनका नाम "Sikkim Subjects Regulations, 1961" के रजिस्टर में दर्ज है, और वे लोग भी जिनके नाम इस रजिस्टर में नहीं हैं लेकिन वे विलय से पहले सिक्किम (income tax free state) के निवासी थे या उनके वंशज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल के कुछ फैसलों में इस छूट के दायरे को और साफ किया है।

सिक्किम की टैक्स छूट- एक अनोखी संवैधानिक व्यवस्था 

सिक्किम (income tax free state) को मिली यह टैक्स छूट भारत की संघीय व्यवस्था और तमाम राज्यों की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विशिष्टताओं का सम्मान करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

यह न केवल सिक्किम के लोगों को एक विशेष पहचान और आर्थिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि यह भारत की "विविधता में एकता" की भावना को भी दर्शाता है। हालांकि, इस छूट को लेकर समय-समय पर बहस भी होती रही है, लेकिन संवैधानिक प्रावधानों और ऐतिहासिक समझौतों के कारण यह व्यवस्था आज भी बनी हुई है।

सिक्किम को मिला खास दर्जा - 

देशभर में सिक्किम टैक्स फ्री राज्य (income tax free state) को लेकर काफी चर्चा में है। सिक्किम का टैक्स फ्री दर्जा भारतीय संविधान और इतिहास का एक अनूठा पहलू है। यह न केवल सिक्किम के लोगों के लिए एक बड़ी आर्थिक राहत है, बल्कि देश में एक नई पहचान भी देता है।

जब पूरा देश इनकम टैक्स (income tax news) के नियमों और डेडलाइन को लेकर चिंता में होता है। तब सिक्किम के रहने वाले इस विशेष इनकम टैक्स छूट का लाभ उठाते हैं। आकयर विभाग का यह खास नियम उन्हें सबसे अलग बनाता है।