Income Tax Notice : आयकर विभाग का एक्शन प्लान तैयार, इन टैक्सपेयर्स से वसूला जाएगा 200 फिसदी जुर्माना
Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। आपको बता दें कि आयकर विभाग ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। जिसके तहत अब इन टैक्सपेयर्स से 200 फिसदी जुर्माना वसूला जाएगा...
HR Breaking News, Digital Desk- आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय टैक्स छूट और कटौती का दावा करते समय बहुत सावधान रहना चाहिए. आयकर विभाग (Income tax department) चालू वर्ष या यहां तक कि पिछले वर्षों के लिए दायर आईटीआर को प्रॉसेस करते समय आईटीआर में क्लेम की गई कटौती और टैक्स छूट के प्रमाण की मांग कर सकता है. फर्जी रेंट रसीद जमा करने वालों को आयकर विभाग नोटिस भेज रहा है.
टैक्सपेयर्स आइटीआर में क्लेम की गई टैक्स छूट या कटौती के सबूत दे सकते हैं, तो उन्हें दावों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, यदि व्यक्ति प्रमाण देने में असमर्थ हैं या आयकर विभाग प्रमाण से संतुष्ट नहीं है, तो क्लेम (claim) की गई कटौती और टैक्स छूट को अप्रमाणित माना जाएगा. ऐसे मामलों में आयकर विभाग जुर्माना (income tax department penalty) लगा सकता है. टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार गलत कटौती क्लेम करने से इनकम की गलत रिपोर्टिंग होती है.
बिजनेस कंसल्टिंग ग्रुप डीवीएस एडवाइजर्स (Business Consulting Group DVS Advisors) के संस्थापक और सीईओ दिवाकर विजयसारथी कहते हैं कि फर्जी किराया रसीदों के आधार पर हायर एचआरए छूट क्लेम करना या दस्तावेजी साक्ष्य के बिना चैप्टर VI-ए के तहत कटौती क्लेम करना गलत बयानी या तथ्यों को छिपाना माना जाएगा. आयकर अधिनियम, 1961 के तहत इसे इनकम की गलत रिपोर्टिंग माना जाता है. बीते दिनों आयकर विभाग ने वेतनभोगी टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजकर वित्त वर्ष 2021-22 (AY 2022-23) के लिए आईटीआर फाइलिंग में क्लेम की गई कटौती से संबंधित प्रमाण मांगे हैं.
आईटीआर फाइलिंग वेबसाइट टैक्स2विन.इन के सीईओ अभिषेक सोनी कहते हैं कि आयकर विभाग ने देखा है कि करदाता आईटीआर दाखिल करते समय कर रिफंड क्लेम करने के लिए फर्जी कटौती और छूट क्लेम कर रहे हैं. ध्यान दें कि आयकर विभाग इन फर्जी लोगों को ट्रैक कर सकता है. उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति ने एचआरए के लिए कटौती क्लेम करने में बताया है कि किराया माता-पिता को भुगतान किया गया है और यदि माता-पिता अपने आईटीआर में इस किराये की आय की रिपोर्ट करने से चूक गए हैं तो आयकर विभाग ऐसे मामलों की पहचान कर सकता है और नोटिस भेजने के साथ ही मोटा जुर्माना भी लगा सकता है.
गलत क्लेम करने या जानकारी देने पर कितना जुर्माना लगेगा?
यदि करदाता दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराता है तो आयकर विभाग आय को गलत जानकारी देने पर जुर्माना लगाने के साथ ही दंडात्मक ब्याज (penal interest) भी लगा सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक आयकर अधिनियम की धारा 270ए के तहत ऐसी गलत रिपोर्ट की गई इनक पर देय टैक्स के 200% के बराबर राशि का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा जुर्माने में ब्याज भी शामिल हो सकता है. वहीं आय की कम रिपोर्टिंग पर आयकर विभाग लागू ब्याज सहित देय टैक्स का 50% तक जुर्माना लगा सकता है.